पंजाब के बठिंडा में मौजूद किला मुबारक देश के ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्मारकों में से एक है।
यह ईंटों से बना सबसे ऊँचा और भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है।
माना जाता है कि इस किले का निर्माण उस समय हुआ था जब उत्तर भारत में सम्राट कनिष्क का शासन था। सम्राट कनिष्क और राजा देब ने मिलकर इसे 90-110 ई. में बनवाया था।
1705 में दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह इस शानदार किले के दौरे पर पहुंचे और इसके बाद यहाँ गुरुद्वारा बनाया गया।
कहा जाता है कि यहीं पर भारत की सबसे पहली महिला शासक रज़िया सुल्तान को बंदी बनाकर रखा गया था। इसी वजह से इस किले को रज़िया सुल्तान किला के नाम से भी जाना जाता है।
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मुबारक किले की ऊंचाई तक़रीबन 118 फीट है। किले के अंदर का हिस्सा किला अंदरून कहलाता है। अंदरून के अंदर 13 शाही कमरे हैं, जो हिन्दू पौराणिक कथाओं के दृश्यों से सजे हुए हैं।
किले का परिसर, शहर के बीच लगभग 10 एकड़ की ज़मीन पर फैला हुआ है।
दरबार हॉल में चित्रकारी के खूबसूरत नमूने और राजा-महाराजाओं के ज़माने में बनी तस्वीरें देखी जा सकती हैं।