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डकैती में गँवाई पूंजी, पर नहीं मानी हार, 100 रुपए में काम शुरू कर खड़े कर दिए 4 स्टोर

केरल में त्रिशूर की रहने वाली व्यवसायी (Business Woman), इलावरसी जयकांत की ज़िंदगी,  2011 में एकदम से बदल गई। दरअसल, उनके सुपरमार्केट में डकैती हो गई थी। जिसके परिणामस्वरूप उनकी कमाई हुई, सभी जमा-पूंजी उनके हाथ से चली गई। इस आघात ने उन्हें झकझोर कर रख दिया, और वह महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहीं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि, जिस सुपरमार्केट को उन्होंने दिन-रात मेहनत कर, खड़ा किया था, वह अचानक ही उनके हाथों से चला जाएगा। 

मूल रूप से, तमिलनाडु से संबंध रखने वाली इलावरसी का परिवार, लगभग 45 साल पहले केरल के त्रिशूर जिले में आकर बस गया था। आजीविका के लिए, उनके दादा-दादी तथा माता-पिता, मिठाई और नमकीन बना कर बेचा करते थे। इलावरसी भी यही देखते हुए बड़ी हुईं, और वह इन सभी उत्पादों को गाँव में, घर-घर जाकर बेचने में परिवार की मदद भी करतीं थीं। 

शादी के बाद, उन्होंने अपने मायके की तरह ही, घर पर ही मिठाई और नमकीन बनाना शुरू किया। जिन्हें वह  पास की दुकानों और अन्य घरों में बेचने लगीं। वह कहती हैं कि, उनके उत्पादों की सुगंध और गुणवत्ता ने ग्राहकों को आकर्षित किया, और उनकी बिक्री बढ़ने लगी। 

इलावरसी कहतीं हैं, “मैं हमेशा से एक व्यवसायी बनना चाहती थी। मैंने अपने पति और बच्चों से, त्रिशूर में एक सुपरमार्केट खोलने के विचार पर चर्चा की। जहाँ मैं तरह-तरह के स्नैक्स, और चिप्स बेचना चाहती थी। हमने अपनी बचत के सभी पैसे इकट्ठे किए। साथ ही, बैंक और साहूकारों से 50 लाख रुपए का ऋण लिया, और फिर 2010 में एक ‘मार्ट’ खोला।”

Elavarasi Jayakanth

40 वर्षीया उद्यमी कहतीं हैं कि, उस समय वह बहुत ही ज़्यादा खुश थीं क्योंकि, वह अपने सपने को साकार होते हुए देख रहीं थीं। उनके उत्पादों में हलवा और चिप्स के साथ,आम, संतरा, चुकंदर, कटहल, और खीरा जैसे फल-सब्ज़ियों से बने केक भी शामिल थे। इलावरसी कहतीं हैं, “हर दिन हमारी बिक्री और ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। उन दिनों मैंने, लगभग 50 लोगों को रोज़गार भी दिया। हम ग्राहकों की ज़रूरत के हिसाब से, अलग-अलग किस्म के उत्पाद बनाते थे।” 

आराम से चल रही उनकी ज़िंदगी पर, उस डकैती के बाद मानो ग्रहण ही लग गया। उन्होंने बताया, “डकैती की घटना से मुझे मानसिक और शारीरिक, दोनों रूप से आघात लगा। कई महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा। मुझे लो ब्लड प्रेशर की शिकायत रहने लगी। फिर भी मैंने हार नहीं मानी। मुझे खुद पर विश्वास था, और इसी विश्वास से मैंने, एक बार फिर अपने बिजनेस को खड़ा किया। आज, हमारे चार स्टोर हैं, जहाँ मिठाई, नमकीन, केक और अचार सहित 60 से अधिक उत्पाद बनते हैं।” 

खुद को संभाला, फिर बढ़ीं आगे:

उन्होंने कहा, “डकैती के आघात ने मुझे कई महीनों तक अस्पताल में रखा और कोई दवाई असर नहीं कर रही थी। समय के साथ, मुझे अहसास हुआ कि, मैं हमेशा डर में नहीं जी सकती। यह सिर्फ मेरे परिवार के लिए नहीं है बल्कि, उन लोगों के लिए भी है जो मुझ पर और मेरे बिजनेस पर निर्भर थे। मैंने लोगों से पैसे उधार लिए थे, इसलिए मैं खुद को नहीं संभालती तो मेरे साथ-साथ उन्हें भी नुक्सान उठाना पड़ता।” 

