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#Gardening: नवंबर के महीने में घर की छत या बालकनी में उगाएं ये सब्ज़ियाँ

सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों का आनंद ही कुछ और है। पोषण से भरपूर हरी-हरी साग-सब्जियां आपके डाइनिंग टेबल की रौनक बढ़ा देती है। किचन गार्डनिंग करने वाले लोग जानते हैं कि नवंबर का महीना ठंड के मौसम की सब्जी उगाने का सबसे उपयुक्त समय होता है। इस महीने में आप अलग-अलग तरह की सब्जियां लगा सकते हैं ताकि फरवरी-मार्च तक आपको ताज़ी और पोषण से भरपूर सब्जियां मिलती रहे। आज हम आपको ऐसी ही कुछ सब्जियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप आसानी से अपने घर में उगा सकते हैं।

लगभग एक दशक से टैरेस गार्डनिंग कर रहे उमेद सिंह बताते हैं कि नवंबर के महीने में आप तरह-तरह की हरी सब्जियां और खासकर कि सलाद वाली सब्जियां लगा सकते हैं। सर्दियों के मौसम को खूब खाने का मौसम कहा जाता है। सिंह कहते हैं, “इस मौसम में जितनी साग-सब्ज़ियाँ आप खा सकते हैं ज़रूर खाने चाहिएं। और इससे अच्छा क्या हो सकता है कि आपकी ये साग-सब्ज़ियाँ आपके अपने घर में जैविक तरीकों से उगाई गई हों।”

“इस मौसम में आप गाजर, मूली, धनिया, पालक, मालाबार पालक, मेथी, शलजम, साग, लेटस, केल, स्विस चार्ड, टमाटर, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर आदि लगा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ हर्ब्स जैसे रोजमेरी, ओर्गानो उगा सकते हैं। ये सभी पौधे उगाना बहुत ही आसान है, आपको बस थोड़ा-बहुत ख्याल रखना होगा,” उन्होंने आगे कहा।

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सब्जियां लगाने के लिए उमेद सिंह सलाह देते हैं कि आप जितना हो सके थोड़े बड़े गमलों, ग्रो बैग या फिर पुराने ड्रम का इस्तेमाल करें। सब्जियों को जितनी जगह मिलती है, वह उतने ही अच्छे से ग्रो करतीं हैं। अगर आप पौध तैयार करें तो बीज एक गमले या ग्रो बैग में जगह के हिसाब से बीज लगाएं। पौध अच्छे से तैयार होगी तो आप इसे आसानी से ट्रांसप्लांट करके सब्जियां उगा पाएंगे।

आज द बेटर इंडिया के साथ जानिए कि नवंबर में कौन-सी सब्जी आप कैसे लगा सकते हैं!

1. शलजम:

नवंबर के महीने में आप शलजम लगा सकते हैं। इसका तरीका बहुत ही आसान है। पॉटिंग मिक्स के लिए आप मिट्टी में कोकोपीट, रेत, खाद और सरसोंखली आदि भी मिला सकते हैं। इसके साथ-साथ अगर आप चाहें तो बिना ट्रांसप्लांट करे भी एक ही गमले में दो-तीन शलजम सीधा उगा सकते हैं।

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ढाई-तीन महीने में आपकी शलजम हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाएगी। आप चाहें तो इनके पत्ते पूरी तरह से सूखने का इंतज़ार कर सकते हैं या फिर हरे पत्ते होते हुए ही आप शलजम हार्वेस्ट कर सकते हैं। इससे आप पत्ते और शलजम, दोनों चीजें इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. पालक:

ठंड में पालक की पौध आप आसानी से तैयार कर सकते हैं। अगर आपके इलाके का तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच हो। साथ ही, जो भी गमले या ग्रो बैग आप ले रहे हैं उनमें अच्छा ड्रेनेज सिस्टम हो। अगर पानी मिट्टी में ठहरता है तो आपके पौधे खराब हो सकते हैं।

पालक

पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए आप मिट्टी, रेत और गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट की बराबर मात्रा ले सकते हैं। अगर आपके आस-पास रेत न हो तो आप कोकोपीट भी ले सकते हैं, जो आपको ऑनलाइन मिल जाएगा।

