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एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती से सालाना 6 लाख रुपये कमाते हैं किसान शशिधर

Grow Strawberry

स्ट्रॉबेरी खाने में टेस्टी होने के साथ पोषक गुणों से भरपूर होती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से इम्यूनिटी लेवल बढ़ने के साथ बीमारियों से भी बचाव होता है। यह विटामिन और फाइबर से भरा होता है। अक्सर समझा जाता है कि स्ट्रॉबेरी की खेती (Grow Strawberry) सिर्फ ठंडे इलाकों में ही होती है लेकिन यह एक मिथक है। आज हम आपको कर्नाटक के एक ऐसे किसान से रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं, जो स्ट्रॉबेरी की शानदार खेती कर रहे हैं।

कर्नाटक के धारवाड़ जिला के 44 वर्षीय शशिधर चिक्कप्पा गोरावर लंबे समय से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। वह अपनी एक एकड़ ज़मीन पर 25 हज़ार स्ट्रॉबेरी के पौधों से उपज ले रहे हैं।

शशिधर ने द बेटर इंडिया को बताया, “मैं 30 टन स्ट्रॉबेरी उगाता हूँ। आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मुझे हार्वेस्टिंग से पहले से ही केरल, गोवा और हैदराबाद जैसी जगहों से ऑर्डर्स भी मिलने लगता है।”

शशिधर बताते हैं, “पहले मैं महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करता था। यह इलाका भी स्ट्रॉबेरी के उत्पादन के लिए मशहूर है। मैंने वहीं पर स्ट्रॉबेरी उगाने की एक साल की ट्रेनिंग ली और सीखा कि कैसे जैविक स्ट्रॉबेरी उगा सकते हैं। एक एजेंट की मदद से मैंने कैलिफ़ोर्निया से 250 स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगवाए और सितंबर 2019 में खेती शुरू की।”

परिवार के सदस्यों और अन्य श्रमिकों की मदद से, शशिधर ने खेती शुरू की। एक महीने के बाद, स्ट्रॉबेरी हार्वेस्टिंग के लिए तैयार थी। “मैं और मेरा परिवार हार्वेस्टिंग को लेकर बहुत खुश थे। बहुत से लोगों का दावा था कि स्ट्रॉबेरी हमारे यहाँ नहीं हो सकती है, लेकिन मैंने उन्हें गलत साबित कर दिया। स्ट्रॉबेरी की कई किस्में हैं, जिनमें से कुछ धारवाड़ जैसे गर्म जगहों पर भी उग सकती हैं,” शशिधर ने बताया।

एक बार जब हार्वेस्टिंग पूरी हो गई, तो शशिधर, उनकी पत्नी, दोनों बच्चों और अन्य श्रमिकों ने स्ट्रॉबेरी की पैकिंग की और ऑर्डर्स के हिसाब से उन्हें अलग-अलग जगहों पर भेज दिया। “मेरा छोटा बेटा स्ट्रॉबेरी पैक करने में मेरी मदद करता है और बड़ा बेटा इसकी मार्केटिंग में मदद करता है। मेरी पत्नी सभी चीजों में मेरा साथ दे रही है, चाहे वह पौधों को पानी देना हो या पैकिंग करना,” उन्होंने आगे कहा।

Strawberry

खेती से होने वाले मुनाफे के बारे में वह कहते हैं, “प्रॉफिट बाज़ार के रेट पर निर्भर करता है। इस बार मुझे 6-8 लाख रुपये की कमाई हुई। अगर कभी बाज़ार में ही रेट कम हो तो उन्हें इतनी कमाई नहीं मिलेगी।”

शशिधर ने रास्पबेरी भी उगाई हैं। वह अगले साल तक इसकी फसल की भी उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही आगे वह अपने खेतों में शहतूत और आंवले उगाने की योजना भी बना रहे हैं।

शशिधर स्ट्रॉबेरी के फल के साथ-साथ पौधे भी बेच रहे हैं। प्रत्येक पौधे की कीमत 10 रुपये है, लेकिन इससे जुडी जानकारी और सलाह वह बिना किसी फीस के देते हैं।

उनाक मानना है कि पौधों की देखभाल करना आसान काम नहीं है। स्ट्रॉबेरी की खेती में काफी ज्यादा मेहनत है। वह बताते हैं, “मैं दिन में एक बार पौधों को पानी अवश्य देता हूँ। हर एक पौधे की साफ़-सफाई का ध्यान भी रखना पड़ता है, नहीं तो हार्वेस्ट पर इसका असर पड़ेगा। सूखे पत्ते भी निकाल देने चाहिए।”

अगर पौधे को कोई पोषण या फिर कोई जैविक पेस्टिसाइड चाहिए तो यह पानी के साथ मिलाकर ही दिया जाता है। शशिधर के मुताबिक कोई भी स्ट्रॉबेरी उगा सकता है। यहाँ तक कि आप अपने घर में छत पर दो-चार लोगों के लिए भी स्ट्रॉबेरी उगा सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए ज़रूरी बातें:

आगे शशिधर कहते हैं कि सिर्फ 30×40 स्क्वायर फीट जगह में 500 स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाये जा सकते हैं। पौधों में नमी रखने के लिए आप ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

अगर सब कुछ अच्छा रहा तो शशिधर स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान खोलने की योजना बना रहे हैं।

“एक बार कोरोनावायरस का प्रकोप खत्म हो जाए, उसके बाद, मैं अधिकारियों से बात करूंगा और प्रशिक्षण संस्थान पर काम आगे बढ़ाऊंगा। हममें से बहुत से लोगों को स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी नहीं है। मुझे ख़ुशी होगी अगर दूसरों को इसकी खेती के बारे बता सकूं ताकि उनकी आय बढ़े,” शशिधर ने अंत में कहा।

यदि आप भी स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहते हैं या जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो शशिधर से 86988 89944 पर संपर्क कर सकते हैं।

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स्त्रोत 

संपादन: जी. एन. झा


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