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हमारे इस्तेमाल की 50% चीज़ों में होता है ‘पाम ऑयल’, क्या आप जानते हैं ये कहां से आता है?

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यह लेख RSPO के साथ सहभागिता में प्रकाशित किया गया है।

हम अपने घर के लिए किराने की खरीदारी करते समय कीमत, मात्रा, गुणवत्ता आदि के आधार पर विभिन्न ब्रांड की तुलना करते हुए, अपनी शॉपिंग लिस्ट तैयार करते हैं।  

हम हर एक सामान और ब्रांड में बचत और छूट का भी ध्यान रखते हैं, लेकिन क्या हम किसी भी खरीदे हुए समान के अंदर की मुख्य सामग्री को चेक करते हैं? 

सच तो यह है कि हमारा एक सामान्य चॉकलेट खरीदना भी, पर्यावरण संरक्षण और इसके भविष्य से जुड़ा हुआ है। क्योंकि, दुनियाभर के 40 प्रतिशत वनों की कटाई करके, इन चीज़ों को बनाया गया है।  

द बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आपके रोजमर्रा इस्तेमाल किये जाने वाले सामान में से, 50 प्रतिशत सामान जैसे-आइसक्रीम और इंस्टेंट नूडल्स से लेकर आपके टूथपेस्ट तक में, पाम ऑयल (Plam Oil) का इस्तेमाल होता है। पाम ऑयल एक खाद्य वनस्पति तेल होता है, जिसे पाम या ताड़ के पेड़ से निकाला जाता है। आम तौर पर इसकी खेती के लिए जंगलों की कटाई, देसी समुदायों के विस्थापन के साथ, जैव विविधता को भी नुकसान पहुँचाया जा रहा है। साथ ही, अगर यह पेड़ सस्टेनेबल तरीके से न उगे, तो इससे आरंगुटान, छोटे हाथी, सुमात्रा बाघ, और सुमात्रा राइनो जैसे जानवरों की दुर्लभ प्रजातियों के जीवन को भी खतरा है। वहीं, एक जरूरी बात यह भी है कि पाम ऑयल से बने उत्पादों का पूरे तौर पर बहिष्कार करने से भी नुकसान होने की संभावना है।   

हालांकि, इस परेशानी का एक आसान उपाय है। इसके लिए हमें किसी भी सामान को खरीदते समय ध्यान देना होगा कि उसमें सिर्फ सर्टिफाइड सस्टेनेबल पाम ऑयल का इस्तेमाल किया गया हो।  

पाम ऑयल से जुड़ी जरूरी बातें

अनसस्टेनेबल पाम ऑयल की खेती, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, अगर इसे सस्टेनेबल तरीकों से उगाया जाए, तो यह वनों की कटाई, जैव विविधता का संरक्षण और छोटे किसान की आजीविका में सुधार करने के साथ ही, देसी समुदायों के शोषण को भी कम कर सकता है। 

इसके साथ ही, पाम ऑयल की प्रति एकड़ में जितनी उपज होती है, कोई दूसरी फसल उसका एक तिहाई भी उत्पादन नहीं कर सकती। 

फ़िलहाल पाम ऑयल सबसे लोकप्रिय कच्चे माल में से एक है। पाम ऑयल की खेती के लिए कम समय की जरूरत होती है और इसे उगने के लिए किसी भी दूसरे वनस्पति तेल की तुलना में जगह भी कम चाहिए।   

International Union for Conservation of Nature (IUCN) की एक रिपोर्ट ‘Oil Palm and Biodiversity’ के अनुसार, अगर पाम ऑयल की सस्टेनेबल तरीके से खेती की जाए, तो यह हर रूप में एक कुशल फसल हो सकती है। इसकी सस्टेनेबल खेती जमीन की उपयोगिता, जैव विविधता, इको-सिस्टम, सबके संरक्षण में मदद करती है। खासकर, यदि इसकी खेती दक्षिण पूर्व एशिया के भूमध्यरेखीय जंगलों में की जाए तो।  

हालांकि, यह एक गलत धारणा है कि पाम ऑयल का उत्पादन वैश्विक वनों की कटाई का प्रमुख कारण है। ‘The Conversation’ की एक रिपोर्ट के मुताबि,क वनों की कटाई का एक मुख्य कारण, खेती है। जबकि पाम की खेती, सिर्फ आठ प्रतिशत ही वनों की कटाई की जिम्मेदार है। रिपोर्ट के अनुसार 1990 और 2008 के बीच, कुल 239 मिलियन हेक्टेयर वनों में से, पाम ऑयल की खेती के कारण, केवल 2.3 प्रतिशत वनों की ही कटाई हुई है।

पाम ऑयल से जुड़ी समस्या के स्थायी समाधान और गलत सूचना को सही करने के लिए एक सही चर्चा और रिसर्च की जरूरत है। Roundtable on Sustainable Palm Oil (RSPO) एक ऐसा ही प्रयास है, जिसके माध्यम से सस्टेनेबल पाम ऑयल की खेती और इसके उत्पादन के लिए मानक स्थापित किया जा सकता है।  RSPO के अनुसार समस्या, विविध उपयोग और लाभ वाले पाम की फसल उगना नहीं है, बल्कि समस्या यह है कि इसे कैसे और कहाँ लगाया जाए। साथ ही, इसे कैसे प्रोसेस करके इस्तेमाल में लाया जाए। 

एक ग्राहक के रूप में, आप भी RSPO के उद्देश्यों में, और योगदान दे सकते हैं, जिसके लिए आपको हर उत्पाद के अंदर इस्तेमाल हुई सामग्री के बारे में जागरूक होना होगा। RSPO ट्रेडमार्क, उन उत्पादों पर पाया जा सकता है, जिनमें सस्टेनेबल पाम ऑयल इस्तेमाल हुआ है। यह ट्रेडमार्क सुनिश्चित करता है कि इस्तेमाल किया जानेवाला पाम ऑयल पर्यावरण के अनुकूल है। 

बनें बदलाव का हिस्सा

सस्टेनेबल पाम ऑयल की मांग के लिए, एक आंदोलन पहले से ही चल रहा है। जिसके कारण आज कुल 117 बड़ी कंपनियां, अपने उत्पादों में केवल 100 प्रतिशत प्रमाणित सस्टेनेबल पाम ऑयल (CSPO) का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन, यह तो सिर्फ एक शुरूआत है। आप भी इस प्रयास में शामिल हो सकते हैं।  

अगली बार, जब आप सुपरमार्केट जाएं या ऑनलाइन ऑर्डर करें, तो जरूर देखे कि आपके खरीदे हुए सामान में RSPO ट्रेडमार्क है या नहीं। आप उन उत्पादों को ही चुनें, जिनमें सर्टिफाइड सस्टेनेबल पाम ऑयल मौजूद हो।  

आप भी, द बेटर इंडिया के साथ RSPO की पहल  #KnowYourPalm से जुड़ें और इस बदलाव का हिस्सा बनें। आज ही एक जिम्मेदार ग्राहक बनने का संकल्प लें और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपने पसंदीदा आइसक्रीम, चॉकलेट, नूडल्स, बिस्कुट, स्नैक्स, साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और अन्य ब्रांड से पूछें कि क्या वे प्रमाणित सस्टेनेबल पाम ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह आप सही उत्पाद को चुनकर, वनों की कटाई को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।

संपादन- जी एन झा

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