Site icon The Better India – Hindi

सलाम! दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने युवा सहयोगी को बचाने के लिए सीने पर खायी गोली!

फोटो: टाइम्स ऑफ़ इंडिया

कुछ दिन पहले ही हमने उत्तराखंड के सब-इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह और मुंबई के ट्रैफिक पुलिस कर्मी इंग्ले के बारे में सुना, जिनके अपने काम के प्रति निष्ठा को सम्पूर्ण देश ने सराहा। हमारे देश के पुलिस विभाग का एक और ऐसा ही कारनामा बीते शनिवार राजधानी में देखने को मिला।

दिल्ली के छतरपुर में दिल्ली पुलिस के एक स्पेशल टीम नामी गैंगस्टर राजेश भारती को पकड़ने के लिए गयी थी। इसी बीच पुलिस और गैंगस्टर के बीच गोलीबारी शुरू हो गयी। जहां एक तरफ दिल्ली पुलिस ने उन चारों गैंगस्टरो को मार गिराया वहीं बहुत से पुलिस कर्मी भी घायल हुए।

राजेश भारती हरियाणा के जींद से ताल्लुक रखता है और ‘क्रांति गिरोह’ के नाम से बहुत से अपराधों को अंजाम देता है। उस पर कई लूटपाट, हत्या और अपहरण के मामले दर्ज है और उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रूपये का इनाम भी है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सब-इंस्पेक्टर बिजेन्दर सिंह देशवाल ने अपने 25-वर्षीय सहयोगी, हेड कॉन्सटेबल गुरदीप सिंह को बचाने के लिए अपने सीने पर गोली खायी। गुरदीप सिंह का एक तीन महीने का बच्चा है। इसके अलावा दूसरे सब-इंस्पेक्टर राज सिंह ने अपने हाथ पर गोली लगने के बावजूद अपने सभी साथियों को अस्पताल पहुंचाया।

फोटो: ज़ी न्यूज़

देशवाल के बेटे आशीष, जो एक फिज़ियोथेरपिस्ट हैं, उन्होंने बताया कि उनके पिता पिछले 15 साल से इस स्पेशल टीम का हिस्सा हैं और वे अपने काम से बहुत प्यार करते हैं। ये पल उनके लिए गर्व के साथ-साथ चिंता से भी भरा है क्योंकि एक तरफ उनके पिता की बहादुरी है और दूसरी तरफ उनकी जान की फ़िक्र, क्योंकि उन्हें दूसरी बार गोली लगी है।

यह भी पढ़े – Exclusive : मिलिए भीड़ के हाथों युवक को मरने से बचाने वाले सब इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह से!

इसी सब के बीच सफदरजंग अस्पताल में एमबीबीएस अंतिम वर्ष की एक छात्रा कोमल काद्यान के लिए गोली के घावों के साथ एक मरीज़ के इलाज का पहला अनुभव था। और यह मरीज़ और कोई नहीं बल्कि उनके खुद के पिता कृष्ण काद्यान थे। कृष्ण काद्यान भी इस स्पेशल टीम का हिस्सा थे, जो मुठभेड़ में घायल हुए।

कोमल ने बताया कि, “पापा ने घटना की पहली रात घर पर सबको जल्दी सोने के लिए कहा क्योंकि सुबह उन्हें जल्दी ही किसी काम से जाना था। शनिवार की सुबह 4:30 बजे वे घर से निकले थे। उसी शाम कोमल को फ़ोन आया कि वे एक दुर्घटना के चलते अस्पताल आ रहे हैं।

शूटआउट में आठ विशेष पुलिस कर्मी घायल हुए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एक हेड कांस्टेबल, गिरधर को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि चार पुलिस अधिकारी अभी भी आघात केंद्र में हैं। अन्य तीन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

दिल्ली पुलिस की इस दिलेरी को हम सलाम करते हैं। साथ ही सराहना करते हैं बिजेन्दर जैसे पुलिस कर्मियों की जो अपनी ड्यूटी के साथ-साथ अपने साथियों के लिए भी अपनी जान दांव पर लगा सकते हैं। यक़ीनन देश के अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इसने प्रेरणा लेंगें।

( संपादन – मानबी कटोच )


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे।

 

 

 

Exit mobile version