इलावरसी का कहना है कि, बैंक अधिकारी हर दिन उनके पीछे पड़े रहते थे कि, वह बैंक का कर्ज चुक दें। दूसरे लेनदार भी उन्हें, और उनके परिवार को परेशान करने लगे थे। स्थिति को संभालने के लिए, उन्होंने एक नया बिजनेसशुरू करने का फैसला किया। इस उम्मीद के साथ कि, अगर वह काम करेंगी तो कम से कम लेनदार थोड़ा इंतज़ार कर लेंगे।

2012 में, उन्होंने त्रिशूर रेलवे स्टेशन के पास अपना ‘अश्वती हॉट चिप्स स्टॉल’ खोला। इसके बारे में उन्होंने बताया, “स्वादिष्ट स्नैक्स बनाने का हुनर मुझे अपने परिवार से मिला था, और इसलिए मैंने अपने फ़ूड बिजनेस को एक और मौका देने का फैसला किया। मेरे लिए, फिर से नए बिजनेस में पैसा लगाना काफी मुश्किल था, इसलिए मैंने 100 से भी कम रूपये में, अपना नया बिजनेसशुरू किया।”  

अपने स्टॉल के लिए, रेलवे स्टेशन को चुनने के पीछे की वजह बताते हुए वह कहतीं हैं कि, ट्रेन यात्रियों को अक्सर कुछ ऐसा चाहिए होता है, जो खाने में हल्का और किफायती भी हो। कुछ दिनों के भीतर, उनके गर्म चिप्स, और वडा, ट्रेन यात्रियों के बीच मशहूर होने लगे। समय के साथ, दूसरी जगहों के लोग सिर्फ उनके स्नैक्स चखने के लिए, उनके स्टॉल पर आने लगे। एक वक़्त के बाद, उनकी स्टॉल पर दिन भर ग्राहकों की लंबी कतारें लगने लगी। 

Her Store (Source)

जैसे-जैसे इलावरसी की आय बढ़ी, उन्होंने अपना ऋण चुकाना शुरू कर दिया। स्टॉल से उन्हें जो फायदा हुआ, वह पूंजी उन्होंने त्रिशूर में ही, अपने दूसरे स्टोर खोलने में लगाई। उनके ये स्टोर अब तरह-तरह के स्नैक्स बेचते हैं, जिनमें चिप्स, केक, और अचार शामिल हैं।

उनके उत्पाद बाजार में मिलने वाले उत्पादों से अलग होते हैं। इस बारे में वह कहतीं हैं, “मैं अपने उत्पादों में कोई ‘प्रैजरवेटिव’ या रंग नहीं डालती हूँ, इसलिए वह खाने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। इसके अलावा, स्नैक्स की सुगंध, उनकी गुणवत्ता और स्वाद मुख्य कारण हैं, जो ग्राहकों को हमारे स्टोर तक ले आते हैं।”

बिजनेस के लिए मिले हैं अवॉर्ड:

उन्होंने बताया, “मैंने अपनी असफलताओं से कई सबक सीखे हैं। हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि, जो आपको नीचे लाने की कोशिश कर रहा है, वह खुद आपसे नीचे है। आपकी पहचान क्या हैं, और आप अपना जीवन कैसे जीते हैं, यह आपको खुद तय करना चाहिए। मैं आगे बढ़ना चाहती थी, और इसलिए मैंने खुद को हौसला दिया और कड़ी मेहनत जारी रखी। आज, मैं अपने उत्पादों की बिक्री से प्रति माह 5 लाख रुपये से अधिक कमाती हूँ।” 

इलावरसी को बिसगेट (Bisgate) द्वारा ‘उभरती हुई उद्यमी’ (Emerging Entrepreneur) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

वह बताती हैं कि, जब वह मुश्किल समय से गुजर रही थीं, तब किसी ने भी उनका मार्दर्शन नहीं किया। हालांकि, आज वह ऐसे उद्यमियों की मदद कर रही हैं, जिन्हें बिजनेस में कोई घाटा हुआ है, या जो करियर में असफलताओं का सामना कर रहे हैं। वह उन्हें बेहतर जीवन जीने की सलाह और प्रेरणा देती हैं। 

अंत में वह कहतीं हैं, “कई बार लोग मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि, उन्हें मेरी कहानी पढ़कर एक बार फिर अपने बिजनेस को शुरू करने की प्रेरणा मिली है। मुझे इस बात का गर्व है कि, मैं किसी दूसरे के जीवन में कोई सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हूँ।”

‘अश्वती हॉट चिप्स स्टॉल’ के स्वादिष्ट स्नैक्स ऑर्डर करने के लिए आप उन्हें 98955 38168 पर कॉल कर सकते हैं। 

मूल लेख: संजना संतोष

संपादन- जी एन झा

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