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दस साल की मान्या का कमाल, लहसुन प्याज के छिल्कों से बनाए इको फ्रेंडली पेपर

Manya made paper from vegetable peels

अगर कुछ करने की ठान लो, तो उम्र आड़े नहीं आती। मान्या हर्षा, पर्यावरण को लेकर काफी सचेत और चिंतित हैं। वह, भारत के कचरा प्रबंधन प्रणाली (Food waste management) में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही हैं।

पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखने के लिए, वह अनेक संगठनों से भी सक्रिय तौर पर जुड़ी हैं। उनके इन प्रयासों के लिए यूएन वॉटर ने उनकी काफी सराहना की है। सबसे दिलचस्प व महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इतना सब कुछ करने वाली मान्या हर्ष, केवल 10 साल की हैं।

छोटी सी उम्र में बड़ा कमाल

मान्या बेंगलुरु के विबग्योर हाई बीटीएम स्कूल में 6वीं कक्षा की छात्रा हैं। अपनी दादी के घर में हरे-भरे माहौल के बीच पली-बढ़ीं मान्या को हमेशा से कुदरत से प्यार रहा है। वह अपना समय प्रकृति को बचाने के लिए प्रचार करने में बिताती हैं। जब मान्या ने शहर में कचरे की बढ़ती समस्या को देखा, तो उनके मन में इसके लिए कुछ करने का विचार आया।

तभी से उन्होंने बच्चों के लिए वॉकथॉन की मेजबानी शुरू कर दी। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए एक ब्लॉग बनाया। इसके अलावा उन्होंने प्रकृति के विषय पर पांच किताबें भी लिखी हैं। 

हाल ही में, मान्या लगातार बढ़ रहे कचरा व प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक अभियान का हिस्सा रहीं। उन्होंने, मार्कोनहल्ली बांध और वरका समुद्र तट पर एक सफाई अभियान की मेजबानी की। उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा, साल 2020 में रिकॉग्नाइज़ किया गया। मान्या ने लोगों को जागरूक करने के लिए एनिमेटेड शॉर्ट फिल्में भी बनाईं। उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह इसलिए मिली, क्योंकि इतनी कम उम्र में अब तक किसी ने ऐसा कुछ नहीं किया था।

पेड़ बचाने का अनोखा तरीका

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे जहां मौज-मस्ती करते हैं। वहीं मान्या ने जीरो कॉस्ट पर पेड़ों को बचाने का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला। दस प्याज के छिल्कों ((Food waste management)) से, वह A4 साइज़ के दो से तीन पेपर बना देती हैं।

मान्या बताती हैं, “मैंने सोचा कि घर की रसोई से निकलने वाले कचरे के साथ क्या-क्या किया जा सकता है? आखिरकार मैंने इस कचरे से कागज बनाने की तरकीब ढूंढ निकाली, और फिर कचरे से कागज़ बनाने का फैसला किया।”

Paper made from peels (Image Source: Instagram)

छिल्कों से कैसे बनता है कागज?

इस युवा पर्यावरणविद् ने, द बेटर इंडिया को बताया कि वह सब्जियों के छिलके से कागज कैसे बनाती हैंः

कागज बनाने के अपने अनुभव को हमारे साथ साझा करते हुए मान्या कहती हैं,  “पहले प्रयास में बेहद खराब पेपर बना था। लेकिन जब तक उन्होंने अलग-अलग रंगों और आकार के पेपर तैयार नहीं कर लिए, धैर्य और दृढ़ता के साथ लगी रहीं।” उन्होंने सलाह देते हुए कहा, “त्यौहारों के मौसम में इस्तेमाल किए गए फूलों और पान के ताजा पत्तों से भी सॉफ्ट पेपर तैयार किया जा सकता है।”

मूल लेखः रिया गुप्ता

संपादनः अर्चना दुबे

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