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गुरुग्राम और हिसार में 1000 ज़रूरतमंद परिवारों तक राशन पहुंचा चुकी हैं शालिनी कपूर

कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में बेरोजगारी की मार है। लोग अपनी ज़रुरतें पूरी करने में असमर्थ हैं और इसी समय में ऐसे ज़रूरतमंद लोगों को हमारी मदद की आवश्यकता है। यह संकट पूरे मानव समाज के लिए एक दुखद अवसर है और इसे समझदारी और सूझबूझ के साथ ही पार किया जा सकता है। इस महामारी ने हमें रोटी, कपड़ा और मकान की अहमियत और भी अच्छे से समझा दी है। हम सभी को यह समझ आ चुका है कि तीन वक्त का खाना बिना किसी जद्दोजहद के मिलना, किसी विशेषाधिकार से कम नहीं है और ऐसे में सभी विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को वंचितों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए और साथ ही अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करना चाहिए।

गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग आज के समय में एक वक्त की रोटी भी जुटाने की जद्दोजहद में लगे हैं। ऐसे ही लोगों की सहायता के लिए गुरूग्राम स्थित एक गैर सरकारी संगठन ( एनजीओ ) “यत्न” कार्यरत है। यह संस्था मूल रूप से गरीब और वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए कई वर्षों से कार्यरत है लेकिन आज के लॉकडाउन समय में बच्चों को पढ़ाना सम्भव नहीं है। इसी कारण से यत्न इस समय पूर्ण रूप से जरूरतमंदों  को भोजन उपलब्ध कराने में लगा है। 

गुरूग्राम में गरीबों को पका हुआ भोजन वितरित करते यत्न के कार्यकर्ता

यत्न की संस्थापक शालिनी कपूर ने द बेटर इंडिया को बताया, “यह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण समय है। लॉकडाउन की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग घर से काम कर रहे हैं, नये टीवी शो देख रहे हैं, इस लॉकडाउन के दौरान हमारे घरों के आराम से अपने परिवार के साथ गुणवत्ता का समय बिता रहे हैं, लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो मुसिबत में हैं। ऐसे लोग हैं जिनके पास न घर है और न ही भोजन। यह लॉकडाउन उनके लिए बहुत तनावपूर्ण समय बन गया है।”

शालिनी ने बताया कि हम सभी जो इस समय अपने घरों में सुरक्षित हैं और बिना किसी दिक्कत के आरामदायक समय व्यतीत कर रहे हैं, इन मज़दूरों की स्थिति समझने का कितना भी प्रयास कर लें, कभी भी उस भयावह स्थिति को समझ नहीं पाएंगे जो इस समय गरीब समुदाय अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहा, आपको और हमें इस संकट के समय में सभी की उचित सहायता करनी चाहिए। यह सहायता चाहे उन्हें एक छोटी धनराशि देकर या एक वक्त का भोजन उपलब्ध कराकर भी की जा सकती है। सभी को ज़रूरतमंद लोगों की हरसंभव मदद करनी चाहिए। इसी सोच के साथ यत्न इस ज़रुरत के समय में लोगों की मदद को बढ़ चढ़कर भाग ले रहा है।

ज़रुरतमंदों को राशन उपलब्ध कराता यत्न

इस एनजीओ ने एक मुहिम की शुरुआत की है – “जरूरतमंदों को खिलाओ”। लॉकडाउन की शुरुआत के बाद यत्न एनजीओ ने 10,000 लोगों तक भोजन पहुंचाया है और साथ ही जरूरतमंद लोगों तक यत्न किट्स (आटा, दाल, घी, तेल आदि) पहुंचाने का काम किया है। गुरुग्राम और हिसार में 1000 परिवारों को चावल, तेल, चीनी, नमक, चाय, दूध आदि उपलब्ध करा चुका है। यत्न को इस अभियान में दोस्तों, परिवार, समर्थकों और कैलोरी स्मार्ट से समर्थन मिला।

यत्न के इस अभियान की एक लाभार्थी मीना , जो हिसार, हरियाणा की रहने वाली हैं, बताती हैं कि उनके पति लंबे समय से बीमार हैं और पिछले 3 वर्षों से बिस्तर पर ही हैं। मीना अपना घर सिलाई करके चलाती हैं और लॉकडाउन के कारण कोई भी काम उपलब्ध नही है जिस कारण इनके पास खाने को भी कुछ नहीं था।

मीना ने बताया, ” इस लॉकडाउन की वजह से हमारे घर की स्थिति इतनी खराब हो गयी है कि हमारे पास घर का खर्च भी नहीं था और सामान भी नहीं था। मैं यत्न एनजीओ का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने इस बुरे वक्त में हमारा साथ दिया। हमें राशन दिया और हमारी मदद की।” यत्न ऐसे ही अनेक परिवारों की मदद कर कर रहा है।

इस अभियान के बारे में शालिनी बताती हैं, “जरूरतमंदों को खिलाओ अभियान की शुरूआत 25 मार्च को यत्न और कैलोरी स्मार्ट ने की। कैलोरी स्मार्ट के द्वारा भोजन तैयार किया जाता है एवं यत्न के कार्यकर्ताओं द्वारा उस भोजन को ज़रुरतमंदो में वितरित किया जाता है। हाल फिलहाल में मनीपाल यूनिवर्सिटी जयपुर, इंटरनेशनल माडल यूनाईटेड नेशन्स के छात्रों ने भी इस मुहिम में अपना साथ दिया। इनका लक्ष्य न केवल समाज की महिलाओं, बच्चों या वृद्धों की ज़रुरतों को पूरा करना ही नहीं बल्कि दिहाड़ी मजदूरों को भी सहायता पहुँचाना है।”

यत्न की संस्थापक शालिनी को सामाजिक कार्य में भागीदारी को देखते हुए वर्ष 2019 में हरियाणा गरिमा अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

यदि आप भी यत्न के इस नेक मुहिम में साथ देना चाहते हैं तो उन्हें yatan.org@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।

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