रजत तीन बार प्रीलिम्स और 2 बार मेन्स में फेल हुए। आखिरी अटेम्प्ट में वह इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन 11 नंबर से चूक गए। यूपीएससी का सपना टूटने के बाद रजत को अपनी छह गलतियां नजर आईं।
UPSC के किसी भी स्टेज को हल्के में न लें। मेरा पहले अटेम्प्ट में एक बार में प्रीलिम्स निकल गया था। दूसरी बार जब 2016 में प्रीलिम्स दिया, तो फेल हो गया। कभी भी ओवर कॉन्फिडेंस में न आएं।
2017 में मैंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं के पिछले प्रश्न पत्र की उपेक्षा की और ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए । लेकिन हद से ज्यादा मॉक टेस्ट देना मेरी गलती थी। मॉक टेस्ट नॉलेज बेस्ड होता है। जबकि यूपीएससी में लॉजिक बेस्ड पेपर ज्यादा रहता है।
तनाव को हावी न होने दें। मुझे परीक्षा के लिए जाते वक्त डर लगता था कि कहीं सर्वाइकल की दिक्कत पेपर में न होने लगे। इससे मुझे पेपर हल करने में ज्यादा समय लगने लगा था। फोकस कम हो गया था। लेकिन बाद के अटेम्प्ट में मैंने अपनी गलती को समझा और पॉजिटिविटी के साथ एग्जाम दिए।
5वें अटेम्प्ट में मैंने पहले के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण किया। मेरा प्रीलिम्स क्लियर हो गया। लेकिन मेन्स के आंसर को अच्छे मेंटर से चेक नहीं करवाए। निबंध को किसी से पढ़वाया नहीं। ये मेरी गलती थी।
छठे और आखिरी अटेम्प्ट में मेरे प्रीलिम्स और मेन्स दोनों क्लियर हो गए। लेकिन इंटरव्यू में ओवर एनालिसिस कर दिया। कुछ ज्यादा मॉक्स दिए। इससे मेरे दिमाग में क्रिटिकल चीजें चल रही थीं। पर्सनैलिटी टेस्ट में क्रिटिकल रिव्यू ने मुझे नुकसान पहुंचाया।