जिस दौर में ईमानदारी को एक दुर्लभ गुण माना जाने लगा हो, धन के पीछे भागते लोग दिखते हों, ऐसे वक्त में यदि किसी के हाथ मुफ्त में 7.5 लाख रूपये का सामान लग जाए और वह उसे संबंधित कंपनी को लौटा दे तो यह निश्चित रूप से हमारे-आपके लिए एक मिसाल है। समाज के किसी गुमनाम कोने में खड़े ऐसे लोगों की वजह से ही नैतिकता और इंसानियत बची हुई है।
यह कहानी है राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले दो दोस्त, गमेर सिंह राणावत और नीलेश जांगिड़ की। दोनों अपने शहर में ही सोलर एनर्जी के विषय में पिछले चार वर्षों से यूट्यूब वीडियो बनाने का काम करते हैं, लेकिन कुछ दिन पहले उनके साथ एक अजीबोगरीब घटना हुई।
इस विषय में नीलेश जांगिड़ ने द बेटर इंडिया को बताया, “अगस्त में हमने डेल कंपनी का एक लैपटॉप खरीदा था, लेकिन कुछ ही दिनों में लैपटॉप की माइक खराब हो गई, इसे लेकर हमने 30 सितंबर को कंपनी में शिकायत दर्ज की। इसके बाद, लगभग एक महीने में हमें नया लैपटॉप मिला।”
लेकिन, इसके कुछ ही देर के बाद उन्हें एक और पार्सल मिला, जिसमें एक और लैपटॉप था।
इसके बारे में गमेर सिंह राणावत कहते हैं, “अपना लैपटॉप रिप्लेस होकर आने के बाद हमें ब्लू डार्ट के जरिए एक के बाद एक कर पाँच पार्सल मिले। शुरू में हमें कुछ समझ में नहीं आया, लेकिन जब हमने बॉक्स को खोला तो उसमें डेल के लैपटॉप थे, इसे देख कर हम हैरान रह गए।”
क्या थी पहली प्रतिक्रिया
गमेर कहते हैं, “शुरू में तो हमें लगा कि किसी कंपनी ने लैपटॉप को रिव्यू करने के लिए हमारे पास भेजा है, लेकिन फिर विचार आया कि यदि कंपनी भेजती तो, एक ही लैपटॉप भेजती, पाँच नहीं, इससे मुझे लगा कि कुरियर वाले से जरूर कोई गलती हुई है।”
वहीं, निलेश कहते हैं, “जब पहला पार्सल आया तो हमें लगा कि हमारे लैपटॉप को देरी से रिप्लेस करने के कारण कंपनी ने हमें कोई स्पीकर गिफ्ट किया है, लेकिन जब हमने इसे खोल कर देखा, तो इसमें डेल का एक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का लैपटॉप था। धीरे-धीरे चार और लैपटॉप आए। जिसकी कीमत 7.5 लाख रुपए थी। इससे हम हैरान थे, लेकिन हमने इसे वापस करने का फैसला किया।”
इसके बाद दोनों मिलकर, डेल कंपनी को इसके बारे में ट्विटर और मेल के जरिए जानकारी दी और कंपनी ने दोनों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए, लैपटॉप को वापस मंगा लिया।
क्या देते हैं संदेश
निलेश और गमेर एक स्वर में कहते हैं, “जब हम पढ़ाई करते थे, तो हम माता-पिता से पैसे लेकर उसे यूं ही बर्बाद कर देते थे, लेकिन जब से खुद से कमाने लगे, तो अहसास हुआ कि पैसा कमाना आसान नहीं है। यदि हम लैपटॉप अपने पास रख लेते तो, आज नहीं तो कल कंपनी को इसके बारे में पता चल जाता और इसका खामियाजा कुरियर वाले को भुगतना पड़ता, हमने यही सोच कर लैपटॉप को वापस करने का फैसला किया। यदि हम ऐसा नहीं करते तो, हमें कुछ देर के लिए खुशी तो मिल जाती, लेकिन आज नहीं तो कल हमें अपनी गलती का अहसास होता। यही सोच कर हमने इसे तुरंत वापस करने का फैसला किया। इससे हमें वास्तविक खुशी मिली।”
इस घटना के बाद आस-पास के क्षेत्रों में निलेश और गमेर की खूब प्रशंसा हो रही है और हो भी क्यों न? आज के दौर में ऐसी ईमानदारी की मिशाल कहाँ देखने को मिलती है!
देखें वीडियो –
यदि आप निलेश और गमेर से संपर्क करना चाहते हैं तो 7877155545 और 9079199659 पर कॉल कर सकते हैं।
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