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बेस्ट ऑफ़ 2023: भारतीयों के इन 5 आविष्कारों ने बनाई आम आदमी की जिंदगी आसान

Innovation 2023

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। अपनी दिक्क्तों का समाधान निकालने के लिए लोग अक्सर नए-नए जुगाड़ या आविष्कार करते हैं। ऐसे ही कुछ अनोखे आविष्कारों की कहानियां हम साल 2023 में आपके लिए लेकर आएं थे। भारतीयों के किए हुए ये आविष्कार न सिर्फ आम आदमी की जिंदगी आसान बनाने के लिए मददरूप थे बल्कि कुछ आविष्कार तो पर्यावरण बचाने का काम भी करते हैं।

चलिए जानते हैं 2023 में कौन से 5 आविष्कार आए आप सभी को पसंद।

1. करिबसप्पा एमजी- सोलर इंसेक्ट ट्रैप


करिबसप्पा एमजी ने अपनी मुसीबतों का हल खोजते-खोजते एक ऐसी कमाल की मशीन बनाई है, जिसका फायदा आज देश ही नहीं दुनिया भर के छोटे किसानों को हो रहा है। उनके आविष्कार का नाम है ‘सोलर इंसेक्ट ट्रैप’, जो बिना किसी दवाई और महंगे खर्चे के फल और फूल के खेतों से कीड़ों को मारने का काम करता है। सबसे अच्छी बात है कि, यह बिजली और महंगे केमिकल की तुलना में काफी कारगर तरीका है। अब उनका बनाया यह सोलर इंसेक्ट ट्रैप दुनिया भर के 18000 किसानों के काम आ रहा है।

2. प्लास्टिक की बोतलों से बनें जैकेट, ब्लेज़र, टी-शर्ट

तमिलनाडु के, के. शंकर और सेंथिल शंकर प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके जैकेट, ब्लेज़र, टी-शर्ट और बॉटम्स बना रहे हैं। इससे वे रोजाना प्लास्टिक की करीब 15 लाख बोतलों को लैंडफिल में जाने से भी बचा रहे हैं।
पर्यावरण की रक्षा में तमिलनाडु के पिता-बेटे की जोड़ी, के. शंकर और सेंथिल शंकर का योगदान बेहद ही खास है। वह अपनी कंपनी, श्री रेंगा पॉलिमर्स में हर दिन प्लास्टिक की 15 लाख बोतलों को रीसायकल करते हैं।

3. कचरे से कटलरी

केले के पत्ते, इमली के बीज, भूसी और मूंगफली के छिलकों से बायोडिग्रेडेबल कटलरी बनाकर कोयम्बटूर के कल्याण कुमार अच्छी कमाई करने के साथ पर्यावरण भी बचा रहे हैं।
जब तमिलनाडु सरकार ने प्लास्टिक की जगह कपड़े की थैली को बढ़ावा देने के लिए ‘मीनदम मंजप्पई’ योजना की शुरुआत की, तब कोयम्बटूर के कल्याण कुमार ने इस अवसर को रोजगार में बदलने के लिए एक अनोखी पहल की। उन्होंने अपनी खुद की फैक्ट्री में एक ऐसी मशीन बनाई जो कई तरह की ईको-फ्रेंडली कटलरी बनाती है।

3. सन हार्वेस्टेड कूलरूम्स

चेन्नई की महक परवेज़ ने एक अनोखे ‘सन हार्वेस्टेड कूलरूम्स’ का आविष्कार किया है। यह कोल्ड स्टोरेज का एक सस्टेनेबल विकल्प है जो फलों और सब्जियों को बिना बिजली के भी ताज़ा रख सकता है। उनका आविष्कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। यह एक ग्रिड-लेस तकनीक है, जिसका नाम SunHarvested CoolRooms है। महक के अनुसार इस तकनीक से पारंपरिक भंडारण की तुलना में तीन गुना अधिक समय तक सब्जियां ताजा रहती हैं।

5. छह सीटर इलेक्ट्रिक बाइक


बढ़ते पेट्रोल के दाम के कारण आजमगढ़ के असद अब्दुल्लाह एक ऐसे इलेक्ट्रिक बाइक का आविष्कार किया है, जो आम इंसान के लिए बड़े काम की चीज़ बन सकती है। दरअसल, गांव में रहनेवाले असद एक किसान परिवार से हैं और उन्हें छोटे-छोटे कामों के लिए बाइक की ज़रूरत पड़ती थी।
मैकेनिक दिमाग वाले असद, आईटीआई से डिप्लोमा भी कर रहे हैं। गांव में रहकर मशीनों से छोटे-छोटे जुगाड़ करना उन्हें बेहद पसंद है। लेकिन जब बात बाइक बनाने की आई, तो उन्होंने एक या दो नहीं बल्कि छह लोगों के बैठने के लिए बढ़िया इलेक्ट्रिक बाइक बना डाली। इसे बनाने में महज़ 12 हजार रुपये ही खर्च आया। यह बाइक एक बार चार्ज होने पर करीबन 150 किमी आराम से चल सकती है।

तो देखा आपने कितने कमाल के हैं, कुछ अलग करने की सोच रखने वाले इन लोगों के आविष्कार। आने वाले समय में भी हम ऐसे ही और कमाल के आविष्कार और उससे जुड़ीं दिलचस्प कहानियां आपके लिए लाते रहेंगे।

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