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दो महीने में उगे आमों से सालभर कमाते हैं मुनाफा, जानिए कैसे!

Mango pulp business

आम का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के मुँह में पानी आ जाता है और गुजरात के केसर कैरी का तो कोई जवाब ही नहीं है। अक्सर लोगों को यह अफ़सोस भी रहता है कि फलों का राजा आम,  साल में सिर्फ दो या तीन महीने ही क्यों मिलता है? फ़िलहाल तो इसका सीजन भी चला गया है। ऐसे में, आप सोच रहे होंगे कि इस लेख को पढ़कर, क्यों आम की याद में अपना जी जलाना। यकीन मानिए, हम आपकी इस धारणा को ग़लत साबित कर देंगे कि आम का सीजन कुछ ही महीनों का होता है। क्योंकि, आज हम आपको कच्छ (गुजरात) में, आम की जैविक खेती (mango organic farming) करनेवाले एक ऐसे किसान की कहानी बताने वाले हैं, जो अपने ग्राहकों को सालभर आम का रस और mango products मुहैया करा रहे हैं। 

कच्छ के हरिसिंह जाडेजा, जैविक तकनीक से आम की खेती करते हैं। साथ ही आम से, बिना किसी केमिकल के कई प्रोडक्ट्स भी तैयार करते हैं। वह सीलपैक मैंगो पल्प (mango pulp), 10 प्रकार के आम पापड़, मैंगो आइसक्रीम, मैंगो पेड़ा, मैंगो कुल्फी, जूस और मिल्कशेक जैसे कई mango products बनाते हैं, ताकी लोगों को सालभर आम का स्वाद मिलता रहे।  

गांधीधाम निवासी, हरिसिंह के पास कोटका (रोहा) में लगभग 13 एकड़ खेत है। जिसमें वह पिछले चार सालों से केसर आम, देसी आम, नारियल, सीताफल, बिजौरा, चीकू, मौसंबी वगैरह की खेती करते आ रहे हैं। वह खेती में किसी तरह के रसायन का उपयोग नहीं करते। रासायनिक खेती से ज़मीन और लोगों के स्वास्थ्य पर होते बुरे असर के बारे में जानने के बाद ही, उन्होंने जैविक खेती करने का फैसला किया। वह अपनी देख-रेख में सुनिश्चित करते हैं कि सभी फल जैविक तरीके से ही उगाए जाएं। शुरुआत में, वह अपनी फसल मंडी में बेचते थे। जिससे उनके फल ग्राहकों तक सही कीमत में नहीं पहुंच पाते थे और न ही उनके जैसे किसानों को अपनी फसल की सही कीमत मिलती थी। उन्होंने इस समस्या के समाधान के रूप में किसान के साथ-साथ, एक व्यापारी बनने का फैसला लिया। 

आजकल बाजार में कई ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, जो महंगे तो होते ही हैं, साथ ही हमारे मन में उनकी गुणवत्ता से जुड़े कई सवाल भी रहते हैं। हरिसिंह चाहते थे, उनके ऑर्गेनिक फल से बने उत्पाद भी पूरी तरह से ऑर्गेनिक रहें। इसलिए उन्होंने खुद ही आम से अलग-अलग mango products बनाना शुरू किया। 

घर से शुरू किया ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स बनाना 

उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों की मदद से घर में ही आम रस बनाने (mango products at home) से शुरुआत की। जिसे वह एक सील पैक डिब्बे में भरकर बेचते हैं। फिर धीरे-धीरे वह आम से 10 तरह के आम पापड़, दो तरह के मैंगो जूस, मिल्कशेक, आइसक्रीम, कुल्फी और पेड़ा भी बनाने लगे। 

आम पापड़

आम पापड़, बच्चों से लेकर बड़ों तक को बहुत पसंद आता है। इसे मुखवास या फ्रूट सलाद में इस्तेमाल किया जाता है। हरिसिंह ने इसे कई फ्लेवर्स के साथ बनाना शुरू किया। वह अदरक, काली मिर्च, इलाइची, गुड़, शक़्कर, सहित 10 तरह के फ्लेवर्स वाले आम पापड़ बनाते हैं। बिना किसी केमिकल के बने इन आम पापड़ों में स्वाद के साथ सेहत भी होती है। जिसे वह 100 रूपये प्रति 100 ग्राम बेचते हैं। 

