Site icon The Better India – Hindi

BITS Pilani के इस पूर्व-छात्र ने लाखों की नौकरी छोड़ किसानों के लिए बनाया ‘जैविक हाट

Ashish Gupta

किसी भी कंप्यूटर सांइस इंजीनियर के लिए नामी कंपनियों में नौकरी पाना एक सपना होता है। इसके बाद अगर सैलरी और ग्रोथ अच्छी हो तो लोग अपनी पूरी जिंदगी इसी फील्ड में अपना समय निकाल देते हैं।

लेकिन कहते हैं न कि ‘कोई चलता पद चिह्नों पर कोई पद चिह्न बनाता है।’ कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने रास्ते अलग ही बनाते हैं। ऐसी ही एक कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं।

यह कहानी है हिमाचल के आशीष गुप्ता की। आशीष बिट्स पिलानी जैसे नामी इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने के बाद 8 सालों तक भारत, जर्मनी और अमेरिका की नामी कंपनियों में काम करते रहे। लेकिन घटते कृषि क्षेत्र और किसानों की आत्महत्या के समाचारों से व्यथित होकर उन्होंने लाखों के सैलरी पैकेज को ठोकर मारकर किसानों के हितों के लिए एक ऐसा काम शुरू किया जो पिछले 13 सालों से चला आ रहा है।

इन 13 सालों में आशीष अभी तक 10 हजार से अधिक किसानों को बेहतर मार्केट उपलब्ध करवाने के साथ पीजीएस (पार्टिस्पेटरी गारंटी सिस्टम) में उनका निःशुल्क सर्टिफिकेशन करवाकर उनकी जिंदगियाँ बदल चुके हैं।

आशीष गुप्ता

कैसे हुई शुरूआत

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के छोटे से गाँव पांगणा के रहने वाले आशीष गुप्ता ने द बेटर इंडिया को बताया, “जब मैं 2004-05 में गुड़गाँव में एक आईटी कंपनी में काम कर रहा था, तब वहाँ बहुत सारे खेत होते थे, जो कुछ ही समय में कंक्रीट के जंगल के रूप में बदल गए। साथ ही इसी दौरान किसानों की आत्महत्याओं की घटनाएँ बढ़ने के समाचार भी मुझे तकलीफ़ पहुँचा रहे थे। ऐसे में मुझे लगा कि किसानों के लिए कुछ तो करना चाहिए, लेकिन क्या करना है, यह सोचते-सोचते दो साल लग गए।”

किसानों को जैविक खेती के गुर सिखाते आशीष

इन दो सालों के दौरान आशीष देश के सभी राज्यों में विभिन्न किसान संगठनों, मार्केट सेक्रेटरी, आढ़तियों, किसानों और विशेषज्ञों से मिले। तब जाकर समझ आया कि किसानों की असल समस्या फसल को पैदा करने की नहीं बल्कि उसे मार्केट मुहैया करवाने की है। साथ ही, समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।

वह कहते हैं, “इसलिए मैनें जैविक खेती के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ किसानों को सही मार्केट मुहैया करवाने के लिए दिल्ली में जैविक हाट की शुरूआत की।”

किसानों और बाजार के बीच में कड़ी बना जैविक हाट

रोहिणी स्थित जैविक हाट

आशीष ने दिल्ली के रोहणी में किसानों के जैविक उत्पादों को सही मार्केट मुहैया करवाने के लिए 2008 में जैविक हाट की शुरुआत की थी। इस जैविक हाट में देशभर के विभिन्न कोनों से 100 से अधिक किसान अपने जैविक उत्पादों को बेचने के लिए भेजते हैं। आशीष के जैविक हाट का सालाना कारोबार 60 लाख रूपये के करीब है। इसके साथ ही किसानों के जैविक खेती के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने के लिए आशीष विभिन्न राज्यों में जैविक हाट की तर्ज पर खुली दुकानों और संगठनों से किसानों का संपर्क करवाते हैं ताकि उन्हें अपने उत्पाद का सही दाम मिल सके।

आशीष बताते हैं, “जैविक हाट और इसकी तर्ज पर खुली अन्य दुकानें किसानों के लिए बेहतर दाम के साथ पारदर्शिता के साथ काम करती हैं ताकि किसानों को लूट से बचाया जा सके। मेरा मानना है कि न ही  किसान को घाटा होना चाहिए और न ही उपभोक्ता के साथ लूट होनी चाहिए।  हम जैविक हाट और इसकी तरह अन्य दुकानों में यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी के साथ कोई धोखा न हो और पूरे काम में पारदर्शिता हो।”


हजारों किसानों का सर्टिफिकेशन निशुल्क

किसानों के उत्पादों को बाजार में सही भाव मिले, इसके लिए आशीष किसानों का पीजीएस (पार्टिस्पेटरी गारंटी सिस्टम) में सर्टिफिकेशन भी निःशुल्क करवाते हैं। उन्होंने बताया कि पीजीएस में पंजीकरण के लिए कई ऐजेंसियाँ लगभग 15 हजार रूपये सालाना लेती हैं। अभी तक वह 3 हजार से अधिक किसानों को पीजीएस में पंजीकृत करवाकर उन्हें बाजार में सही भाव दिलवाने में सफल रहे हैं।

ग्राम दिशा ट्रस्ट से क्षमता विकास

ग्राम दिशा जैविक समूह

किसानों तक जहरमुक्त खेती की तकनीकि पहुँचाने और उनकी क्षमता के विकास के लिए विभिन्न उदेश्यों के साथ उन्होंने 2018 में ‘ग्राम दिशा ट्रस्ट’ की शुरूआत की।

ट्रस्ट के फांउडिंग मेंबर और ट्रस्टी आशीष ने बताया, “यह ट्रस्ट किसानों को प्राकृतिक और जैविक खेती की तकनीकि के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करता है। अभी तक इसमें 300 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा भारतीय प्राचीन अनाज जो विलुप्त होने की कगार पर हैं उन्हें भी संरक्षित रखने में यह ट्रस्ट अपना योगदान दे रहा है। भारतीय सांस्कृतिक और बिना रसायन के भारतीय परंपरागत खेती की पद्धति को विदेशों तक पहुँचाने के लिए अभी तक अमेरिका, जर्मनी, स्पेन, अफग़ानिस्तान और नेपाल समेत कई देशों के 300 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है।”

एफएओ के सलाहकार हैं आशीष

एक कार्यशाला के दौरान ग्रामीण किसानों को परिचित कराते आशीष

आशीष, एफएओ (फूड एडं एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन) के सलाहकार के साथ-साथ दो बार भारतीय अंबैसडर भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह आर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन इंडिया, पीजीएस आर्गेनिक काउंसिल के सदस्य और एक्सपर्ट कमेटी मेंबर ऑन ऑर्गेनिक फूड के सदस्य भी रह चुके हैं।

आशीष गुप्ता का कहना है कि जिन किसानों को कहीं से भी कोई भी सहायता नहीं मिल पा रही है और उन्हें मार्केटिंग से सबंधिंत या अपने उत्पाद को बाजार मुहैया करवाना है तो वे जैविक हाट से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए किसान जैविक हाट के फोन नंबर 011-2794436 पर फोन कर सकते हैं।

संपादन- पार्थ निगम

यह भी पढ़ें- MBA कर किसान पिता के साथ गुड़ बनाने लगा यह बेटा, अब 100 किसानों तक पहुँच रहा फायदा

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

Exit mobile version