कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच, बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine For Kids) को मंजूरी मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने देश में 2 से 18 साल के लिए Covaxin को मंजूरी दी है। सरकार की तरफ से इस Covid Vaccine को लेकर जल्द ही गाइडलाइन जारी की जाएगी।
12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए जाइडस कैडिला का डीएनए COVID-19 वैक्सीन पहले ही स्वीकृत हो चुका है। इस फैसले से स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि शिक्षण संस्थान अब बच्चों का फिजिकल स्कूल में स्वागत करने लगे हैं।
मई 2021 में, 12 साल के ऊपर के बच्चों के लिए फाइजर COVID -19 वैक्सीन को मंज़ूरी देनेवाला, कनाडा पहला देश था। जून में, चीन ने 3 से 17 वर्ष की आयु के कुछ बच्चों को सिनोवैक की बनायी Covid Vaccine के शॉट्स देने की अनुमति दी थी।
कुछ देश बच्चों के लिए भी वैक्सीन (Covid Vaccine For Kids) रोलआउट करने में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, स्वीडन में 12 से 15 वर्ष की आयु के वही बच्चे वैक्सीन ले सकते हैं, जिन्हें फेफड़े की बीमारी, गंभीर अस्थमा या कोई दूसरी ज़्यादा गंभीर बिमारी हो।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS), नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, 2-18 आयु वर्ग के बच्चों को टीका लगाया जाना चाहिए “क्योंकि यह महामारी से छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका है”।
जानने योग्य बातें:
- SEC ने अंतिम मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को अपनी अर्जी सौंप दी है।
- यह मंज़ूरी, मई 2021 में SEC द्वारा बच्चों के बीच परीक्षण करने के कंपनी के प्रस्ताव को सुनने और परीक्षण आयोजित करने के लिए आवश्यक मंजूरी देने के बाद आयी है।
- इस महीने की शुरुआत में, DCGI को भारत बायोटेक के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षणों से डेटा प्राप्त हुआ, जो 2-18 आयु वर्ग के बच्चों पर किए गए थे।
- परीक्षण चरण के दौरान, 28 दिनों के अंतराल पर 528 बच्चों को Covaxin की दो खुराकें दी गईं।
- चरण II और III के परीक्षणों पर आधारित डेटा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
- जबकि, वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिया गया है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अभी तक Covaxin को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्रदान नहीं किया है।
- जबकि SEC ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्रदान किया है, इसने पालन की जाने वाली चार शर्तें भी निर्धारित की हैं:
- Covaxin बनानेवाले होल विरियन (Whole Virion), इनएक्टिवेटेड कोरोनावायरस वैक्सीन द्वारा अनुमोदित क्लिनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार अध्ययन जारी रखेंगे।
- फर्म को अपडेटड प्रिस्क्राइबिंग सूचना/पैकेज इंसर्ट (PI), उत्पाद विशेषताओं का सारांश (SmPC) और फैक्टशीट देने होंगे।
- फर्म को AEFI और AESI पर डेटा सहित सुरक्षा डेटा, पहले दो महीनों के लिए हर 15 दिनों में और उसके बाद हर महीने प्रस्तुत करने होंगे। इसके अलावे, न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 की आवश्यकता के अनुसार उचित विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करना होगा।
- फर्म को एक जोखिम प्रबंधन योजना भी प्रस्तुत करनी होगी।
- जहाँ वयस्कों के लिए खुराक के बीच का अंतर चार से छह सप्ताह है, वहीं बच्चों को दी जाने वाली दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर होने की संभावना है।
- केंद्र की ओर से विस्तृत SOP का इंतजार है ताकि इस बारे में अधिक स्पष्टता मिल सके कि टीका कब उपलब्ध होगा और सबसे पहले यह किसे मिलेगी।
- दो टीकों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित Covavax और हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई के Corbevax के भी जल्द ही इस डेमोग्राफिक के लिए परीक्षण शुरू करने की संभावना है।