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नर्सरी जाने की जरूरत नहीं, खुद ही तैयार करें गेंदे का पौधा!

Grow Marigold

गेंदे का फूल देखने में जितना खूबसूरत लगता है, इसकी खूबियाँ उससे कहीं बढ़कर है। यही कारण है कि अधिकांश घरों में आपको गेंदा का पौधा दिख जाएगा।

गेंदे के पत्तियों और फूलों में कई औषधीय गुण होते हैं। शरीर में कहीं मोच आने पर या जख्म में गेंदा के इस्तेमाल से काफी फायदे मिलते हैं। इसके अलावा, यह डायबिटीज, यूरिन इन्फेक्शन में भी कारगर है।

शिरीष के टेरेस गार्डन में लगा गेंदे का फूल

तो, आज भोपाल के रहने वाले शिरीष शर्मा, जो कि अपने छत पर पिछले 15 वर्षों से अधिक समय से बागवानी कर रहे हैं और उनके पास फिलहाल, 150 से अधिक पौधे हैं, आपको बताएंगे कि आप गमले में गेंदा फूल को आसानी से कैसे उगा सकते हैं।

इसे लेकर शिरीष द बेटर इंडिया से कहते हैं, “भारत में गेंदा फूल अत्यंत लोकप्रिय है। इसे पूरे देश में उगाया जाता है और इसे सालों भर उगाया जा सकता है।”

वह बताते हैं, “गेंदे के फूल का इस्तेमाल पूजा करने से लेकर कई बीमारियों में उपचार के तौर पर भी होता है। इसे लोग हर्बल टी के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। वहीं, पत्तियों को घाव या जख्म पर भी लगाया जाता है, जिससे काफी राहत मिलती है।”

इसके अलावा, गेंदा का पौधा बगीचे में कीटों को भी दूर रखता है, जिससे दूसरे पौधों को भी आसानी से बढ़ने में मदद मिलती है।

कैसे तैयार करें पौधा

शिरीष बताते हैं कि आप गेंदा के पौधे को तीन तरीके से तैयार कर सकते हैं:

  1. बीजों के जरिए
  2. बाजार से पौधा खरीद कर 
  3. कटिंग के जरिए

शिरीष के अनुसार, ताजे फूल के बीजों से पौधा तैयार करना सबसे आसान है। 

वह कहते हैं, “यदि आपको घर में गेंदा का पौधा तैयार करना है, तो आप अच्छी किस्म के गेंदे के फूल को 2-3 दिनों तक धूप में सूखा लीजिए। इसके बाद, एक सेमी शेड वाले एरिया में गमला में या जूट के बैग पर मिट्टी तैयार कर लीजिए। इससे पौधा 8-10 दिनों में तैयार हो जाता है।”

कैसे बनाएं मिट्टी

शिरीष बताते हैं कि गेंदे के पौधे को तैयार करने के लिए मिट्टी बनाने के दौरान, सबसे अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है।

गेंदे के पौधे की देखभाल करते शिरीष

वह कहते हैं, “घर में गेंदे का पौधा तैयार करने के लिए, साधारण मिट्टी का इस्तेमाल करने के बजाय, 50-60% वर्मी कम्पोस्ट या गोबर की खाद के साथ 40% बालू मिलाएं और सेमी शेड वाले एरिया में एक बेड का निर्माण करें। फिर, मिट्टी में थोड़ी नमी बना कर, उस पर सूखा हुआ फूल छिड़क दें। इस तरह, 8-10 दिनों में पौधा 3-4 इंच का हो जाएगा।”

वह आगे बताते हैं, “एक बार पौधा तैयार हो जाने के बाद, आप इसे सावधानी से मिट्टी से निकालकर मुख्य गमले में लगा सकते हैं। इसके लिए, आप 50% बगीचे की मिट्टी, 30% वर्मी कम्पोस्ट या गोबर का खाद और 20% कोकोपीट या बालू का इस्तेमाल कर सकते हैं। किसी भी स्थिति में, कड़ी मिट्टी का इस्तेमाल करने से बचें, यह पौधों के विकास के लिए उपयुक्त नहीं है।”

कटिंग से कैसे तैयार करें पौधा

शिरीष बताते हैं, “कटिंग से गेंदे का पौधा तैयार करने के लिए, आप पौधे की 4 इंच ऊपर से कटिंग करें। ध्यान रखें कि आप मोटी शाखा को नहीं काट रहे हैं, इससे जड़ों का विकास नहीं होता है। शाखा को काटने के बाद, उसके निचले हिस्से (1.5 इंच) से सभी पत्तियों को हटा दीजिए।”

“फिर, एक चम्मच शहद और 2 चम्मच पानी का घोल बनाकर, इस शाखा को उसमें भिगो कर मिट्टी में लगा दीजिए। इससे 15-20 दिनों में पौधा तैयार हो जाएगा,” वह आगे कहते हैं।

किस मौसम में लगाएं पौधा

शिरीष बताते हैं कि गेंदे के पौधे को सभी मौसम में लगाए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए नवंबर से लेकर जनवरी तक का मौसम सबसे अच्छा है। क्योंकि, गेंदे का पौधा 15-30 डिग्री तापमान में तेजी से विकास करता है।

कौन-सा किस्म है बेहतर

शिरीष के अनुसार, गेंदे के पोमपोम किस्म का बीज भारत में आसानी से मिल जाता है और इसके फूल बड़े, सुंदर और कई दिनों तक रहने वाले होते हैं।

किन बातों का रखें ध्यान

इस पौधे में फूल आने में 2-3 महीने का वक्त लगता है और इसका जीवनकाल 6-8 महीने का होता है। लेकिन, इस दौरान आपको कई सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है।

इसके लेकर शिरीष कहते हैं, “पौधा जब 7-8 इंच का हो जाए, तो इसे ऊपर से थोड़ा सा काट दीजिए। इससे पौधों में कई शाखाएँ निकलती हैं और यह घना होता है। आपका उद्देश्य हमेशा अपने पौधे को घना करने का होना चाहिए, न कि बड़ा करने का।”

नीचे शिरीष बता रहे हैं कि गमले में गेंदा का फूल तैयार करने के लिए क्या करें और क्या न करें:

क्या करें –

क्या न करें – 

तो देर किस बात की, आप भी अपने घर में गेंदे का पौधा तैयार करिए और बागवानी को खूबसूरत बनाएं।

सर्दी के मौसम में गेंदा समेत कई अन्य फूलों की बागवानी के बारे में अधिक जानने के लिए शिरीष के इस वीडियो को देखें।

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संपादन – जी. एन झा

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