लगभग 40 दिन बाद आपकी पालक इतनी तैयार हो जाती है कि आप इसे ऊपर से काटकर इस्तेमाल कर सकते हैं। हमेशा पालक को ऊपर से काटें क्योंकि यह कुछ दिनों बाद फिर से बढ़ जाती है और इस तरह से आप एक ही बैच से कई बार पालक की उपज ले सकते हैं।

वीडियो यहाँ देखें:

3. गाजर:

गाजर की बुवाई वैसे तो अगस्त से शुरू हो जाती है लेकिन अगर आप अभी भी गाजर के बीज लगाएंगे तो आपको अच्छा रिजल्ट मिलेगा। गाजर उगाने के लिए आप बाज़ार से जैविक बीज खरीद सकते हैं। पॉटिंग मिक्स के लिए आप मिट्टी, रेत या कोकोपीट और खाद ले सकते हैं।

गाजर एक रूट क्रॉप है और इसलिए ज़रूरी है कि आप कोई ऐसा गमला या ग्रो बैग लें जिसका ड्रेनेज सिस्टम बहुत ही अच्छा हो। इसके साथ ही, यह गमला या ग्रो बैग थोड़ा गहरा भी होना चाहिए ताकि गाजर को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिले।

Carrot

एक गमले में आप बहुत ज्यादा पौधे मत लगाएं ताकि आपको गाजरों की ग्रोथ अच्छी मिले। साथ ही, गाजर के पौधे 2-3 हफ्ते के होने के बाद आप इनमें लिक्विड फ़र्टिलाइज़र दे सकते हैं। कोशिश करें कि हर दस दिन में आप बदल-बदल कर फ़र्टिलाइज़र पौधों को दें।

हमारे एक और टैरेस गार्डनर अंकित बताते हैं कि अक्सर लोग गाजर के ऊपरी हिस्से को काटकर फेंकने की बजाय रख लेते हैं और इसे मिट्टी या पानी में लगाकर पौधे बनाते हैं। लेकिन इस तरह से आपको गाजर की सब्ज़ी नहीं मिलती है। जी हाँ, गाजर की जड़ वाले हिस्से को लगाने से आपको पौधे अवश्य मिलेंगे लेकिन इनमें गाजर नहीं लगती हैं। लेकिन गाजर के बीज बनाने के लिए यह अच्छा प्रयोग है। अगर आप ये पौधे लगाते हैं तो इनमें फूल लगते हैं। इन फूलों के सूखने के बाद आपको इनसे ढेर सारे बीज मिलते हैं, जिन्हें आप अगले मौसम में लगा सकते हैं।

4. मूली:

Radish

मिट्टी का आपको ध्यान रखना है कि इसमें नमी रहे। लगभग 6-7 दिन में आपके बीज उगने लगेंगे और लगभग तीन हफ्ते बाद ये पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि आप ट्रांसप्लांट कर सके। अब आप गमले में पॉटिंग मिक्स डालें और इसमें पौधों को लगा दें।

वीडियो यहाँ देखें:

5. चकुंदर:

Beetroot

आपके चकुंदर के पौधे लगभग 3 महीने बाद हार्वेस्टिंग के लिए तैयार होंगे।

आप वीडियो देख सकते हैं:

बीजों को अच्छे से बोने के साथ-साथ इनमें पेस्ट लगने का भी पूरा ध्यान रखना होता है। पेस्ट अटैक से पौधों को बचाने के लिए आप घर पर ही कई तरह के जैविक पेस्टीसाइड बनाकर डाल सकते हैं। आप नीम का तेल छिड़क सकते हैं या फिर डिशवॉश लिक्विड को पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप चाहें तो मिर्च, अदरक और प्याज आदि का पेस्ट बनाकर भी स्प्रे कर सकते हैं।

गार्डनिंग का एक ही नियम है कि आप कोशिश करें, अपनी गलतियों से सीखें और फिर से कोशिश करें। एक न एक दिन आपको सफलता अवश्य मिलेगी, लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि आप कुछ न कुछ लगाएं।

हैप्पी गार्डनिंग!!!

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