20 साल पुरानी झोपड़ी को इस इंजीनियर ने बना दिया होमस्टे
त्रिसूर के रहने वाले अतुल बोस ने पढ़ाई भले मैकेनिकल इंजीनियरिंग से की है, लेकिन शौक़ उन्हें घूमने का है।
2010 में उन्होंने हैदराबाद से कन्याकुमारी का सफर, स्पोर्ट बाइक पर 36 घंटे से भी कम समय में पूरा किया था और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाइकिंग पुरस्कार मिला।
साल 2013 में उन्होंने पढ़ाई के बाद एक ब्रेक लेने का सोचा और राइडिंग गियर्स की एक दुकान अपने शहर में खोली।
इस बिज़नेस की वजह से वह धीरे-धीरे फिर से लम्बी लम्बी ट्रिप्स से जुड़ गए। वह दूसरों के लिए ट्रिप प्लान करते और खुद भी उसमें शामिल होते।
जल्द ही, दूसरों को बाइकिंग टिप्स देने के साथ, वह हिमाचल और लेह जैसी जगहों पर ग्रुप बाइक ट्रिप पर जाने लगे।
हिमाचल की उन ट्रिप्स के दौरान ही अतुल को लगा कि यहां एक सुन्दर होमस्टे बनाना चाहिए।
"सात साल पहले हमें मनाली के पास 20 साल पुरानी एक खंडहर सी झोपड़ी मिली, जो पूरी तरह से पत्थर, मिट्टी और लकड़ी से बनी थी।" - अतुल
यह झोपड़ी शहर से करीबन 8 किमी दूर एक बस्ती में थी। इसलिए इसे फिर से बनाने के लिए कारीगर मिलना और सामान ले जाने में काफी दिक्कतें आईं।
तब अतुल ने स्थानीय परिवार की मदद से काम करना शुरू किया और दो महीने में उस पुराने घर को मिट्टी, पत्थर और गोबर से नया लुक दे दिया।
इसका नाम उन्होंने रखा 'जंगल हट'
इसके बाद, अतुल की बाइक ट्रिप और लद्दाख यात्रा से जुड़े लोग यहां आने लगे।
अतुल यहां आए मेहमानों के लिए विशेष ट्रिप प्लान कर देते हैं।
इसके अलावा, यहां आए लोगों को पास के गांव से आने वाली ताज़ा सब्जियां खाने को मिलती हैं। अतुल जल्द ही होमस्टे में ही सब्जियां उगाने के बारे में सोच रहे हैं।
वहीं जल्द ही जंगल हट में पूरी तरह से सोलर पावर का इस्तेमाल भी होगा।
सालों से हिमाचल में रह रहे अतुल कहते हैं, "मुझे कोई अफ़सोस नहीं कि मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद कोई नौकरी नहीं की या विदेश में जाकर नहीं बसा।"