Site icon The Better India – Hindi

खराब मौसम के बावजूद, यह डॉक्टर व उनके दो सहयोगी हर दिन कर रहे हैं 50 अमरनाथ यात्रियों का इलाज!

फोटो: हिंदुस्तान टाइम्स

मरनाथ यात्रा की तस्वीरें एक बार देखकर ही आपको समझ आ जाएगा कि वहां के पहाड़ों पर रास्ता तय करना कितना मुश्किल है। इसके अलावा मौसम की स्थिति रास्ते को और चुनौतीपूर्ण बना देती है।

हर साल ना जाने कितने भक्त अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 3,880 मीटर ऊंची चढ़ाई चढ़ते हैं। इस 60 दिन की वार्षिक तीर्थ यात्रा के दौरान दुर्घटनाओं की कई ख़बरें सामने आती हैं, जिनमें कई लोगों की दुर्भाग्यवश मृत्यु भी हो जाती है।

इस वर्ष भक्तों को समय पर मेडिकल सहायता प्रदान करने के उद्देशय से, 400 से अधिक डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऊंचाई पर आपात कालीन स्थिति के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

मेडिकल टीम के वापिस लौटने के बावजूद डॉ. मागरे और उनके साथ एक फार्मासिस्ट व एक नर्सिंग अटेन्डी, वहां डटकर जरूरतमंद यात्रियों का इलाज कर रहे हैं। यात्रा अपने चरम पर है और हर दिन डॉ. मागरे लगभग 50 मरीजों का इलाज करते हैं।

फोटो: फेसबुक/अमरनाथ यात्रा

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार यात्रा में अनेक कारणों के चलते सात यात्रिओं की मौत हो गयी है। आंध्र प्रदेश के 75 वर्षीय थोटा राधनाम की बालताल में व राशा कृष्ण शास्त्री की गुफा में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। इसके अलावा पुष्कर जोशी नामक व्यक्ति की मौत बरारीमार्ग और रेलपथरी के बीच एक पत्थर से टकराने से हुई।

इसके साथ ही वहां ऑक्सीजन का दबाब लगातार कम होने के कारण लोगों का सोते समय दम घुटता है।

डॉ. मागरे ने कहा, “मरीज़ों को लगता है कि उनके फेफड़े फट जायेंगें और इसीलिए वे ज्यादा हवा के लिए टेंट खोल लेते हैं, जिससे पूरी रात उन्हें ठंड का सामना करना पड़ता है।”

25 ऑक्सीजन सिलेंडर, एक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर (जो ऑक्सीजन उतपन्न करता है), मरीज़ का ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करने के लिए ऑक्सीमेट्रिक मशीन, व एक हाइपो बैग (इसकी मदद से आपातकालीन स्थिति में मरीज़ की सांस 15 सेकेंड में वापिस लायी जाती है ) के साथ डॉ. मागरे और उनकी टीम मरीज़ों की देख-भाल में जुटी है।

द बेटर इंडिया, इस टीम के हौंसलों को सलाम करता है, जिन्होंने स्वयं से पहले सेवा को रखा है।

( संपादन – मानबी कटोच )


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे।

 

Exit mobile version