जम्मू के राहुल मगोत्रा को 10 महीने पहले ही अबू धाबी में एतिहाद एयरवेज में नौकरी मिली थी। कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में आए आर्थिक संकट की वजह से राहुल को इस नौकरी से हाथ धोना पड़ा। लेकिन कहते हैं न कि कठिन वक्त में निराश होने की बजाए यदि हम बेहतर कल के लिए आज से ही मेहनत करना शुरू कर दें तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसी ही कहानी राहुल की है।
29 वर्षीय राहुल कहते हैं, “मैंने गो एयर और इंडिगो जैसी घरेलू विमानन कंपनियों में हवाई रैम्प और अन्य कार्गो से संबंधित काम किया था और एतिहाद एयरवेज जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी में, मैं पहली बार काम कर रहा था। इससे मुझे अपने करियर में आगे बढ़ने का मौका मिला।”
राहुल बताते हैं कि दुर्भाग्यवश, कोरोना संकट के कारण विमानन उद्योग पर सबसे बुरा असर पड़ा और जनवरी 2020 से हवाई परिचालन की गति धीमी होने लगी थी। फलस्वरूप, क्रू को काम कम मिलने लगा और हमारे रोस्टर खाली होते गए। नियुक्ति करने वाली कंपनी ट्रांसगार्ड ने हमें रहने और खाने की सुविधा देने का वादा किया, लेकिन यह नाकाफी था और स्थिति बिगड़ती चली गई।
वह कहते हैं, “हमारे कुछ सहयोगियों को कोरोना हो गया था, इसलिए हमें क्वारंटाइन कर दिया गया। इस तरह, हमें अपने अपार्टमेंट से बाहर जाने की भी अनुमति नहीं थी।”
एक कठिन इंतजार के बाद, राहुल ने जून में जम्मू के संजयनगर स्थित अपने घर लौटने का फैसला किया। इसी सिलसिले में उन्होंने कंपनी को पत्र लिखकर अपने घर वापसी का अनुरोध किया और कंपनी भी इस पर राजी हो गई।
कठिन वक्त के बाद एक नई शुरूआत
राहुल बताते हैं, “घर आने के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं थी, क्योंकि कोविड-19 के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। लेकिन, मैं कुछ ऐसा करना चाहता था, जिसमें ज्यादा लोगों की भागीदारी न हो और पूरी तरह सुरक्षित हो।”
राहुल को शुरू से ही खाना बनाना पसंद था और उनके इलाके में घर में बने खाने की काफी माँग थी।
इसे लेकर वह कहते हैं, “मैं अपने जीवन में हमेशा इस क्षेत्र में कुछ करना चाहता था और मैंने इसमें एक बार कोशिश करने का फैसला किया। इसके साथ ही, इस कारोबार को लोगों की कम से कम भागीदारी के साथ आगे बढ़ाया जा सकता था।”
इसके बाद, अपनी कुछ सेविंग और पिता से कर्ज से लेकर राहुल ने एक रसोई घर बनाया। राहुल अपने बंगले के ग्राउंड फ्लोर में रहते हैं, जबकि उनके छत पर दो कमरे बने हुए हैं। इसके एक कमरे में घर के जरूरी सामान रखे गए हैं और दूसरे का इस्तेमाल भंडारण के लिए किया जाता है। राहुल ने यहीं से अपने कारोबार को शुरूआत की।
राहुल ने अपने फूड डिलीवरी सर्विस का नाम ‘शेफ सिटी’ रखा और अगस्त के पहले सप्ताह से सेवाएं शुरू कर दी।
बदल गई जिंदगी
विमान कंपनियों में काम के दौरान अपने अत्यधिक व्यस्त जीवनचर्या के मुकाबले, इन दिनों राहुल की जिंदगी बिल्कुल अलग है।
