Site icon The Better India – Hindi

प्रस्ताव : बिना शुल्क के बुकिंग के 24 घंटे के भीतर कर पाएंगे हवाई टिकट रद्द!

हाल ही में भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट वाले यात्रियों के लिए विकल्प स्कीम शुरू की। भारतीय रेलवे की तरह ही सिविल एविएशन मिनिस्ट्री भी अपने यात्रियों की सुविधा की दिशा में काम कर रही है। दरअसल, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने यात्री चार्टर का एक प्रारूप अधिसूचित किया है।

डीडी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे अभी मंजूरी नहीं मिली है, यह प्रारूप सार्वजानिक परामर्श के लिए खुला है। पर आशा है कि एक महीने बाद इस यात्री चार्टर को संचालित किया जाएगा।

इस चार्टर के संचालन में आने के बाद हवाई यात्रियों के लिए सरलता बढ़ जाएगी। द हिन्दू की न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, इस चार्टर के मुख्य प्रावधान के तहत हवाई यात्री सारणी अपनी टिकट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर और सारणी समय के चार दिन पहले तक बिना किसी शुल्क के रद्द कर सकते हैं।

इस चार्टर के तहत मुआवजा मापदंडो को भी कम किया जाएगा। यदि किसी यात्री को उड़ान से 24 घन्टे से लेकर 2 हफ़्ते पहले तक उड़ान रद्द होने की सुचना दी जाती है तो संबंधित एयरलाइन या तो यात्री के लिए सारणी समय से 2 घंटे अंतराल तक की किसी दूसरी फ्लाइट में व्यवस्था कराएगी या फिर यात्री को इसका पूरा रिफंड देगी।

इस चार्टर का एक नियम यात्रियों के सामान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। जिसके मुताबिक यदि किसी यात्री का सामान खो जाता है तो संबंधित एयरलाइन 3000 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से यात्री को भुगतान करेगी। और सामान देरी से या फिर क्षतिग्रस्त अवस्था में पहुंचने पर 1000 रूपये प्रति किलोग्राम भुगतान किया जाएगा।

यदि किसी परिस्थिति में यात्री को मुआवजा नहीं मिलता है तो यात्री मंत्रालय की एयरसेवा एप या फिर सिविल एविएशन पोर्टल पर महानिदेशालय को शिकायत कर सकते हैं।

हालाँकि इस प्रारूप को हकीकत बनने में अभी भी समय है, क्योंकि सभी एयरलाइन कंपनियों का चार्टर को स्वीकृति देना अनिवार्य है। द हिन्दू के अनुसार एयरलाइन कंपनियों ने मुआवजा नियमों में छूट की उम्मीद जताई है जैसे कि पुरे रिफंड के स्थान पर ट्रेवल कूपन देना।

सिविल एविएशन मिनिस्टर जयंत सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह प्रारूप चार्टर यात्रियों की सुविधा और अधिकार, दोनों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।”

हम उम्मीद करते हैं कि मंत्रालय की कोशिशों को अन्य लोगों का भी साथ व सहयोग मिलेगा ताकि आने वाले समय में व्यववस्था को और भी बेहतर बनाया जा सके।

( संपादन – मानबी कटोच )


यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे।

Exit mobile version