जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक 35-मीटर का पुल (ब्रिज) तैयार किया है। इस ब्रिज के चलते दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के बेस कैंप में सेना के वाहन-चालन की गतिविधियां आसान हो जाएँगी।
बीआरओ के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस ‘चमेसन ब्रिज’ को ‘हिमांक’ प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। इस ब्रिज के चलते सियाचिन ग्लेशियर में यात्रा करना आसान हो पायेगा। इस ब्रिज से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें हम आपको बता रहे हैं,
- यह ब्रिज खलसर-ससोमा रोड पर बनाया गया है, जो कि नुबरा घाटी को सियाचिन ग्लेशियर बेस से जोड़ती है।
- चमेसन लुंगपा धारा पर बने इस ब्रिज को निश्चित समय में पूरा किया गया है।
- गर्मियों के दौरान चमेसन लुंगपा धारा का प्रवाह बहुत बढ़ जाता है। जिसके चलते यात्री, पर्यटक व सैन्य दल सभी को मौजूदा अस्थायी बेली पुल से जाना पड़ता था।
- खलसर-ससोमा सड़क पर इस तरह के सात ब्रिज बनेंगें, जिसमे से ‘चमेसन ब्रिज’ पहला है। इससे स्थानीय ग्रामीणों और सैन्य कर्मियों के लिए यातायात में बड़ी राहत मिलेगी।
- पर्यटक अब बिना किसी यातायात संबंधित परेशानी के ‘पनामिक गांव’ की सैर के लिए जा सकते हैं।
पुल का उद्घाटन सीमा सड़क के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह द्वारा किया गया। लेह-लद्दाख क्षेत्र की सुरक्षा बलों और नागरिकों के उपयोग के लिए इसे खोल दिया गया है। लेफ्टिनेंट हरपाल सिंह ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारियों को सम्बोधित कर उनकी मेहनत व लगन की सराहना की।
( संपादन – मानबी कटोच )