हाल ही में, छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव ज़िले में बघीरा नामक एक कुत्ते ने नक्सलों द्वारा लगाए गए लगभग 20 किलो के बम का पता लगाकर बहुत से सुरक्षा कर्मियों की जान बचायी है।
बघीरा, इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्त विस्फोटक पहचान समूह का प्रशिक्षित कुत्ता है। बघीरा उन 20 कुत्तों के समूह में से एक है, जिन्होंने साल 2016 में अपनी ट्रेनिंग पूरी की है।
29 जुलाई को राजनंदगांव के मानपुर-बसेली रोड पर सुरक्षाकर्मियों का एक दल गश्त पर था। उनके साथ बघीरा भी था। उस दिन नमी में भी बघीरा ने एक स्पार्क प्लग का पता लगाया जिसका उपयोग इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक डिवाइस (आईईडी) में किया गया था।
इस आईईडी बम को चिपकने वाली फिल्म की पांच परतों और इसकी गंध को रोकने के लिए पॉलिथीन में पैक किया गया था। लेकिन बघीरा ने कुछ सेकंड में बम का पता लगा लिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बगीरा और आईटीबीपी के सभी अफसरों को शाबाशी दी। इस तरह के आईईडी का उपयोग केवल तालिबान द्वारा किया गया था और नक्सलों द्वारा पहली बार किया गया है।
आईटीबीपी भारत की पहली फाॅर्स है जिसमें डोबर्मन कुत्तों को ट्रेनिंग देकर सर्विस पर रखा गया है।