Content Partner: India Science Wire
अंतरिक्ष के प्रति लोगों में उत्सुकता और ललक बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), एक नई पहल शुरू करने जा रहा है। इसरो, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तरह, अंतरिक्ष का एहसास दिलाने वाले उपभोक्ता-उत्पादों की सीरीज मार्केट में लाने की तैयारी में है। इससे बच्चों, छात्रों और आम लोगों की अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों (Space Awareness) के प्रति रुचि बढ़ेगी।
इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए इसरो ने कई कंपनियों के साथ करार किया है। ये कंपनियां अंतरिक्ष से जुड़े प्रतीकों और अन्य पहलुओं से जुड़े सामान बनाकर, इसरो के इस अभियान को गति देंगी। इस संबंध में, अभी तक आठ कंपनियों के साथ समझौते किए गए हैं। समझौते करने वाली यूनिट्स में पुणे की इंडिक इंस्पिरेशंस, बेंगलुरु की 1947 इंड और अहमदाबाद की अंकुर हॉबी सेंटर प्रमुख हैं।
MoU साइन कर, रखी ये शर्तें
इसरो ने इन कंपनियों के साथ जिस सहमति पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं, उनके मुताबिक वह इन कंपनियों को थीम, ड्रॉइंग, तस्वीरें और इस तरह की अन्य ज़रूरी चीज़ें उपलब्ध कराएगा और इसी के आधार पर, कंपनियां मर्केंडाइज यानी वस्तुएं तैयार करेंगी। MOU में इसरो ने यह शर्त भी रखी है कि उसके द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री का किसी भी प्रकार से उस रूप में इस्तेमाल न किया जाए, जिससे उसकी गरिमा पर आंच आए।
इस संदर्भ में, इसरो द्वारा तैयार किए गए सैंपल्स की सूची जल्द ही पंजीकृत कंपनियों को उपलब्ध करा दी जाएगी। इसमें इसरो ने अपनी शर्तों में स्पष्ट किया है कि ये कंपनियां उसकी सामग्री और प्रतीकों का डोरमैट और स्लिपर जैसे उत्पादों पर प्रयोग करने से बचें। इसमें स्केल्ड मॉडल्स, लेगो सेट्स, जिग्सॉ पजल्स जैसे 3D और 2D ड्रॉइंग्स पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। ताकि इसरो की क्षमताओं का अपेक्षित रूप से लाभ उठाया जा सके। इसरो ने इन कंपनियों से यह भी कहा है कि वे अपने उत्पादों की कीमत वाजिब दायरे में रखें, क्योंकि इसरो उनसे अपने ब्रांड के उपयोग के एवज में कोई शुल्क नहीं ले रहा है।
कई कंपनियों द्वारा ऐसी सामग्री के निर्माण में दिलचस्पी दिखाने के बाद ही इसरो ने इस राह में कदम बढ़ाए हैं। उसे यह उम्मीद है कि इन उत्पादों के माध्यम से अंतरिक्ष को लेकर छात्रों और आम लोगों का रुझान बढ़ेगा।
(Featured Image Source: अंकुर हॉबी सेंटर)
यह भी पढ़ेंः चाय के स्टॉल को बनाया RTI बूथ, ग्रामीणों के लिए फाइल किये 5000 से ज्यादा RTI
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।