उत्तर-प्रदेश के चित्रकूट ज़िले के रैपुरा गाँव के हर घर में कोई न कोई सरकारी कर्मचारी-अधिकारी है। इस गाँव के तीस युवा आइएएस, आइपीएस, पीसीएस और पीपीएस अफ़सर बने हैं।
और इन सबकी कामयाबी के पीछे जो शख्सियत है उनका नाम है डॉ. महेंद्र प्रसाद सिंह जिनकी प्रेरणा और प्रयासों से ही गाँव के युवा ऐसे मुकाम पा रहे हैं। डॉ. सिंह पहले राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य थे और साथ ही इतिहास विषय के उम्दा शिक्षक।
पहले वे अपने अनुभव से छात्रों के मददगार बने और सेवानिवृत्त होने के बाद एक ट्रस्ट बनाकर गाँव के बच्चों के भविष्य को संवार रहे हैं।
वर्ष 1993 में जालौन में राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद डॉ. सिंह गाँव लौटे तो युवाओं का भविष्य बनाने में जुट गए। बाहरवीं पास युवाओं को इतिहास विषय के टिप्स दिए। इसके बाद वर्ष 2008 में ग्रामोत्थान ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट से उन्होंने गाँव में सरकारी नौकरी पाने वालों को जोड़ लिया।
यह ट्रस्ट गाँव में दशहरे के मौके पर हर साल मेधा सम्मान समारोह आयोजित करता है। जिसमें इनका ट्रस्ट किसी भी कक्षा में पहला, दूसरा व तीसरा स्थान पाने वाले गाँव के बच्चों का सम्मान कर, उन्हें प्रोत्साहित करता है। इंजीनियरिंग या मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी और दाखिले में आर्थिक दिक्कत आने पर मदद भी करता है।
डॉ. महेंद्र प्रसाद ने अब ट्रस्ट की तरफ से मेधा स्मारिका का प्रकाशन शुरू किया है। इसमें गाँव से निकले आइएएस-आइपीएस, प्रोफेसर, डॉक्टरों व इंजीनियरों को जोड़ा गया है। जिसमें सरकारी नौकरी पाने वाले गाँव के सभी युवाओं की तस्वीरें छपेंगी।
डॉ. सिंह की सोच और काम बहुत सराहनीय है। हम उम्मीद करते हैं कि और भी बहुत से लोग उनसे प्रेरणा लेंगें।
संपादन – मानबी कटोच