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CA की नौकरी छोड़, शुरू किया मधुमक्खियों का संरक्षण, शहद के बिज़नेस से कमाई हुई लाखों में

Pratik Ghoda

“चार्टेड अकाउंटेंट (CA) बनने के बाद, मैंने कई कंपनियों में काम किया। जहां मुझे कंपनी के अकाउंट्स और फंडिंग की प्रक्रिया से जुड़े काम करने होते थे। लेकिन, कंपनी के संचालन से जुड़ा कोई भी फैसला लेने का मुझे अधिकार नहीं था। जबकि, मैं हमेशा से ही एक ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहता था, जिसे मैं नई ऊचाइयों तक ले जा सकूं। इसलिए, मैंने नौकरी छोड़ दी और अपने व्यवसाय (Honey Business) की शुरुआत की।” 14 साल तक CA रहे, अहमदाबाद के प्रतीक घोडा ने कहा।

38 वर्षीय प्रतीक कहते हैं कि वह एक ऐसा व्यवसाय करना चाहते थे, जो उनके सपनो को पूरा करने के साथ ही, आम लोगों को भी फायदा पहुंचा सके। बहुत रिसर्च करने के बाद, उन्होंने मधुमक्खी पालन और शुद्ध शहद के व्यवसाय (Honey Business) को चुना।  

प्रतीक कहते हैं, “मधुमक्खियाँ, इंसानो और प्रकृति के अस्तित्व में एक अहम भूमिका निभाती हैं। क्योंकि, वे परागण (Pollination) प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। शहद स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। साथ ही, इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं, लेकिन मिलावट वाले शहद से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।” 

इसलिए, उन्होंने शहद के व्यवसाय (Honey Business) से जुड़ने का फैसला किया। इसके जरिये वह मधुमक्खियों के संरक्षण का काम भी कर रहे हैं और लोगों तक शुद्ध शहद भी पंहुचा रहे हैं। उनकी कंपनी ‘Bee Base Pvt Ltd’ की शुरुआत दिसंबर 2019 में हुई थी। प्रतीक ने शुरुआत में तकरीबन 300 बी-बॉक्स खरीदने के लिए, 15 लाख रुपये का निवेश किया था। उनके इस स्टार्टअप के अंतर्गत एक साल में चार टन शहद बेचा गया। इससे उन्हें 15 लाख रुपये से ज्यादा का राजस्व मिला। उनका इस साल अपने व्यापार से, 50 लाख रुपये तक कमाने का लक्ष्य है। वह बताते हैं कि हर 15 दिन में, मधुमक्खी के छत्ते के एक बैच से शहद निकाला जाता है, जिससे लगभग छह लाख रुपये की कमाई होती है।  

अलग-अलग फ्लेवर वाले शहद  

प्रतीक कहते हैं कि स्टार्टअप शुरू करने से पहले, उन्होंने इस व्यवसाय (Honey Business) के बारे में काफी रिसर्च की थी। वह बताते हैं, “2019 की शुरुआत में मैंने मधुमक्खियों, शहद उत्पादन और इनसे जुड़े व्यवसाय के अवसरों के बारे में जानना शुरू कर दिया। मैं मधुमक्खी पालन के तरीकों और उनके व्यवसायिक मॉडल को समझने के लिए, खेतों में काम करने वाले किसानों से भी मिला।  

वह कहते हैं कि मधुमक्खियों को पालने के लिए, उनके पास खेत या कोई जगह नहीं थी। इसलिए, उन्होंने किसानों के साथ मिलकर मधुमक्खियों को पालने का काम शुरू किया। जिसके बदले वह किसानों को कमीशन देते हैं।   

किसानों के साथ सहमति होने के बाद, उन्होंने पहली तिमाही में तकरीबन एक टन शहद का उत्पादन किया। लेकिन कोरोना महामारी के कारण, वह शहद को लोकल स्टोर द्वारा ग्राहकों तक नहीं पंहुचा सके। इसके बाद उन्होंने ‘Bee Base’ (Bee Base Pvt Ltd नाम से पंजीकृत) के नाम पर, कई सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर अपने शहद का प्रचार किया।   

