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Grow Mango: गमले में किसी भी मौसम में उगा सकते हैं आम, जानिए कैसे!

Grow Mango

फलों का राजा आम पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। इसका इस्तेमाल सिर्फ फल के तौर पर ही नहीं बल्कि चटनी, जूस, कैंडी, अचार जैसी कई चीजों के तौर पर भी किया जाता है। आम में विटामिन ‘ए’, ‘सी’, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं और यह पेट संबंधी बीमारियों से लेकर कैंसर तक में कारगर है।

वैसे तो आम जमीन पर उगने वाला फल है। लेकिन, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप इसे गमले में कैसे उगा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में अपनी नर्सरी चलाने वाले वृद्धि चंद्र मौर्य कहते हैं, “जमीन पर आम लगाने के लिए बारिश का मौसम सबसे अच्छा है। क्योंकि, इस दौरान पौधों के लिए ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन, यदि आप इसे गमले में उगा रहे हैं तो आप इसे किसी भी मौसम में लगा सकते हैं।”

वह कहते हैं कि आम के पौधे को दो तरीके से तैयार किया जा सकता है – 

  1. रोपाई विधि से
  2. कलम बाँध कर

मौर्य के अनुसार, रोपाई विधि से आम के पौधे को तैयार करने में काफी वक्त लगता है और इसमें फल आने में समय लगता है।

इसलिए, हम यहाँ उनसे कलम बाँध कर यानी ग्राफ्टिंग तकनीक के जरिए आम के पौधे को तैयार करने के बारे में जानेंगे।

वह बताते हैं, “इसके लिए किसी भी आम के एक बीज को मिट्टी में लगा कर, एक छोटा सा पौधा तैयार कर लीजिए। इसके बाद, एक ऐसे पुराने पेड़ की तलाश कीजिए, जिसके फलों का स्वाद अच्छा है। फिर, उससे एक 10-12 इंच की टहनी काट लीजिए और तेज चाकू से नीचे से करीब एक इंच छील लीजिए।”

वह आगे बताते हैं, “इसके बाद जमीन में लगे छोटे पौधे ऊपर से करीब डेढ़-दो इंच काट दीजिए और उसकी त्वचा को सावधानी से छील दीजिए तथा दूसरी काटी गई टहनी को उससे लगा कर प्लास्टिक से ठीक से बाँध दीजिए।”

वह बताते हैं कि इस तरह 30-35 दिनों में पौधा तैयार हो जाता है। अब आप सावधानी से इसे मिट्टी से निकाल कर, गमले में लगा सकते हैं।

वहीं, कलम काटने का दूसरा तरीका यह है कि आप किसी फलदार पौधे में, एक हल्की मोटी टहनी पर कलम काट कर, पौधा तैयार कर सकते हैं। 

इसके लिए, टहनी की त्वचा को करीब एक इंच तक छील दीजिए और उस पर मिट्टी तथा गोबर का लेप लगा कर, प्लास्टिक से बाँध दीजिए। इससे 60-65 दिनों में, पौधा तैयार हो जाएगा तब आप उसे गमले में लगा सकते हैं।

कैसे तैयार करें मिट्टी 

मौर्य बताते हैं कि आम के पौधे के लिए मिट्टी तैयार करते समय सबसे अधिक सावधानी बरतनी चाहिये अन्यथा पौधों के सूखने का डर रहता है।

वह बताते हैं कि यदि आप बगीचे की मिट्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसमें 70 फीसदी मिट्टी और 30 फीसदी गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट के साथ 100 ग्राम नीम की खली का इस्तेमाल करना चाहिये।

वृद्धि चंद्र मौर्य

यदि आप चिकनी मिट्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो 60 फीसदी मिट्टी, 20 फीसदी गोबर की खाद और 20 फीसदी बालू और 100 ग्राम नीम की खली का इस्तेमाल करना चाहिये।

वह बताते हैं कि गमले में मिट्टी तैयार करते समय ध्यान रखें कि यह बहुत बारीक न हो, इससे पौधे की जड़ों को बढ़ने में दिक्कत होती है। इससे बचाव के तौर पर, थोड़ी मात्रा में खंगर का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि, इससे पौधों की जड़ों को पर्याप्त हवा मिल जाती है।

कैसे करें रखरखाव

मौर्य बताते हैं कि पौधा लगाने के बाद, वह दो-तीन महीने में काफी विकसित हो जाता है। गमले में एक बार नीम की खली देने के बाद, पौधे को साल भर के लिए पर्याप्त पोषण मिलता है और साथ ही, कीटों से भी बचाव होता है।

वह बताते हैं, “यदि आपके पौधे में कुछ कमी है या कीड़े लग रहे हैं तो पत्तियों का रंग पीला होने लगता है। इससे बचाव के लिए आपको तुरंत नीम तेल का इस्तेमाल करना चाहिये अन्यथा आपका पौधा सूख जाएगा।”

दो वर्षों तक फल न लगने दें

मौर्य कहते हैं कि एक अच्छे किस्म का आम का पौधा, पहले साल से ही फल देने लगता है। लेकिन, आपको कम से कम शुरुआती दो वर्षों तक पौधे में फल नहीं लगने देने चाहिये। क्योंकि, इससे पौधे को अतिरिक्त पोषण मिलता है और उसकी आयु बढ़ती है।

इसके बाद, आपको हर साल दिसंबर और जनवरी महीने में, पौधों पर नीम तेल का छिड़काव करना चाहिये। इससे मंजर अच्छे आते हैं और कीटों का कोई डर नहीं होता है।

अन्य सावधानियाँ

मौर्य बताते हैं कि गमले में आम उगाने के लिए गमला कम से कम 15 इंच का होना चाहिये। इससे पौधों की जड़ों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती है।

साथ ही, गमले को किसी ऐसी जगह रखें, जहाँ पौधे को पूरी धूप मिले। छांव में रखने से पौधा सूख जाएगा।

वहीं, सिंचाई के दौरान भी सावधानी बरतें और मिट्टी में सिर्फ नमी बना कर रखें।

इस तरह, यदि आप पौधों का बेहतर रखरखाव करते हैं तो आप इसके फलों का आनंद 10-12 वर्षों तक आसानी से ले सकते हैं। 

गमले में ऑल टाइम मैंगो उगाने का तरीका यहाँ जानें –

संपादन – प्रीति महावर

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