मैंगो पल्प 

आम के शौकीनों के लिए मैंगो पल्प, सबसे पसंदीदा प्रोडक्ट है। ऐसे सभी लोग अब गर्मियों के बाद भी, हरिसिंह के सील पैक मैंगो पल्प का आनंद ले सकेंगे। आमतौर पर बाजार में मिलनेवाले फ्रूट पल्प को प्रिज़र्वेटिव डालकर बेचा जाता है। लेकिन हरिसिंह इसे भी बिना किसी केमिकल के ऑर्गेनिक तरीके से बनाते हैं। जिसके लिए वह आम के रस को दो बार गर्म करते हैं और ठंडा करते हैं। जिससे गर्म होने के बाद, पल्प में मौजूद बैक्टीरिया का विकास रुक जाता है और यह जल्दी ख़राब नहीं होते। इसके बाद, उन्हें डिब्बों में डालकर सील पैक किया जाता है। सील पैक होने के कारण, इसमें बाहर की नमी नहीं लगती और यह सालभर तक सही रहते हैं। इनके एक लीटर रस की कीमत 300 रुपये है। 

वह अपने सभी mango products ‘माँ आशापुरा ऑर्गेनिक केसर फार्म’ ब्रांड के नाम के साथ बेचते हैं। जिसे आस-पास के कई दुकानदार खरीदकर ले जाते हैं। साथ ही, वह अपने बाकी के प्रोडक्ट्स, फार्म से ही बेचते हैं। चूँकि, स्वाद और गुणवत्ता में ये सभी प्रोडक्ट्स बढ़िया हैं, इसलिए दूर-दूर से लोग इन्हें खरीदने आते हैं।  

हरिसिंह एक प्रगतिशील किसान हैं।  वह राज्य में लगनेवाले सभी किसान मेलों में भी भाग लेते रहते हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनके प्रोडक्ट्स की जानकारी मिलती रहे। फ़िलहाल वह अपने बनाए mango products को पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में भी भेजते हैं। उनका कहना है, “दूसरे राज्यों से भी कई लोग उनके नियमित ग्राहक बन गए हैं।”

स्वच्छता और गुणवत्ता है सर्वोपरि 

अपने mango products के बारे में बात करते हुए हरिसिंह बताते हैं, “हमारे लिए अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता सबसे ज्यादा जरूरी है। जिस पर हम विशेष ध्यान देते हैं। हमारे प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता देखकर ही, लोग इसे हमारी तय की हुई कीमत पर खरीदने को तैयार हो जाते हैं और बार-बार खरीदते हैं।”

वह बताते हैं कि मैं, मेरी पत्नी, मेरी दो बेटियां और एक बेटा सभी मिलकर इसे तैयार करते हैं। इसके अलावा वह खेत की देख-रेख भी करते हैं। जिसके लिए उन्होंने तीन अन्य लोगों को भी काम पर रखा है। 

तक़रीबन दो साल तक कई प्रयोगों के बाद उन्होंने इन प्रोडक्ट्स को बनाना शुरू किया और उन्हें इसमें सफलता भी मिली। आस-पास के इलाकों में इस तरह के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स बेचने वाले वह अकेले ही हैं। भविष्य में वह अपने जूस और मिल्कशेक की पैकेजिंग पर काम करना चाहते हैं। जिसके लिए वह कांच की बोतल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने वाले हैं। साथ ही, वह अपनी वेबसाइट बनाने पर भी काम कर रहे हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके। 

हरिसिंह को प्रोडक्ट प्रोसेसिंग और उसे बेचने के लिए सरकारी मान्यता भी मिली है। गुजरात सरकार की ओर से उन्हें प्रगतिशील किसान का ख़िताब मिल चुका है। वहीं, कई और संस्थाओं ने भी उन्हें सम्मानित किया है। 

इसके अलावा, हरिसिंह के खेत में पलाश, गिलोय, गोखरू आदि की भी खेती की जाती है। लोगों की सेवा के लिए वह मुफ्त में ही सबको गिलोय देते हैं। साथ ही, वह सूखे गोखरू या ‘गोक्षुर को भी पाउडर बनाकर बेचते हैं। इसके अलावा, वह पलाश के फूल भी बेचते हैं, जिससे एक बेहद पौष्टिक फ्रूट सिरप बनता है।

अंत में वह कहते हैं, “यदि किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है, तो उन्हें इसकी जिम्मेदारी खुद ही लेनी होगी। जिसके लिए उन्हें, अपनी फसल में वेल्यू एडिशन करने के साथ-साथ, अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग पर भी ध्यान देना होगा। शुरुआती दिनों में भले ही, उन्हें थोड़ा संघर्ष करना पड़े, लेकिन इससे वह सीधे अपने ग्राहकों से जुड़ पाएंगे। जो किसानों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद होगा।”

हरिसिंह से संपर्क करने या उनके प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए आप उन्हें  98254 96996 पर कॉल कर सकते हैं। 

मूल लेख – निशा जनसारी

संपादन – अर्चना दुबे

यह भी पढ़ें- जैविक खेती कैसे करें? जानिए अहमदाबाद के Cardiologist और किसान, डॉ. दिनेश पटेल से

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