भारतीय सेना हर साल सियाचिन ग्लेशियर पर आम लोगों के लिए ट्रेक आयोजित करती है। इस ट्रेक का आयोजन अगस्त से सितम्बर के बीच होता है। पहली बार इस ट्रेक का आयोजन 2007 में हुआ था। 13 दिन का ये ट्रेक आर्मी एडवेंचर विंग की देखरेख में किया जाता है। ट्रेक पर जाने के लिए 30-40 लोगों का चयन किया जाता है।
इस साल के ट्रेक के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। पूरी प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय लगता है। इस दौरान मेडिकल चेकअप समेत अन्य औपचारिकताएँ पूरी की जाती हैं। इन 13 दिनों में सियाचिन बेसकैम्प से लेकर कुमार कैम्प तक ट्रेकिंग कर के वापस आना होता है।
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12 हजार से 16 हजार फीट की ऊँचाई पर होने वाला ये ट्रेक 60 किमी का होता है।
इसमें हिस्सा लेने के लिए नॉर्दन हाई कमाण्ड के मुख्यालय में 20 जुलाई से पहले आवेदन भेजना होगा। प्रतिभागियों को “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर लिया जाएगा। ट्रेक पर जाने वालों की उम्र 45 साल से कम होनी चाहिए। इन्हें ऊँचाई और कठिन परिस्थितियों के लिए शारीरिक तौर पर स्वस्थ होना चाहिए। उनके पास आवेदनपत्र के अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट और बीमा (indemnity bond) होना चाहिए।
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यह दुनिया के सबसे ऊँचे रणक्षेत्र तक आम नागरिकों के पहुँचने का एकमात्र मौका होता है। हर साल कई रोमांच प्रेमी, रक्षा बल, मीडिया, राष्ट्रीय मिलिट्री कैडेट्स के लोग इसमें हिस्सा लेते हैं।
पिछले साल इसमें हिस्सा लेने वाले एक पत्रकार ने द हिन्दू में लिखा है, “ये ट्रेक लद्दाक के लेह से शुरू होता है। इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 12 हजार फीट है। यहाँ से सियाचिन बेस कैंम्प की ओऱ बढ़ते हैं जहाँ आकर ऊँचाई 10 हजार फीट रह जाती है। इसके बाद कुमार बेस कैम्प पहुँचना होता है जो 16 हजार फीट पर है। पूरा ट्रेक 60 किमी का होता है।“
अपने आवेदन इस पते पर भेजे :
नॉर्दर्न कमाण्ड मुख्यालय, (ट्रेनिंग ब्रांच)
उधमपुर, जम्मु कश्मीर
पिन : 182121
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