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सालों पुरानी है कच्ची अंबिया से बनी यह डिश, रेसिपी पढ़कर मुँह में पानी न आ जाए तो कहना!

गर्मियों के मौसम में दिन लम्बे होते हैं और सूरज की गर्मी इतनी प्रचंड कि उत्तर भारतीय मैदानी इलाक़ों में तेज़ हवाएँ लू का रूप ले लेती हैं। लू का प्रकोप इतना ज़बरदस्त होता है कि हर छोटा बड़ा व्यक्ति दिन के समय बाहर निकलने से पहले लू से बचने का इंतज़ाम ज़रूर कर लेता है। वैसे कुदरत ने भी इस गर्मी और लू से बचने के कुछ उपाय हमें दिए हैं जिसमें से आम के कच्चे फल जिन्हें आमियाँ या अंबिया कहते हैं, गर्मी और लू से बचने का एक सरल उपाय है।

आम के बगीचे सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में पाए जाते हैं और हर पेड़ पर इतने आम लगते है कि कुदरत की उदारता की एक झलक सहज ही मिल जाती है। कच्ची आमियों को भून कर या उबाल कर आम का पना या पाना बनाया जाता है, जिसे पीने से लू नहीं लगती और गर्मियों में भी ठंडक और तरावट मिलती है।

बूंदी वाले आम का पन्ना, पेय के रूप में काफी लोकप्रिय है। पुराने शहरों में आज भी आम का पन्ना बेचने वाले दिख जाते हैं। इन्हें आप दूर से ही पहचान सकते हैं। लाल कपड़े से लपेटे हुए बड़े-बड़े दो घड़े जिनकी गर्दन पर ताज़े पुदीने के पत्तों की माला गुंथी होती है और जिसके बीच में कच्चे आम भी झांक रहे होते हैं, कुछ कांच के गिलास बगल में रखे होते हैं और एक व्यक्ति उन लाल कपड़े से ढके घड़ों पर बार बार पानी छिड़क रहा होता है।

पैकेट में बिकने वाली बूंदी ने गृहिणियों का काम कुछ आसान कर दिया है और कुरकुरी बूंदी वाला आम का पन्ना अब घरों में भी आम तौर से बनने लगा है।

कच्चे आम

हालाँकि कच्चे आम का इस प्रकार का इस्तेमाल सिर्फ़ पेय रूप में ही नहीं बल्कि खाने में भी होता है। भुने या उबले हुए कच्चे आमों के गूदे को मसल कर, नमक मिर्च मिलाकर चटनी या चोखे के रूप में भी खाया जाता है और कई लोग जो गर्मियों में सब्ज़ियाँ नहीं ख़रीद पाते उनके लिए ये कच्चे आम के व्यंजन गर्मियों को आसान बना देते हैं।

प्रचंड गर्मी की एक दोपहर का क़िस्सा याद आता है। दिल्ली में किसी काम से वापस आते वक़्त पके आमों का एक ठेला दिखा तो मैंने अपने टैक्सी चालक को रुकने के लिए कहा। घर के लिए कुछ आम ख़रीदे और कुछ टैक्सी चालक के लिए भी पैक करा लिए। जब मैंने उसे आमों का थैला दिया तो उसने जो बताया वह आज तक याद है। उसने कहा, “आमों से तो गर्मी गुज़र जाती है। एक तो सभी सब्ज़ियाँ बहुत महँगी हैं दूसरा ये लौकी टिंडे बच्चों को ज़्यादा पसंद नहीं आते। आमरस या आमरस की पकौड़ी, बच्चे शौक़ से रोटी या पराठे के साथ खा लेते हैं। वहीं चावल के साथ हम लोग पन्ना की कढ़ी पकौड़ियाँ या फिर खट्टी आम वाली दाल बना लेते हैं और इस तरह आम के सहारे गर्मियाँ कट जाती हैं।”  जब मैंने पूछा कि बच्चों को इन सबमें सबसे ज़्यादा क्या पसंद है तो झट से जवाब आया कि आमरस, कच्चे आम की कढ़ी पकौड़ी और पन्ने का रायता।

