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ऑपरेशन गंगा से लेकर कुवैत एयरलिफ्ट तक, भारत के पांच सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन्स

Rescue Operation India

रूस का यूक्रेन पर हमला आज भी जारी है और ऐसे वॉर के हालात में, कई दूसरे देशों के नागरिक भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। संकट के समय में,  कई मन को विचलित करने वाले वीडियोज़ और समाचार सुनने को मिल रहे हैं। लेकिन हाल ही में, जब हजारों भारतीयों को एयरलिफ्ट करके देश वापस लाया गया (Rescue Operation India), तो उनके परिवारों की ख़ुशी के दृश्य दिल को सुकून देनेवाले थे। 

भारत ने ऑपरेशन गंगा के साथ अपने बचाव अभियान (Rescue Operation India) को तेज़ कर दिया है। ऐसा करके, एक बार फिर भारत ने यह साबित कर दिया है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा हमेशा देश के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता थी, है और रहेगी।

हालांकि, यह रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation India) जितना आसान दिखता है, उतना आसान बिल्कुल नहीं है। जंग के हालात में यूक्रेन का एयरस्पेस पूरी तरह से बंद है, इसलिए उसके पड़ोसी मुल्कों हंगरी, स्लोवाकिया, पोलैंड और रोमानिया से फ्लाइट्स चलाई जा रही हैं।  

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘ऑपरेशन गंगा’ (Operation Ganga) के तहत 8 मार्च 2022 तक कुल 46 उड़ानों की योजना तय की गई है, जिससे वहां फंसे तक़रीबन 18,000 भारतीयों को सुरक्षित लाया जाएगा।  लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब विदेश मंत्रालय ने इतने बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation India) पर काम किया हो। इसके पहले भी, अपनों को बचाने के लिए ऐसे एयरलिफ्ट मिशन (Airlift Mission) किए गए हैं।

तो चलिए जानें, देश के पांच सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन्स (Rescue Operation India) के बारे में।  

1. वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission)

यह मिशन साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के बीच विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू किया गया था। यह किसी भी दूसरे देश के रेस्क्यू मिशन (Rescue Operation India) से काफी ज्यादा बड़ा था। मई 2020 में शुरू हुए इस ऑपरेशन के जरिए 15 से अधिक चरणों में 18 लाख से अधिक नागरिकों को वापस घर लाने का काम किया गया। यह मिशन 2021 तक चला। न सिर्फ फ्लाइट्स, बल्कि नौसेना के जहाजों ने भी 3,987 भारतीयों को घर वापस  लाने का काम किया। अगस्त 2021 तक लगभग 30,000 उड़ानें, इस मिशन का हिस्सा बन चुकी थीं। 

2. ऑपरेशन राहत (Operation Rahat)

अप्रैल 2015 में, यमन सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। ऐसे में, हवाई बमबारी और युद्ध में कई भारतीय भी फंसे हुए थे। तब भारत ने अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन राहत’ (Operation Rahat) चलाया था। सरकार ने यमन से 6,688 लोगों को निकाला, जिनमें 4,741 भारतीय और 1,947 विदेशी शामिल थे। इन लोगों को हवाई और समुद्री रास्ते, वापस लाया गया। भारत ने उस समय ब्रिटेन, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान के नागरिकों को भी बचाया था। 

3. ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri)

‘ऑपरेशन मैत्री’ भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बल का संयुक्त राहत व बचाव अभियान (Rescue Operation India) था, जिसमें लगभग 5,000 भारतीयों को वायु सेना और नागरिक विमानों से नेपाल से वापस देश लाया गया था। भारतीय वायु सेना ने भूकंप के कुछ ही मिनटों बाद, एक अच्छे पड़ोसी देश होने के नाते, काठमांडू को राहत सामग्री पहुंचाने का काम भी किया। 7.8 तीव्रता वाले भूकंप में, लगभग 8,000 से अधिक लोग मारे गए थे। यह साल 1934 के बाद, नेपाल की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी।  

4. कुवैत एयरलिफ्ट (Kuwait Airlift)

‘वंदे भारत मिशन’ (Vande Bharat Mission) के बाद, यह भारत सरकार का दूसरा सबसे बड़ा बचाव अभियान था। कुवैत पर इराकी हमले के बाद, इसे अगस्त और अक्टूबर के बीच 1990 में शुरू किया गया था। जिसके तहत, करीबन 1,75,000 लोगों को बचाने के लिए एयर इंडिया (Air India) और अन्य विमानों को तैनात किया गया था। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए एयर इंडिया के इस ऑपरेशन (Rescue Operation India) का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है। 

5. ऑपरेशन होम कमिंग (Operation Home Coming)

साल 2011 में लीबिया में गृह युद्ध छिड़ गया था। लीबियाई कर्नल गद्दाफी और उनके विरोधियों के बीच के झगड़े में कई भारतीय भी फंस गए थे। उस समय 15,400 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन होम कमिंग’ शुरू किया गया था।  

लीबिया के पास मिस्र और माल्टा से, नौ विशेष उड़ानों के जरिए भारतीयों को घर वापस लाया गया था। रेस्क्यू (Rescue Operation India) के लिए भारतीय नौसेना की मदद भी ली गए थी।

संपादनः अर्चना दुबे

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