Site icon The Better India – Hindi

दादी-नानी के नुस्खे! इन बीमारियों से बचने के लिए करें सहजन के पत्तों का सेवन

Moringa Leaves

कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए, लोगों में खुद को स्वस्थ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रति सजगता बढ़ी है। ज्यादा से ज्यादा हेल्दी और पोषक तत्वों वाले खाने की ओर फोकस बढ़ा है। इसकी वजह से कई देशी सुपरफूड्स भी लाइम-लाइट में आए हैं, जिसमें सहजन के पत्ते (health benefits of moringa leaves) भी शामिल हैं, जिन्हें सजना पाटा भी कहते हैं।

सहजन, भारतीय उपमहाद्वीप की एक ड्रॉट-रेसिसटेंट फसल है। सब्जी के साथ-साथ, इस पेड़ की पत्तियों की भी सब्ज़ी, सूप या अन्य व्यंजन बनाने में प्रयोग किया जाता है। दक्षिण भारत में, सहजन को सांभर में मिलाया जाता है और इसके पत्तों का उपयोग रसम बनाने के लिए किया जाता है।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अन्य फलों या सब्जियों की तुलना में, सहजन के कहीं अधिक पौष्टिक लाभ हैं। उदाहरण के लिए, सहजन के पत्तों में विटामिन सी की मात्रा, संतरे की तुलना में काफी अधिक होती है। साथ ही, इसमें दूध की तुलना में कैल्शियम की मात्रा भी काफी ज्याद होती है।

Moringa Leaves as Curry or Saag

औषधीय गुणों व पोषक तत्वों से भरपूर

सहजन के पेड़ का उपयोग कई वर्षों से शिशुओं और नर्सिंग मदर्स में होने वाले कुपोषण से निपटने के लिए किया जाता रहा है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि विकासशील देशों में, जहां लोगों के आहार में पर्याप्त विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन की कमी होती है, वहां सहजन इन सबके स्रोत का अच्छा विकल्प हो सकता है।

सहजन के पत्ते विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम, इसेंशियल अमीनो एसिड, प्रोटीन आदि जैसे विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुणों वाला एंटीऑक्सिडेंट भी काफी ज्यादा होता है। इसके अलावा, इन पत्तियों में आइसोथियोसाइनेट्स नामक पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।

साल 2014 में, हाई ब्लड शुगर वाली 30 महिलाओं पर एक अध्ययन किया गया था। उन्हें नियमित रूप से सात ग्राम मोरिंगा पाउडर (सहजन के पत्तों का पाउडर) का सेवन कराया जाता था। तीन महीने के अंत में, ब्लड टेस्ट में शुगर के स्तर में औसतन 13.5% की कमी देखी गई।

High Blood Pressure के लिए फायदेमंद

Moringa Leaves, Flowers & Drumsticks

सहजन के पत्तों से एक और औषधीय लाभ होता है। यह ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करता है, जिससे घातक हृदय रोगों से बचाव होता है। हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा कारण है, पोषक तत्वों से भरपूर खाने वाले डायट की कमी। नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के अनुसार, बीपी के स्तर को कम करने के लिए फलों, सब्जियों और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स से भरपूर आहार बेहद ज़रूरी हैं।

इसी अध्ययन में यह भी बताया गया है कि हाई ब्लड प्रेशर को कम करने या रोकने के लिए पोटाशियम से भरपूर फलों और सब्जियों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। सहजन के पत्ते पोटाशियम, मिनरल्स और विटामिन से भरपूर होते हैं। अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक कप सहजन के पत्तों में केले की तुलना में तीन गुना अधिक पोटेशियम होता है। 

सहजन की पत्तियां, पॉलीफेनॉल्स और आइसोथियोसाइनेट्स जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड्स से भरी होती हैं, जो कैंसर और हृदय रोगों को रोकने के साथ-साथ रक्तचाप को कम करने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

क्या कहती हैं, न्यूट्रीशनिस्ट?

मुंबई की न्यूट्रीशनिस्ट, जयश्री जैन का कहना है कि ये बायोएक्टिव कंपाउंड्स, धमनियों में कोलेस्ट्रॉल बनने से रोकते हैं। इसके अलावा, हृदय में रक्त के प्रवाह को आसान बनाने में मदद भी करते हैं। वह, मधुमेह या मोटापे से पीड़ित अपने अधिकांश क्लाइंट्स को नियमित रूप से खाने में सहजन के पत्तों को शामिल करने की सलाह देती हैं।

वह कहती हैं, “अगर किसी को ताजी पत्तियां न मिलें, तो वे सहजन या सूखे मोरिंगा पाउडर वाले सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। इस पाउडर को थोड़े से नींबू के रस के साथ गुनगुने पानी में मिलाया जा सकता है। इसे सुबह पीने से बावेल मूवमेंट्स में भी सुधार होता है।”

इस YouTube वीडियो में, एक युवक बता रहा है कि हर रोज सहजन के पत्तों का सेवन करने से उसे बीपी के स्तर को कम करने में मदद मिली है।

वीडियो के अनुसार, ज़हर अहमद हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे और इससे निपटने में मदद के लिए, उन्हें दवाएं दी गई थीं। कभी-कभी तो, हाई ब्लड प्रेशर के कारण उन्हें दिन में दो बार दवाई लेनी पड़ती थी। इसके बाद, वह नियमित रूप से सहजन के पत्तों का सेवन करने लगे, जिससे उन्हें काफी फायदा मिला। यही वजह है कि वह अब अपनी छत पर गमलों में सहजन उगाने लगे हैं।

मूल लेखः रौशनी मुथुकुमार

संपादन- जी एन झा

यह भी पढ़ेंः सहजन फल्ली और हल्दी के चॉकलेट्स, सुपर फूड से बनते हैं यहाँ मज़ेदार स्नैक्स

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Exit mobile version