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स्टुडियो की छत पर सब्ज़ियाँ उगाकर ग्राहकों को मुफ्त में बांटता है यह फोटोग्राफर

केरल का रमनात्तुकरा शहर और शहर में स्थित ‘व्हाइट मैजिक शूटिंग फ्लोर स्टूडियो’। आप यहां जाएं और यहां का नज़ारा आंखों में ना बस जाए, ये शायद मुमकिन नहीं। इस जगह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक ऐसा स्टूडियो है जिसके टेरस यानी छत पर तमाम तरह के जैविक फल और सब्जियां उगाई गई हैं।

लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने इस स्टूडियो के मालिक हैं, शिबी एम. वैद्यर। 42 वर्षीय वैद्यर फोटोग्राफर हैं और कोड़िकोड के रहने वाले हैं। स्टूडियो के टेरस पर लगे हरेक पौधों से उनका लगन और प्यार साफ झलकता है। एक और चीज़ है जो इस स्टूडियो और इसके टेरस गार्डन को सबसे अगल बनाती है। इस टेरस पर उगाए गए फल और सब्जायां शिबी अपने ग्राहकों और पड़ोसियों को मुफ्त बांटते हैं।

शिबी बताते हैं, “पिछली फसल में, मैंने 80 किलो टमाटर, 20 किलो भिंडी, 10 किलो हरी मिर्च और 10 किलोग्राम बैंगन उगाए थे। शायद आपके लिए विश्वास करना मुश्किल होगा कि स्टूडियो की छत पर इतनी बड़ी मात्रा में फसल कैसे उगाया जा सकता है?”

टेरस गार्डन के साथ पानी की बचत

शिबी के मन में टेरस पर पौधे उगाने के विचार के पीछे एक बड़ा कारण पानी की टंकी से पानी बहना था। टंकी से पानी बहने के कारण ढेर सारा पानी बर्बाद हो रहा था। शिबी इसे रोकना चाहते थे। उन्होंने इसके संरक्षण के तरीकों के बारे में सोचना शुरू किया। और फिर उनके मन में टेरस गार्डन बनाने का विचार आया जहां वे टंकी से बहने वाले पानी और स्टूडियो साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी का उपयोग कर सकते थे।

शिबी का स्टूडियो रमनात्तुकरा में एयरपोर्ट रोड पर स्थित है और करीब दस सालों से काम कर रहा है लेकिन टेरस गार्डन को शुरू किए केवल तीन साल ही हुए हैं।

शिबी बताते हैं, “पहला पौधा मैंने टमाटर का लगाया था। मैंने देखा कि यह कुछ हफ्तों के भीतर अंकुरित हो गया। और इसे देख कर मैं वास्तव में उत्साहित हो गया क्योंकि मेरे पास खेती का कोई अनुभव नहीं था। दरअसल, मैंने पहले मिट्टी में किसी भी तरह का पौधा नहीं लगाया था और यह वास्तव में एक सुखद आश्चर्य के रूप में सामने आया। फिर, मैंने धीरे-धीरे बगीचे का विस्तार करना शुरू कर दिया और अब हमारे पास विभिन्न प्रकार के पौधे हैं।”

अब जब उनका बगीचा अच्छी तरह फल-फूल रहा है, शिबी एक महीने में करीब 120 किलो सब्जियां उगाते हैं।

वर्षा जल का संचयन

जब बगीचे का विस्तार हुआ तो शिबी को और पानी की ज़रूरत हुई। तब उन्होंने अपने बिल्डिंग के अन्य दुकान मालिकों से बात की और फिर बिल्डिंग के सभी टैंकों से बहने वाले अतिरिक्त पानी को एक अलग टैंक में एकत्र किया, जो विशेष रूप से टेरस गार्डन के लिए समर्पित है। और इस तरह पूरी बिल्डिंग से ज़रा भी पानी बर्बाद नहीं होता है।

जल संरक्षण के विचार को जारी रखते हुए, शिबी ने वर्षा जल संचयन भी शुरू कर दिया है ताकि गर्मी के मौसम में पानी की परेशानी ना हो।

शिबी बताते हैं, “मेरे लिए चीजें काफी आसान हैं क्योंकि यहाँ की मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर है। पौधें के लिए मैं केवल मूंगफली से बनाए गए खाद और नीम पत्ती खाद का इस्तेमाल करता हूं। टेरस मेरी अपनी नहीं है। बिल्डिंग के मालिक, हज़ियार इस फसल को देख कर इतने चकित और खुश हुए कि उन्होंने मुझे खेती के लिए ये टेरस दे दी और वो भी बिल्कुल मुफ्त। ”

शिबी के खेत से उगाए गए सभी फसल पूरी तरह जैविक होते हैं। वह किसी भी तरह के केमिकल और आर्टिफिशिअल खाद का इस्तेमाल करने से बचते हैं।

वह कहते हैं, “अगर मैं इसे एक व्यवसाय के रूप में बढ़ाने का फैसला लेता हूं, तो भी मैं किसी भी हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं करूंगा। मैं बगीचे के लिए हर महीने लगभग 4000 रुपये खर्च करता हूं और मुझे लगता है कि स्वस्थ सब्जियों के आजीवन स्रोत के लिए यह भुगतान एक छोटी सी कीमत है।”

सरल विचार और बड़े परिणाम

आज, शिबी अपना सारा खाली वक्त बगीचे को देते हैं। वह बताते हैं कि वह कई और तरह के पौधे लगाने की योजना बना रहे हैं, जिन्हें आसानी से बैगों में उगाया जा सकता है।

बिल्डिंग के मालिक हज़ियार कहते हैं,”ज़्यादातर समय शिबी ही बिल्डिंग बंद करते हैं क्योंकि वो ही हैं जो सभी पौधों को पानी देने और उन्हें सभी आवश्यक पोषण देने के बाद सबसे अंत में जाते हैं। उनका समर्पण और टेरस पर छोटे से स्थान के साथ उन्होंने जो किया है, उसे देखना वाकई आश्चर्यजनक है।”

अंत में शिबी कहते हैं, “फ़ोटोग्राफ़ी मेरा जुनून है और हमेशा रहेगा, लेकिन खेती के लिए प्यार एक ऐसी चीज़ है, जो मुझे पता ही नहीं था कि मेरे पास है और यह मुझे हर रोज़ आश्चर्यचकित करता है।”

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हमारे देश में, बिल्डिंगों की टैंक से पानी बहना एक आम बात है। टेरस पर बगीचा बनाकर इस मुद्दे को हल करने का शिबी का सरल विचार एक बड़ा अंतर लेकर आया है और इसने काफी अगल तरीके से उनके जीवन को प्रभावित किया है। इस तरह के सरल और नवीन विचार हमारे बहुमूल्य संसाधनों को बचा सकते हैं।

मूल लेख – सेरीन सारा ज़कारिया 


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