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8 AC और 20 पंखें, फिर भी इस घर का बिजली बिल है ज़ीरो

Amrish Patel sustainable home
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हर घर के बचत की शुरुआत होती है बिजली की बचत से, लेकिन अहमदाबाद के अमरीष पटेल के  घर में आठ एसी, 20 पंखे और तीन फ्रिज होने के बावजूद, उन्हें बिजली के बिल की कोई चिंता नहीं होती ,  उल्टा बची हुई बिजली वापस करने के कारण, उन्हें साल के दो से तीन हजार रुपये मिलते हैं। 

लेकिन तक़रीबन तीन साल पहले तक ऐसा नहीं था। तब  उन्हें हर महीने 25 हजार रुपये बिल देना पड़ता था, लेकिन प्रकृति प्रेमी अमरीष ने सूर्य की  रोशनी का इस्तेमाल कर इस खर्च को कम करने और प्रकृति  से जुड़ने का फैसला किया। 

अमरीष सालों से अमेरिका में रह रहे थे और वहां रहकर सात्विक भोजन शैली से गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे थे।  अपनी रिटायरमेंट लाइफ भारत में बिताने के लिए, उन्होंने अहमदाबाद में एक आलिशान घर बनाया है और  फिलहाल लोगों के बीच सात्विक भोजन शैली को प्रोमोट करने और फ्री में लोगों का प्राकृतिक इलाज  करने का काम कर रहे हैं।

Amrish Patel

अच्छी बात तो यह है कि वह  इस तरह की जीवन शैली की सिर्फ वकालत ही नहीं करते, बल्क़ि खुद भी ऐसा जीवन जीते हैं।   

अमरीष,  सोलर एनर्जी का उपयोग केवल बिजली के लिए ही नहीं करते, बल्कि पानी गर्म करने और पानी को  प्यूरीफाई करने के लिए भी करते हैं। उनके घर में कोई RO नहीं लगा, वह म्युन्सिपालिटी के पानी को  पूरे दिन धूप में रख देते हैं, ताकि  उसमें मौजूद  बैक्टीरिया मर  जाएं और पानी को  पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सके।  

इसके अलावा, वह अपनी पूरी कॉलोनी में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की योजना बना रहे हैं। उनके घर में 150 से ज्यादा पेड़-पौधे लगे हैं, उनका कहना  है, “भविष्य में मुझे किचन गार्डन से ही इतनी सब्जियां मिल जाएंगी कि बाहर से कुछ खरीदना नहीं पड़ेगा।”

पिछले 10 सालों से उन्होंने प्लास्टिक का उपयोग करना भी बंद कर दिया है। बाजार की हर जरूरत के लिए उनके पास कपड़े के अलग-अलग बैग्स हैं।  

इस जीवन शैली के   फायदों के बारे में बताते हुए, उन्होंने अपनी मां का उदाहरण  दिया और बताया कि उनकी माँ 80 की उम्र में भी बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। इस उम्र में  वह आज भी  पेड़-पौधों की देखभाल करती हैं और उन्हें किसी तरह की कोई स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायत भी नहीं है।  

शहर हो या गांव,  हम में से हर कोई अपने जीवन में इस तरह के सस्टेनेबल बदलाव ला सकता है ,  यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है।   

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