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दूसरे राज्य से आए श्रमिकों को अतिथि कहते हैं ये कलेक्टर, साथ बैठकर करते हैं भोजन

कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन में देश के अलग-अलग हिस्सों में लाखों श्रमिक फंसे हुए हैं। ऐसे में देश भर में पूरा प्रशासनिक और सामाजिक अमला उन श्रमिकों की हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहा है। आर्थिक तंगी, घर से दूर और लॉकडाउन के कारण एक अनजान ठिकाने में रहने का दर्द एक श्रमिक ही समझ सकता है। इन विपरीत परिस्थिति में अगर श्रमिक का कोई अतिथि की तरह सत्कार करे, उनके साथ बैठकर भोजन करे और उनकी हर संभव मदद करे तो श्रमिकों को कुछ पल के लिए सही लेकिन घर का माहौल मिल ही जाता है। ऐसा ही कुछ किया है छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला के युवा कलेक्टर दीपक सोनी ने।

31 स्थलों में शिविर की व्यवस्था

Chhattisgarh, Surajpur कलेक्टर दीपक सोनी श्रमिकों के साथ भोजन करते हुए Collector Deepak Soni Eats With Migrant Labourers

कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम एवं बचाव हेतु अन्य राज्यों से रूके श्रमिकों के लिए सूरजपुर ज़िले में कुल 31 स्थलों पर सुविधायुक्त व्यवस्था की गई है। इन सभी जगह टॉयलेट, किचन, साफ़ पानी और सोने के लिए पलंग आदि का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। देवनगर राहत शिविर में कलेक्टर दीपक सोनी और पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेज ने पटना, बिहार से रूके हुए श्रमिकों के बीच पहुंचकर उनका हाल चाल जाना।

बातचीत के दौरान जब श्रमिकों ने अपना दर्द बयां किया तो कलेक्टर उन्हीं के साथ बैठ गए। इसके बाद सभी श्रमिकों के साथ बैठकर भोजन किया और फिर उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा की इस जगह को आप अपना घर ही समझिए। प्रशासन सामान्य भोजन नहीं बल्कि खीर, पूड़ी और फल की व्यवस्था भी कर रहा है।

स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन के साथ बच्चो के लिए खेल-कूद की व्यवस्था

श्रमिकों को दिया जाने वाला भोजन (Chhattisgarh, Surajpur Collector Deepak Soni Eats With Migrant Labourers)

जिले में 31 राहत शिविर स्थापित किया गया है जिसमें 631 श्रमिक विभिन्न राज्यों से रुके हुए हैं। सभी कैंप में स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन व्यवस्था की जा रही है। यह भोजन महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाया जाता है तथा सभी के लिए दूध की भी व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं बच्चे एवं बड़ो के मनोरंजन का ध्यान में रखते हुए उनके के लिए कैरम बोर्ड, टीवी आदि की व्यवस्था भी की गई है। एक अच्छी बात यह भी है की सभी शिविरों में ज़िला के वरिष्ठ अधिकारी एसडीएम, तहसीदार व अन्य अधिकारी कैंप पहुंचकर श्रमिकों के साथ भोजन कर हौसला अफजाई कर रहे है।

घर से बेघर को अतिथि जैसा सम्मान

कलेक्टर दीपक सोनी श्रमिकों के साथ भोजन करते हुए (Chhattisgarh, Surajpur Collector Deepak Soni Eats With Migrant Labourers)

दीपक सोनी का कहना है कि कोरोना वायरस से डरने व घबराने की जरूरत नहीं है। जरुरत है तो सिर्फ सुरक्षित रहने की। उन्होंने कहा , “ इन श्रमिक साथियों के प्रत्येक समस्याओं के समाधान के लिए हमारा पूरा प्रशासन और अधिकारी 24 घंटे इनके साथ खड़े है। सभी श्रमिकों को अच्छा भोजन और एक पारिवारिक वातावरण देने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। जब भी इन श्रमिक साथियों से मिलने पहुंचता हूं तो उन्हें समझाता हूं, मनोबल बढ़ाता हूं। हम उनका पूरा ध्यान रख रहे हैं।”
दीपक सोनी की यह पहल न केवल सराहनीय बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक मिसाल भी है।


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