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21 दिनों का लॉकडाउन: जानिए क्या है इसका मतलब और हम क्या कर सकते हैं, क्या नहीं!

धिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक COVID-19 के 512 सक्रिय मामले सामने आएं हैं। 25 मार्च, 2020 (बुधवार) से सभी घरेलू उड़ानें बंद रहेंगी। पिछले हफ्ते सभी पैसेंजर रेल सेवाएं भी 31 मार्च, 2020 तक के लिए रद्द कर दी गईं थीं।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि 24 मार्च, 2020 की आधी रात से पूरा देश 21 दिनों के लिए लॉकडाउन में रहेगा। इससे पहले, भारत भर में 80 जिलों को लॉकडाउन किया गया है, जबकि दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब और चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगाया गया है। लॉकडाउन की स्थिति में 5 या उससे ज़्यादा लोगों के एक साथ इक्ट्ठा होने पर रोक है, जबकि कर्फ्यू की स्थिति में किसी को भी घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।

इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि लॉकडाउन होने का मतलब क्या होता है, कौन सी सेवाएँ बंद या चालू रहेंगी और आपके लिए इसका क्या मतलब है।


लॉकडाउन क्या है?

लॉकडाउन एक आपातकालीन स्थिति है जो लोगों को किसी दिए गए क्षेत्र से बाहर आने से रोकता है। पूर्ण लॉकडाउन का मतलब है कि आप जहां हैं, वहीं रहें और किसी इमारत या दिए गए क्षेत्र से बाहर या अंदर नहीं आ सकते हैं।

वर्तमान में कुछ ही राज्यों में कर्फ्यू लगाए गए हैं। अब तक, कई राज्यों में, लोगों को किराने का सामान, दूध, दवाइयां, पेट्रोल और डीजल खरीदने और अस्पताल या डॉक्टर के पास जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि, कई हिस्सों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को टहलने की अनुमति दी गई है।

लॉकडाउन के दौरान कौन-सी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी?

सभी आवश्यक सेवाएं, जैसे:

लॉकडाउन से क्या प्रभावित होगा?

Stay safe!

क्या मुझे घबराने की ज़रूरत है?

हर्गिज़ नहीं। लेकिन याद रहे कि आपको घर के भीतर रहने की ज़रूरत है। पर, इसका मतलब यह नहीं है कि किराने का सामान, दूध, सब्जियां और दवाई जैसे ज़रूरी सामान तक आपकी पहुंच नहीं होगी।

लॉकडाउन से अक्सर लोगों में चिंता और अवसाद की भावना बढ़ जाती है और इसलिए, हमें खुद को सार्थक रूप से व्यस्त रखने वाले काम करने चाहिए। एक रूटीन बनाकर उसके हिसाब से चलने से हमें खुद के अंदर शांति बनाए रखने में मदद मिलेगी।

क्या मेरे लिए बाहर निकलने के लिए कोई निश्चित समय है?

किसी को भी बाहर कदम नहीं रखना चाहिए। केवल आपातकाल स्थिति या रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए ही किसी को अपने घरों से बाहर निकलना चाहिए। ऐसी स्थितियों में भी, दो से ज़्यादा व्यक्तियों को एक साथ बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

याद रहे कि निजी वाहनों को केवल आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम करने की अनुमति होगी।

क्या बाहर निकलने पर मुझे मास्क पहनने की ज़रूरत है?

अगर आप में COVID-19 के लक्षण (विशेष रूप से खाँसी) हैं या किसी ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जो COVID -19 से संक्रमित है तभी मास्क पहनने की ज़रूरत है। ऐसी परिस्थिति में, आपके लिए बाहर कदम रखना उचित नहीं है।
याद रखें कि डिस्पोजेबल फेसमास्क का इस्तेमाल केवल एक बार ही किया जा सकता है।

यदि आप बीमार नहीं हैं या किसी बीमार व्यक्ति की देखरेख नहीं कर रहे हैं, तो आप एक मास्क पहन कर उसे बर्बाद कर रहे हैं। दुनिया भर में मास्क की कमी है, इसलिए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन(WHO) लोगों से बुद्धिमानी से मास्क का उपयोग करने का आग्रह करता है।

Stay safe, stay indoors!

क्या मैं अपने अपार्टमेंट परिसर के भीतर टहलने के लिए बाहर जा सकता हूं?

– नहीं, कृपया घर के अंदर रहें और घर के अंदर ही व्यायाम करें।

क्या लॉकडाउन ऑर्डर का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगता है?

हाँ, जो लोग लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की निम्नलिखित कानून के तहत दंडित किया जा सकता है:

सेक्शन 269 – लापरवाही बरतना, जिसके कारण संक्रमण फैलने की संभावना हो सकती है।
सजा: छह महीने तक कारावास या जुर्माना या दोनों।

सेक्शन 270 – जानबूझ कर बीमारी के संक्रमण को फैलाना या गलत इरादों से ऐसा काम करना जिससे संक्रमण फैले।
सजा: दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।

सेक्शन 188 – लोक सेवक द्वारा वैध रूप से जारी किसी आदेश का उल्लंघन
सजा: छह महीने तक की कैद या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों।

इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति जो सेक्शन 51 से 60 के तहत आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों का उल्लंघन करता पाया जाता है, उसे भी दंडित किया जा सकता है।

सेक्शन 51-  किसी काम में बाधा डालने के लिए सजा: कारावास की अवधि एक साल या जुर्माना या दोनों हो सकता है।

सेक्शन 52 – झूठे दावे के लिए सजा: कारावास, जो दो साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना, दोनों हो सकता है।

सेक्शन 53 – धन या सामान के दुरुपयोग के लिए सजा। कारावास, जो दो साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना, दोनों हो सकता है।

सेक्शन 54 – झूठी चेतावनी के लिए सजा। एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना।

सेक्शन 55 – सरकारी विभागों द्वारा अपराध के लिए सजा।

सेक्शन 56 – ड्यूटी न करने के लिए अधिकारी को सजा: एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना।

सेक्शन 57 – आवश्यकता से सम्बंधित किसी भी आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माना। एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों।

उम्मीद है, ये लेख आपके काम आए। अंत में हम आपसे यही अनुरोध करते हैं कि सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें और घर के अंदर रहें!

मूल लेख – विद्या राजा
संपादन – अर्चना गुप्ता


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