बैंगन को कई नामों से जाना जाता है। कोई इसे वांगी और बदने काई कहता है, कोई बेगुन, तो कोई ब्रिंजल, एगप्लांट या फिर ऑबर्जिन। जितने इसके नाम हैं, उतनी ही इससे बनने वाली रेसिपीज़ और फायदे भी हैं। अक्सर हम बैंगन को बिना गुणों वाली सब्जी कह देते हैं। लेकिन सही मायनों में यह गुणों की खान है। हमसे बेहतर इस बात को हमारी दादी-नानी जानती थीं। तभी तो सब्जियों से उनका प्यार किसी से छिपा नहीं है। आज बैंगन के इन गुणों को विज्ञान ने भी माना है।
बैंगन भारतीय-चीनी मूल की सब्जी है, जिसे आज दुनिया भर में उगाया और खाया जाता है। खासतौर पर ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल इलाकों में इसे उगाया जाता है। लगभग 300 ईसा पूर्व बैंगन को भारतीय क्षेत्र में उगाना शुरू किया गया था। प्राचीन शास्त्रों में भी इसका जिक्र किया गया है। इसके बाद यह चीन, जापान, यूरोप और दुनियाभर के दूसरे हिस्सों में चला गया।
वजन घटाने में करता है मदद
बैंगन के इतिहास से तो आप अच्छे से वाकिफ हो गए होंगे। अब बात करते हैं, इससे मिलने वाले फायदों के बारे में। वजन कम करना हो या कोई मानसिक बीमारी, या फिर ह्रदय संबंधी समस्या, बैंगन ऐसी हर परेशानी में फायदा पहुंचाता है। यह पुरानी बीमारियों को भी कम करने में सहायक है। इसमें काफी ज्यादा मात्रा में मिनरल और विटामिन होता है। साथ ही इसमें बेहद महत्वपूर्ण बायोएक्टिव कंपाउंड भी होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है।
बैंगन एक कम कैलोरी और हाई फाइबर वाली सब्जी है, जो हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है। यानी वजन घटाने के लिए आप इसे एक आदर्श सब्जी कह सकते हैं। 100 ग्राम बैंगन में 15 ग्राम कैलोरी, 0.9 ग्राम प्रोटीन, 0.4 ग्राम फैट, 2.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 2.7 ग्राम फाइबर होता है।
इसके अलावा, बैंगन से पॉलीफेनॉल्स भी मिलता है। यह बॉडी मास और फैट को कम करने में मदद करता है। इसपर किए गए शोध बताते हैं कि चार सप्ताह तक बैंगन का सेवन करने से वजन में कमी देखी गई है।
नासिक में न्यूट्रिशन कंसल्टेंट डॉ. करिश्मा पटेल बताती हैं, “बैंगन में लगभग 92 प्रतिशत पानी होता है। इसका मतलब है कि जब हम बैंगन खाते हैं, तो ये लंबे समय तक पेट के भरे होने का अहसास कराता है और हमें जल्दी भूख नहीं लगती।”
वह आगे कहती हैं, “बैंगन में जटिल शर्करा (कांप्लेकस शूगर) होती है, जो वजन को बढ़ने से रोकती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल भी नहीं होता, इसलिए शरीर पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता।”
गट (आंत) फ्रेंडली
इस सब्जी में क्लोरोजेनिक एसिड और एंथोसायनिन कंपाउंड पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कैंसर, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायबिटिक और न्यूरोप्रोटेक्टिव एजेंट्स के रूप में काम करते हैं। एंथोसायनिन आमतौर पर सब्जियों और फलों के छिल्कों में मिलता है।
साइंस कहता है कि एंटीऑक्सीडेंट का सेवन कैंसर की संभावना को काफी हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, कई अध्ययन यह भी बताते हैं कि बैंगन जलने, मस्सों और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों, जैसे-स्टोमेटाइटिस और गैस्ट्राइटिस पर चिकित्सीय (थेरप्यूटिक) प्रभाव भी डालता है।
मानसिक रोग और अल्जाइमर को रोकने में मददगार
शोध बताते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट की कमी से शरीर की रक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे ऑक्सीडेटिव तनाव होता है और मूड स्विंग का कारण भी यही है। हरे, बैंगनी और कई अन्य रंगों में पाए जाने वाली इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो चिंता और अवसाद जैसी बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। बैंगन कुछ ही हफ्तों में इन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
ऑक्सीडेटिव तनाव की वजह से अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियां होने लगती हैं। लेकिन बैंगन में पाए जाने वाले विटामिन सी और ई को खाने में शामिल कर इस जोखिम को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा आमतौर पर दिल की बीमारियां एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल के कारण होती हैं। बैंगन में मौजूद एंथोसाइनिन शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।
एलर्जी है तो ध्यान से खाएं
इतने फायदों के बाद भी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बैंगन कुछ लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। पुणे की क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ गीता धर्मत्ती कहती हैं, “बैंगन का संबंध नाइटशेड परिवार से है, क्योंकि इसमें सैपोनिन होता है और यह किसी व्यक्ति में ऑटो-इम्यून बीमारियों या सूजन को ट्रिगर कर सकता है।”
गीता के अनुसार जिन लोगों को एलर्जी है, वो बैंगन थोड़ा ध्यान से खाएं क्योंकि इससे रैशेज या खुजली भी हो सकती है। डॉक्टर करिश्मा का कहना है, जो लोग गठिया रोग से जूझ रहे हैं, बैंगन ऐसे रोगियों के दर्द और सूजन को और भी बढ़ा सकता है। जिन्हें गुर्दे में पथरी की शिकायत है, उन्हें भी बैंगन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें पाया जाने वाला ऑक्सलेट उन्हें परेशानी में डाल सकता है।
हम यहां बैंगन की एक हेल्दी रेसिपी शेयर कर रहे हैं, जिसे आप अपने डाईट में शामिल कर सकते हैं-
ग्रिल्ड बैंगन सलाद
सर्विगं- दो व्यक्तियों के लिए
कैलोरी- एक सर्विंग में 75 कैलोरी
सामग्रीः-
- एक मध्यम आकार का बैंगन लें। उसे लंबाई या चौड़ाई जैसे चाहे आकार में काटें। लेकिन मोटाई ½ इंच से ज्यादा ना हो।
- एक चम्मच एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल।
- थोड़ा सा समुद्री नमक और ताजी पिसी काली मिर्च।
- आधे कटे हुए टमाटर (एक छोटी कटोरी)।
- ¼ कटोरी कटे हुए पार्सले।
- एक चम्मच नींबू का रस
कैसे बनाएं सलाद?
एक ग्रिल पैन को गर्म कर लें। बैंगन के टुकड़ों के दोनों तरफ ब्रश से ऑलिव ऑयल लगाएं। अब इस पर नमक और काली मिर्च छिड़कें। बैंगन को मध्यम आंच पर लगभग 5-6 मिनट तक हल्का भून लें। बैंगन को एक बाउल में निकाल लें। इसमें कटे हुए टमाटर, पार्सले और नींबू का रस डालकर मिला लें। नमक और काली मिर्च मिलाकर टॉस करें।
मूल लेखः हिमांशू नित्नाववरे
संपादनः अर्चना दुबे
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