इस विषय में राहुल बताते हैं, “मैं सुबह 6 बजे उठता हूँ, फिर दौड़ने या साइकिल चलाने जाता हूँ। इसके बाद, किसी दिन सब्जियाँ या अन्य सामग्रियों को खरीदने की जरूरत होती है। फिर 10 बजे तक, मैं खाने को बनाने के लिए सब्जियाँ उबालने, ग्रेवी बनाने आदि का काम पूरा करता हूँ।”
राहुल बताते हैं कि उनके पास एक हेल्पर है, जिसे व्यंजनों के बारे में अच्छी जानकारी है और दोनों मिलकर खाना बनाते हैं।
राहुल के पास दोपहर से आर्डर आने लगते हैं, इसे लेकर वह कहते हैं, “हमारे पास शाम में 5 बजे से 6 बजे के बीच सबसे अधिक ऑर्डर आते हैं और अंतिम ऑर्डर रात के 9:30 बजे तक स्वीकार किया जाता है।”
वह बताते हैं, “कभी -कभी तो एक दिन में 20 ऑर्डर तक आ जाते हैं। इनमें से कुछ बैचलर या पेशेवर हमारे नियमित ग्राहक हैं। हमें स्वाद की जरूरतों के अनुसार मशालेदार, वैराईटी के ऑर्डर मिलते हैं।”
राहुल को अधिकतर ऑर्डर मुख्य रूप से न्यू जम्मू क्षेत्र के गाँधी नगर, शास्त्री नगर, चन्नी, संत कॉलोनी और ग्रेटर कैलाश से आते हैं, ये सभी क्षेत्र लगभग 6 किमी के दायरे में है।
सुरक्षा है पहली प्राथमिकता
राहुल बताते हैं, “मैं अपने ग्राहकों को चीनी से लेकर भारतीय व्यंजनों को पेश करता हूँ। मेरी यूएसपी यह है कि मेरा खाना पूरी तरह से सुरक्षित है, और इसे लेकर मैं बेहद सावधानी बरतता हूँ। मैंने यह निर्धारित किया है कि मैं ऑर्डर और डिलीवरी के बीच की एकमात्र कड़ी हूँ। सभी ऑर्डर सिर्फ फोन पर लिए जाते हैं और किसी को भी घर पर आने की इजाजत नहीं है।”
सुरक्षा पहलुओं के बारे में, राहुल आगे बताते हैं कि खाने की डिलीवरी वह खुद ही करते हैं या उनका कोई बेहद भरोसेमंद दोस्त।
राहुल बताते हैं कि खाना बनाने से लेकर ग्राहकों को पहुँचाने के दौरान हमेशा मास्क, दस्ताने और सैनिटाइज़र उपयोग में लाए जाते हैं। सभी डिलीवरी हमेशा संपर्क रहित होते हैं और खाने को दरवाजे तक सुरक्षित रूप से पहुँचाया जाता है।
राहुल को इस कारोबार में दो महीने हो चुके हैं और वह तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
धैर्य कुंजी है
राहुल कहते हैं, “शुरूआती दिनों में लाभ के मायने नहीं होते हैं। अभी मुझे औसत प्रतिक्रिया मिल रही है और हम नए ग्राहकों के लिए अपना आधार बना रहे हैं। मुझे ज्यादा लाभ नहीं हुआ है, न ही कोई नुकसान। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूँ कि ऐसा करने का फैसला मेरे लिए काफी संतोषजनक है।”
सतपाल सिंह, जो कि राहुल के एक नियमित ग्राहक हैं, कहते हैं, “मैं खाने को लेकर एक विकल्प की तलाश में था, जो पूरी तरह से सुरक्षित हो।”
पेशे से सिनेमेटोग्राफर सतपाल बताते हैं, “राहुल के घर का खाना काफी स्वादिष्ट और सुरक्षित है। यही कारण है कि यह काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, शहर में इसके विज्ञापन अक्सर देखने को मिल जाते हैं।”
यदि आप भी जम्मू में रहते हैं तो राहुल मगोत्रा के स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठा सकते हैं। उन्हें आप +91 8494089756 और +91 1913590802 पर ऑर्डर दे सकते हैं।
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