घर… हर किसी के लिए अपना घर बहुत ख़ास होता है। घर छोटा हो या बड़ा, लेकिन उसे सजा-संवरा रखने के लिए हम क्या-क्या जतन नहीं करते। पर अपने इन जतनों में हम यह भूल जाते हैं कि हमारा घर सिर्फ ईंट-पत्थरों से बने मकान तक सीमित नहीं है, बल्कि समुद्र, जंगल, नदियाँ, पहाड़, वादियाँ ….. इन सबसे बनी पूरी पृथ्वी हमारा घर है।
….और यह सिर्फ हम इंसानों का घर नहीं है बल्कि और भी करोड़ों जीवों और पेड़-पौधों का घर है। हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि धरती पर मनुष्य के अलावा पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और अन्य जीव-जंतुओं की कितनी प्रजातियां हैं।
पर हम इंसानों ने खुद को साफ़, जर्म-फ्री और सुरक्षित रखने के नाम पर धरती और इस पर बसर करने वाले इन सभी जीवों को विनाश की तरफ धकेल दिया है। हमारी नदियाँ सूख रही हैं, समुद्री-जीवन खत्म हो रहा है, पहाड़ों में कचरे के ढेर जमा हैं और जंगल… जंगल तो जैसे चंद सालों में बचेंगे ही नहीं।
हानिकारक केमिकल हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुके हैं और अब हमारे शरीर में घुल रहे हैं। आए दिन प्रदुषण पर, नष्ट होते प्राकृतिक जीवन पर हम चर्चा करते हैं। लेकिन अब समय है कि हम सिर्फ बातें नहीं करें बल्कि इस पर काम करें।
हम सबको मिलकर अपने घर- अपनी धरती, अपनी प्रकृति, प्राकृतिक जीवन को बचाना होगा। इस दुनिया को और बेहतर और खूबसूरत बनाने की शुरुआत अपने आप से करनी होगी।
लेकिन कैसे?
बस अपनी हर छोटी-बड़ी आदत का, काम का एक बार आत्म-विश्लेषण करके! जी हाँ, अपने आप से लेकर अपने घर-परिवार तक और फिर अपने गाँव-शहर और समाज तक में, हम क्या-कैसे कर रहे हैं, इस बात पर गौर करें। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ये हम सबको पता है। पर जितना प्लास्टिक खतरनाक है उतने ही हमारे घरेलु इस्तेमाल की चीजें जैसे कि शैम्पू, साबुन, फ्लोर क्लीनर्स, टॉयलेट क्लीनर्स, डिटर्जेंट आदि भी हानिकारक हैं।
लेकिन हम में से कितने लोग कोई भी प्रोडक्ट खरीदने से पहले पर्यावरण और प्रकृति के बारे में सोचते हैं? शायद 1% लोग भी मुश्किल से होंगे, जो सिर्फ अपनी सुरक्षा नहीं बल्कि पर्यावरण और अन्य प्रजातियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखते हैं। इसलिए हमें अपनी आदतों से शुरुआत करनी होगी और इसके लिए आप सबसे पहले अपने खुद के घर से शुरुआत कर सकते हैं।
हम सब अपने घरों में हर दिन फ्लोर क्लीनर्स, टॉयलेट क्लीनर्स, डिटर्जेंट पाउडर/लिक्विड और बर्तन धोने के लिए साबुन या फिर लिक्विड इस्तेमाल करते हैं। इन सभी प्रोडक्ट्स में खूब सारे केमिकल इस्तेमाल होते हैं जो पर्यावरण और हमारे खुद के लिए भी नुकसानदेह हैं।
इसलिए सबसे पहले ज़रूरी है कि हम साफ़-सफाई के लिए ऐसे प्रोडक्ट खरीदें जो केमिकल-फ्री और प्राकृतिक हों। लेकिन समस्या यह है कि इस तरह के प्रोडक्ट्स आसानी से नहीं मिलते और इस वजह से लोगों के सामने जो विकल्प होता है वे उसी को खरीद लेते हैं।
दूसरा, कई बार लोग एक-दो बार ही ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स खरीदने की ज़हमत उठाते हैं। अगर तीसरी बार उन्हें आसानी से प्रोडक्ट्स न मिलें तो वे अपनी सहूलियत को ज्यादा महत्व देते हैं।
इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही, द बेटर इंडिया ने ‘द बेटर होम’ की शुरुआत की है!
‘द बेटर होम‘: आपके घर को बेहतर बनाने की पहल!
द बेटर होम के ज़रिए हमारी कोशिश अपने वातावरण और प्रकृति को और बेहतर बनाने की है। इसकी शुरुआत हमने आपके घरों में रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स बनाने से की है। इन प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए ऐसे प्राकृतिक तत्वों को तलाशा है जो न सिर्फ आपके घर के लिए बल्कि इको-सिस्टम के लिए भी सुरक्षित हैं।
‘बेटर’ शब्द सिर्फ हमारे नाम का हिस्सा नहीं है बल्कि यह हमारा वादा है कि हम अपने समुदाय, समाज और पर्यावरण को ‘बेटर’ यानी और भी ‘बेहतर’ बनाने की कोशिश करें।
द बेटर होम किट में आपको चार प्रोडक्ट्स- फ्लोर क्लीनर, टॉयलेट क्लीनर, लॉन्ड्री लिक्विड और डिश वॉशिंग लिक्विड मिलेंगे। इन सभी प्रोडक्ट्स को नेचुरल सफैटेंट्स और बायो-एक्टिव फार्मूलेशन से बनाया गया है। इसलिए साफ़-सफाई के बाद जो भी गंदा पानी बचता है, वह बायोडिग्रेडेबल होता है। उसमें कोई भी हानिकारक केमिकल या फिर तत्व नहीं होते। इससे हमारे पानी के सभी स्त्रोत सुरक्षित रहेंगे।
क्यों चुनें ‘द बेटर होम’ प्रोडक्ट्स :
सबसे पहली और ज़रूरी वजह है कि ये सभी इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स हैं। दूसरा, ये नॉन- टॉक्सिक, केमिकल- फ्री और एसिड- फ्री प्रोडक्ट्स हैं तो सबके लिए हेल्दी भी हैं। जितने ये प्रोडक्ट्स हेल्दी हैं उतने ही गंदगी और दाग-धब्बों पर प्रभावी भी हैं।
इसके अलावा, आप द बेटर होम किट का सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं। इससे आपको हर महीने या फिर प्रोडक्ट खत्म होने के बाद फिर से री-ऑर्डर करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आपकी ज़रूरत के हिसाब से आपको प्रोडक्ट का सब्सक्रिप्शन मिल जायेगा और आपके प्रोडक्ट्स खत्म होने से पहले नए किट की डिलीवरी हो जाएगी।
सबसे ज़रूरी बात यह है कि इन प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग री-युजेबल बोतलों में की गयी है। शुरुआत में आपको ये बोतलें मिलेंगी और फिर आपको रिफिल पैक्स दिए जायेंगे। हम इन रिफिल पैक्स को भी वापिस लेते हैं ताकि इन्हें सही तरीके से डिस्पोज या फिर अपसाइकिलिंग के लिए दिया जा सके। इस तरह हम प्रदुषण की रोकथाम में मदद कर सकते हैं।
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संपादन – मानबी कटोच