अगर आपको भी वड़ा पाव बेहद पसंद है और आप मुंबई में हैं। तो जब भी आप किसीसे ऐसी जगह के बारे में पूछें, जहां स्वादिष्ट वड़ा पाव मिलता हो, तो विले पार्ले में मीठीबाई कॉलेज के बाहर एक ऐसी जगह है, जिसका नाम मज़ेदार वड़ा पाव के लिए ज़रूर लिया जायेगा। लगभग हर समय लोगों के आवागमन से गुलजार रहनेवाली यह जगह, अब लॉकडाउन और महामारी के कारण उजाड़ सी लगने लगी है।
मीठीबाई कॉलेज का फेमस वड़ा पाव
किसने सोचा था, जहां कभी आमतौर पर, वड़ा पाव, डोसा और सैंडविच के स्टॉल लगे होते थे, वहां चना जोर गरम चाट बेचनेवाला कोई शख्स भी अपना स्टॉल लगाएगा। COVID-19 के कारण, जैसे बाकी सब कुछ प्रभावित हुआ है, उसी तरह ऐसे स्ट्रीट फूड बेचनेवालों की दैनिक कमाई पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है।
यह बुजुर्ग व्यक्ति जहां आमतौर पर अच्छी-ख़ासी बिक्री करता था, वहीं अब मुश्किल से 70 रुपये ही कमा पाता है, वह भी शनिवार के दिन!
एक ट्वीट का कमाल
Avni Shah ने इस बुजुर्ग की हालत के बारे में twitter पर लिखा। अपने viral tweet में वह कहती हैं, “मुंबई के बारे में, जो भी जानता है, वह Mithibhai College के मशहूर डोसा, सैंडविच और वड़ा पाव को भी जानता है! लेकिन उसी जगह, एक बूढ़ा व्यक्ति चना जोर गरम चाट बेच रहा है। मैंने कल (sic) उसे रोते हुए देखा।”
उन्होंने उस tweet को पढ़नेवालों से मदद और समर्थन के लिए आगे आने की अपील की। ट्वीट करने के कुछ घंटों बाद, इंटरनेट ने अपना जादू चलाया और उन्हें हर तरफ से मदद मिलने लगी। जिन भी लोगों ने कभी उस बूढ़े व्यक्ति के चना जोर गरम चाट खाए थे और अब वे मुंबई से बाहर रहते हैं, उन लोगों ने Avni Shah के ट्विटर थ्रेड में अपनी यादों के बारे में बताया।
हमारी एक छोटी सी कोशिश किसी की जिंदगी में कितना बड़ा बदलाव ला सकती है। यह कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है।
मूल लेखः विद्या राजा
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