हिंसाग्रस्त दक्षिण सूडान में फंसे हुए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए वायुसेना ने 2 एयरक्राफ्ट, जूबा भेजे हैं। वायुसेना के दो C-17 एयरक्राफ्ट से सूडान में फँसे लगभग 600 भारतीयों को वापस लाया जाएगा। गुरुवार, 14 जुलाई 2016 को 149 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया है।
विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के सिंह के नेतृत्व में होने वाले इस अभियान को “ऑपरोशन संकटमोचन” नाम दिया गया है।
“हमारी पूरी कोशिश होगी कि फंसे हुए भारतीयों को सुरक्षित ले आया जाए”, रवाना होने से पहले जनरल वी.के सिंह ने कहा।
उनके साथ विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंधों के सचिव अमर सिन्हा, संयुक्त सचिव सतबीर सिंह और निदेशक अंजनी कुमार भी गए हैं। मंत्रालय के अनुसार सूडान में करीब 600 भारतीय हैं, जिनमें 450 राजधानी जूबा में ही हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनको निकाले जाने के अभियान की घोषणा की थी। सूडान में भारतीय राजदूत श्रीकुमार मेनन अपनी टीम के साथ जूबा में इसका प्रबंध देख रहे हैं।
#OperationSankatMochan begins at crack of dawn. Two C 17 aircraft leave for Juba with @Gen_VKSingh on board. pic.twitter.com/DsmQJK5eHz
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 14, 2016
केवल वैध दस्तावेजों के साथ ही लोगों को आने की इजाजत दी गयी। गुरुवार, 14 जुलाई को 149 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया है।
Operation #SankatMochan
Leading from the front! @Gen_VKSingh addresses evacuees onboard the C17 pic.twitter.com/zZAJTQrgJY— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 14, 2016
दक्षिण सूडान में राष्ट्रपति सल्वा कीर और उपराष्ट्रपति रिएक मचर के समर्थकों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सूडान में युद्ध की वजह से करीब 36,000 लोग अपने घरों से पलायन कर चुके हैं।
इसके पहले 2015 में जनरल वीके सिंह के नेतृत्व में हिंसाग्रस्त यमन से लोगों को छुड़ाने के लिए “ऑपरोशन राहत” चलाया गया था। इसमें भारत के अलावा पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित लाया गया था। “ऑपरेशन राहत” की विश्व पटल पर काफी प्रशंसा हुई थी।