दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत पिछले सप्ताह ८ फरवरी और १४ फरवरी के बीच देशभर में कुल २५३ गाँवों में बिजली पहुचाई गयी।
इनमे से १११ गाँव ओडिशा के, ८१ असम के, ४० झारखंड के, १३ राजस्थान के, ४ बिहार के, ३ मध्य प्रदेश के और १ उत्तरप्रदेश का गाँव है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को जुलाई २०१५ में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य १ मई २०१८ तक याने १००० दिनों के अंदर १८,४५२ गाँवों में बिजली पहुंचाना है।
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इस योजना के तहत बिजली की स्थापना १२ महीने में की जायेगी और बाकि गतिविधियां १२ भागो में विभाजित कर दी जाएंगी। हर भाग के पूर्ण होने की कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं की गयी है।
रिपोर्टो के अनुसार अब तक कुल मिलके ५, २७९ गाँवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। बाकि बचे १३,१७३ गाँवों में से ९,२२८ को ग्रिड तथा ३,३९८ को ऑफ ग्रिड के द्वारा बिजली दी जायेगी। इसके अलावा ५४७ गाँवों में बिजली पहुँचाने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
ज़्यादातर गाँवों में खेती के लिए तथा घरेलु इस्तेमाल में बिजली की सामान मात्र में ही खपत होती है पर कम पॉवर सप्लाई होने के कारण डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट को लोड शेडिंग करनी पड़ती है, जिसकी वजह से खेती से जुड़े तथा बाकि ग्राहकों को भी नुक्सान का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का हल निकालने के लिए घरेलू तथा खेती से जुड़े इलेक्ट्रिकल फीडर्स को अलग अलग कर दिया जायेगा। इस तरह दोनों ही जगह एक समर्पित फीडर होगा और बिजली की कमी कभी नहीं होगी।
इससे पुरे यूनिट पर बोझ भी कम पड़ेगा क्योंकि जिन घंटो में घरेलु इस्तेमाल में ज़्यादा बिजली की खपत नहीं होगी उस समय वह बिजली खेती की और मोड़कर बोझ कम किया जा सकता है। यह उपाय गाँवों के घरो तथा खेतो में सामान मात्रा में बिजली पहुचाने में सफल होगा। प्लान के मुताबिक़ हज़ारो किलोमीटर लंबी नयी लाइने बिछाई जाएँगी तथा कई सौ नए सबस्टेशन भी स्थापित किये जायेंगे।