अहमदाबाद की एक मैनेजमेंट कंसलटेंट, युति ढोलकिया बताती हैं, “मैंने व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिये इस ब्रांड के बारे में सुना और छह महीने तक मेरे परिवार ने इस शहद का उपयोग भी किया। आजकल बाज़ार में मिलने वाले शहद में, कई तरह की मिलावट होती है। जबकि ‘Bee Base’ का शहद शुद्ध है। इसी वजह से मैं इसे खरीदना पसंद करती हूँ।  

इस स्टार्टअप के अंतर्गत 11 फ्लेवर के शहद बनाए जाते हैं। जिसमें अदरक, नींबू, तुलसी, अजवाइन, सहजन, नीलगिरी, कच्चा शहद, मल्टीफ्लोरा, लीची, केसर और सौंफ शामिल हैं। प्रतीक बताते हैं, “शहद में इन फ्लेवर्स का स्वाद, प्राकृतिक तरीकों से लाया जाता है। इन्हें मधुमक्खियां परागण के समय, अदरक और नींबू आदि के खेतों से लाती हैं।” उन्होंने आगे बताया कि वह अभी और नए फ्लेवर्स के शहद पर काम कर रहे हैं।  

शुद्ध शहद हो हर घर में!

Bee Base’ के शहद की कीमत 600 से 900 रुपये प्रति किलो तक है। शहद की कीमतों को उनके फ्लेवर्स के हिसाब से तय किया जाता है।  

प्रतीक के चाचा विभाकर ने भी उनके स्टार्टअप में निवेश किया है। वह बताते हैं, “शहद की कीमत, इसकी शुद्धता, लॉजिस्टिक खर्च और व्यवसाय (Honey Business) से जुड़ी जमीनी चुनौतियों के कारण अधिक है। मधुमक्खियों के बक्सों को कई खेतो में ले जाया जाता है, जिससे मधुमक्खियां अलग-अलग खेतों में परागण कर सकें और शहद में अलग फ्लेवर आ सके। ट्रांसपोर्ट का खर्च भी ज़्यादा है। इसके अलावा, असमान्य मौसम या मौसम में मामूली बदलाव जैसे- हवा की गति आदि भी मधुमक्खियों को प्रभावित करती हैं।” 

इसके साथ ही वह बताते हैं, “कभी-कभी किसान फसलों पर कीटनाशकों का भी छिड़काव करते हैं, जिससे बड़ी संख्या में मधुमक्खियां मर जाती हैं। वह किसानों को इन कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से मना करते हैं। क्योंकि, परागण से फसलों की पैदावार बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।”

हाल ही में, इस स्टार्टअप ने एक मल्टी नैशनल ब्रांड से हाथ मिलाया है, जो अपने उत्पादों में ‘Bee Base’ के शहद का इस्तेमाल करेंगे। विभाकर ने बताया, “शहद के निर्यात के साथ, इनसे बने कई नए खाद्य उत्पादों को बनाने की योजनाओं पर काम चल रहा है। हम शहद से एक ऐसा खाद्य उत्पाद बनाने की प्रक्रिया में हैं, जो पाचन संबधी विकारों में लाभकारी होगा। वहीं, हम शहद के वैक्स या मोम से ऑर्गेनिक लिपस्टिक और लिप बाम बनाने पर भी काम कर रहे हैं।  

प्रतीक कहते हैं कि उनका उद्देश्य, शुद्ध शहद के गुणकारी तत्वों तथा इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में, जागरूकता फैलाना है। अंत में वह कहते हैं, “हर घर के डाइनिंग टेबल पर मिलावटी शहद की जगह, शुद्ध शहद ही होना चाहिए।”  

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मूल लेख: हिमांशु नित्नावरे 

संपादन – प्रीति महावर 

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