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बारिश में कीड़ों से करें पेड़-पौधों की सुरक्षा, इन देसी तरीकों से बनाएं जैविक स्प्रे

मध्यप्रदेश के छिंदवाडा में रहने वाली ऋतू सोनी पिछले कई सालों से टेरेस गार्डनिंग कर रही हैं। अपने 1200 स्क्वायर फीट के गार्डन में वह तरह-तरह के फल, फूल और सब्जी उगाती हैं। पहले वह स्कूल में टीचर थी, लेकिन अब वह अपना पूरा वक्त गार्डनिंग को देती हैं। उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है, जिसके माध्यम से वह लोगों को गार्डनिंग से जुड़ी जानकारियाँ देती हैं।

गार्डनिंग करते वक्त बारिश के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऋतू सोनी ने इस संबंध में द बेटर इंडिया को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में पेड़-पौधे लगाना बहुत ही अच्छा रहता है, लेकिन यह भी सच है कि इसी मौसम में सबसे अधिक कीड़े-मकौड़े पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचाते हैं।

Ritu Soni’s Garden

बारिश में होने वाली परेशानी:

ऋतू सोनी कहती हैं कि बारिश के मौसम में खासतौर पर आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। बारिश में वह अपने गार्डन में इन चीजों का विशेष ध्यान रखती हैं:

पौधों के लिए जैविक स्प्रे:

Representative Image (Source)

ऋतू सोनी कुछ तरीके बता रही हैं, जिनसे आप घर पर ही बरसात के मौसम के लिए जैविक स्प्रे बना सकते हैं।

1. लिक्विड फ़र्टिलाइज़र:

क्या-क्या चाहिए: प्याज, लहसुन, फलों और सब्जियों के छिलके, चायपत्ती, बेसन और गुड़

कैसे बनाएं:

Add Fruits, vegetables peels, tea and water and blend it.

ऋतू सोनी कहती हैं कि इसके इस्तेमाल से कीड़े आपके पेड़ों से दूर रहेंगे और साथ ही, आपके पेड़ों का विकास अच्छे से होगा।

2. अमृतजल:

क्या-क्या चाहिए: 1 किलो गाय का गोबर, 1 लीटर गौमूत्र, पुराना गुड़

Amrutjal

कैसे बनाएं:

आपका अमृतजल तैयार है। आप इसे स्प्रे बोतल में डालकर पेड़ों की जड़ों में स्प्रे करें।

साथ ही, पॉटिंग मिक्स तैयार करते समय भी आप इसे मिट्टी में मिला सकते हैं।

वीडियो यहाँ देखें: 

3. सरसों और नीमखली का खाद:

क्या-क्या चाहिए:
सरसों और नीम की खली, एप्सोम साल्ट, पालक, मेथी और धनिया की जड़ों का उबला हुआ पानी

कैसे बनाएं:

पौधों में फ़र्टिलाइज़र हमेशा शाम को डालें ताकि यह गर्मी से भाप न बनें। इससे बारिश के मौसम में भी आपके पेड़-पौधों में पोषण बना रहेगा।

4. इको/बायो एंजाइम

Bio-enzyme

आप सूखे फूलों की पंखुड़ियों, फलों के छिलकों, सब्जियों के छिलकों और नीम के पत्तों से इको एंजाइम बना सकते हैं।

इसके अलावा आपको पानी और पुराना गुड़ चाहिए।

क्या करें:

ऋतू कहतीं हैं कि तीन महीने बाद जब आप इस बोतल को खोलें तो सबसे पहले ढ़क्कन को हल्का-सा खोलें ताकि इसमें बनी गैस निकल जाए। जब यह गैस पूरी निकल जाए तब ही ढ़क्कन को पूरा खोलें।

90 दिनों में आपका इको-एंजाइम तैयार हो जाएगा और इसे आप स्प्रे बोतल में डालकर पेड़-पौधों पर स्प्रे कर सकते हैं। खासतौर पर बारिश के बाद जब मौसम खुलता है तो बहुत से कीड़े पौधों पर आते हैं। इस स्प्रे से आपको इन कीड़ों से निजात मिलेगी।

5. ह्यूमिक एसिड फ़र्टिलाइज़र:

इससे पौधों की पोषक तत्व लेने की क्षमता बढ़ती है। यह मिट्टी के टेक्सचर को भी अच्छा करता है और पौधों में जमने वाली नमक की परत को हटाता है। यह मिट्टी के पीएच लेवल को मैनेज करता है।

Gobar ke Upale

इससे बारिश के दौरान मिट्टी से बहने वाले पोषक तत्वों को जल्दी वापस लेने में मदद मिलती है। इसे आप महीने में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

वीडियो यहाँ देखें: 

ऋतू सोनी कहती हैं कि उन्होंने जो भी तरीके बताएं हैं, वह खुद इन्हें अपने गार्डन में इस्तेमाल करती हैं और उन्हें काफी अच्छे नतीजे मिले हैं। वह लगातार अलग-अलग विषयों पर वीडियो बनाती रहतीं हैं। इन #DIY तरीकों को अपनाएँ और अपने पेड़-पौधों को अच्छा पोषण दें।

अगर आप पेड़-पौधों से संबंधित और किसी समस्या के बारे में जानना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम किसी गार्डनिंग एक्सपर्ट से बात कर आपतक जानकारी पहुंचाने की कोशिश करेंगे।


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