विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके अनुसार छात्रों को कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की इजाजत मिलेगी।
इस प्रोग्राम के तहत, इनमें से एक डिग्री रेगुलर जबकि दूसरी ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) माध्यम से की जा सकती है।
छात्रों के लिए खुलेंगे कई करियर ऑप्शन
यूजीसी ने इस संबंध में वाइस चेयरमैन डॉ. भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
समिति का गठन 2019 में छात्रों के लिए दो डिग्री कोर्स शुरू करने के लिए किया गया था, जिसका उद्देश्य उनके करियर की संभावनाओं को बढ़ाना है।
हालिया प्रस्ताव के अनुसार, छात्र विभिन्न विषयों में दोनों डिग्री हासिल कर सकते हैं। कोर्स को दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों या एक ही विश्वविद्यालय से रेगुलर या डिस्टेंस लर्निंग माध्यम से किया जा सकता है।
समिति ने संस्थान के नियमों के अनुसार रेगुलर डिग्री के लिए न्यूनतम उपस्थिति के नियम को अनिवार्य कर दिया है, जबकि दूरस्थ शिक्षा की डिग्री के लिए अभी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है।
अधिक विवरण जल्द ही जारी किया जाएगा
यूजीसी की ओर से इस प्रस्ताव की आधिकारिक अधिसूचना अभी जारी नहीं की गई है। लेकिन यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने इसकी घोषणा कर दी है। जैन ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “हाल ही में आयोग की बैठक में भारत में छात्रों के लिए एक साथ दोहरे कोर्स के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। जिसके तहत छात्रों को एक ही समय में एक या विभिन्न विषयों में डिग्री हासिल करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, दो डिग्री में से एक को रेगुलर मोड के माध्यम से और दूसरे को ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से किया जा सकेगा।”
इससे पहले भी 2012 में यूजीसी ने एक समिति गठित कर एक साथ दो डिग्री कोर्स के विषय पर विचार करने के लिए कहा गया था। हालांकि कुछ बाधाओं के कारण इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली थी।
वर्तमान प्रस्ताव के बारे में विस्तृत अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।
मूल लेख- SAYANTANI NATH