कई सालों के बाद भी उस टैक्सी ड्राइवर की बातें इसलिए भी याद हैं क्योंकि कच्चे आम की कढ़ी, पन्ने का रायता (जिसमें कच्चे प्याज़ और हरी मिर्च के साथ भुना जीरा डाल कर बढ़िया स्वाद आ जाता है), मीठे या तीखे आम का पन्ना इत्यादि कच्चे आम के कुछ ऐसे प्रयोग हैं जो अलग-अलग तरहों में कई जगह बनाए जाते हैं।

कच्चे आम का पन्ना, इमली का पानी, खट्टी दही, राई की कांजी आदि को इस्तेमाल करके खट्टे बड़े या पकौड़ियाँ भी काफ़ी जगह लोकप्रिय हैं। अपनी किताब ‘Pakodas The Snack For All Seasons’ में मैंने खट्टे रस के बड़े की कुछ विधियों का उल्लेख किया है।

अनूठी विशाल जो कई अखबारों और पत्रिकाओं में खाने के बारे में लेख लिखती हैं और अपने खानदानी कायस्थ खाने के भोज भी आयोजित करती हैं, पन्ना की पकौड़ियों के बारे में बताती हैं कि उनके घर में कांजी बड़े की तरह ही पन्ना की पकौड़ियाँ भी बनाई जाती थीं और जब वह पन्ना की पकौड़ियाँ अपने पॉप अप भोज में परोसती हैं तो लोग इसे काफी पसंद करते हैं। उनके घर की रेसिपी में मूंग की दाल को भिगा के हींग के साथ पीसा जाता है और फिर आम के पन्ने में डाल कर परोसा जाता है। अनूठी कहती हैं कि लखनऊ के रईस कायस्थ घरों में पन्ना की पकौड़ी, गर्मियों का एक ख़ास व्यंजन है।

पन्ना की पकौड़ियों के बारे में सुन कर आपके मन में ज़रूर इसे बनाने का मन कर रहा होगा तो आइये जान लेते हैं पन्ना की पकौड़ियाँ बनाने की विधि-

सामग्री (4-6 लोगों के लिए)

मूंग की पकौड़ियाँ बनाने के लिए

आम का पन्ना बनाने के लिए

विधि

1-भीगी मूंग को थोड़ा सा पानी और हींग डाल कर बारीक पेस्ट बना लें। पेस्ट को अच्छी तरह फेंट कर उसमे नमक मिलाएं।

2-तलने के लिए तेल गर्म करें और छोटी-छोटी मुंगोड़ी तल लें।

3-आमों को मसल कर गुठली अलग कर लें। अब इसे मिक्सी में पीस कर एक पेस्ट बना लें।

4-एक कढ़ाई में तेल गर्म करें, जीरा और लाल मिर्च डाल कर तड़कने दें। फिर आम का पेस्ट डालें, थोड़ा नमक और भुना जीरा डालें, चीनी डाल कर 500 मिलीलीटर पानी भी दाल दें।

5-अब इसमें तली हुई मूंग कि पकौड़ियाँ डालें और थोड़ी देर के लिए पकने दें। पकौड़ियाँ फूल कर थोड़ी बड़ी हो जाएंगी और अन्दर तक रस पी लेंगी।

6-इस तरह तैयार की हुई पन्ने की पकौड़ियाँ गरम-गरम या ठंडी दोनों ही तरह से स्वादिष्ट लगती हैं। आप चाहें तो काम पानी डाल कर गाढ़े रस की पकौड़ियाँ बना लें या ज़्यादा पानी डाल कर इसे पेय की तरह ग्लासों में ठंडा-ठंडा परोसें।

7-ध्यान रखें कि पानी की मात्रा के साथ-साथ नमक चीनी इत्यादि की मात्रा भी समायोजित करनी होगी।

बनने के बाद कुछ इस तरह से दिखेगी पन्ना पकौड़ी

हमें उम्मीद है कि आपको यह व्यंजन बेहद पसंद आएगा।

संपादन- पार्थ निगम

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