19 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर देश को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे संयम के साथ इस संकटपूर्ण स्थिति का मुकाबला करें। नागरिकों से सहयोग मांगते हुए उन्होंने, रविवार, 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करने का आग्रह किया है। यह रविवार को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक रहेगा और इस दौरान सभी लोगों को ‘सेल्फ आइसोलेशन’ में रहना होगा, यानी लोगों को घर पर ही रहने का आग्रह किया गया है। हालांकि, आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के लिए छूट दी गई है।
ये बातें आपके लिए हैं ज़रूरी
- रविवार, 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक सभी लोगों को ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करना है। जब तक कि कोई आपातकालीन स्थिति ना हो, सभी नागरिकों को सुबह 7 से रात के 9 बजे तक घर में रहने की सलाह दी गई है।
- केवल वे नागरिक जो आवश्यक सेवाओं का हिस्सा हैं, उन्हें बाहर निकलने की इजाज़त है। इनमें मेडिकल पेशे से जुड़े लोग(डॉक्टर, नर्स), सहायक कर्मचारी और मीडियाकर्मी शामिल हैं।
- सीनियर सिटिज़न्स (जिनकी उम्र 60 से अधिक है) को दो हफ्तों तक घर से बाहर न निकलने की भी सलाह दी गई है।
- जिन्हें मामूली सर्दी या खांसी है उनको भी घबरा कर अस्पताल जाने की जल्दबाज़ी न करने की सलाह दी गई है। ये भी कहा गया कि ऐसी स्थिति में पहले आपको किसी मेडिकल प्रोफेशनल से बात कर मदद मांगनी चाहिए, फिर उनकी सलाह के बाद ही अस्पताल जाना चाहिए।
- बेहद आवश्यक चीजें जैसे दूध, राशन, दवाईयां आदि की सप्लाई में कमी न हो, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाय़े गए हैं। इसलिए, नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इन चीज़ों की जमाखोरी न करें।
- इस दौरान, रेग्युलर चेकअप के लिए अस्पताल जाने से बचें, अगर हो सके तो ऐसी सर्जरी की तारीख आगे बढ़ा दें जो आप बाद में भी करवा सकते हैं।
- नागरिकों से ये भी आग्रह किया गया है कि वे अपने कर्मचारियों की सैलरी न काटें। विशेष रूप से दिहाड़ी मजदूर या श्रमिक, घर पर काम करने वाले स्टाफ और ड्राइवर जो आने वाले दो हफ्तों तक शायद काम पर न आ पायें, उन्हें सैलरी देते वक्त पैसे न काटने की सलाह दी गई है।
- प्रधानमंत्री ने COVID-19 रिस्पॉन्स टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा की। ये टास्क फोर्स इस महामारी के वक्त होने वाले आर्थिक संकट से जूझने के लिए गठित किया गया है।
मूल लेख – विद्या राजा
संपादन – अर्चना गुप्ता