सोसायटी फॉर एनवायर्नमेंट कंज़रवेशन एंड रीसर्च (SECR) और इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस मिलकर मुंबई में एक बीज कोष (सीड बैंक ) बना रहे हैं।
ये ‘बीज बैंक’ विभिन्न प्रजातियों के पौधों के बीज को संरक्षित करेगा। यहाँ दुर्लभ और आम दोनो प्रकार के बीज रखे जाएंगे। इनका इस्तेमाल शोध करने के साथ-साथ मुंबई को हरा-भरा बनाने के लिए भी किया जाएगा।
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“इन बीजों को कई सालों से इकट्ठा किया जा रहा था। लोगों को भी प्रोत्साहित किया गया कि वो फलों और सब्जियों के बीजों को फेंकने की बजाय उन्हें यहाँ भेज दे। हम स्कूलों को भी ये बीज उप्लब्ध कराते हैं, जिससे बच्चे इनके बारे में पढ़ सकें। इसके अलावा किसानों और एनजीओ को भी बीज दिये जाते हैं,” इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के रेहान तम्बोली ने DNA को बताया।
ये बैंक भारत में अपनी तरह का पहला बैंक होगा। हालाँकि अभी इंस्टीट्यूट का कोई निदेशक नहीं है इसलिए बैंक के औपचारिक उद्घाटन की तारीख तय नहीं की गयी है।
फिलहाल विजय डी. मेंडुलकर, साइंस इंस्टीट्यूट के बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रमुख हैं। रेहान के मुताबिक मेंडुलकर बैंक को लेकर बहुत उत्साहित हैं। अभी बीजों को कैम्पस के अंदर ही ग्रीनहाउस में रखा गया है।
अगर आप बीज दान करना चाहते हैं तो फलों और सब्जियों से निकलने वाले बीजों को पहले पानी में भिगो दें। जब ऊपर का टिश्यू नरम हो जाए तो उसे छीलकर अंदर से ठोस बीज निकाल लें। इस बीज को पानी से धोकर 24 घंटे तक सूखने के लिए छोड़ दें। जब बीज सूख जाए तो उसे एयर टाइट पैक कर के SECR को भेज सकते है।
उम्मीद है आप सभी पर्यावरण को बचाने की इस मुहीम में अपना थोडा सा योगदान ज़रूर देंगे।