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अपने काम के प्रति इन पुलिस कर्मियों के समर्पण को देखकर, आदर से आपका सर खुद-ब-खुद झुक जायेगा!

स चिलचिलाती गर्मी में, जब सडकें तप रही है, जाम में फंसी गाड़ियां हॉर्न बजा रही हो और इनके बीच ही कई घंटों तक का काम करना हो, तो यकीनन यह किसी भी रूप में आसान नहीं कहलायेगा। पर ऐसी ही स्थिति से रोज़ जूझ रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तरफ हमारा ध्यान यदा कदा ही जाता है। और यदि खुद को उनकी जगह खड़ा करें तो हमे समझ भी आएगा कि यह कार्य वास्तव में प्रशंसनीय है। ऐसी ही प्रशंसा के काबिल वो पुलिसवाले भी हैं जो ड्यूटी पर हो या न हो.. अपना फ़र्ज़ निभाने से कभी पीछे नहीं हटते।

आइये ऐसे ही कुछ गुमनाम नायको से हम आपको मिलाते हैं :

१. रणजीत सिंह

यह भारत के सबसे मशहूर ट्रैफिक पुलिस में से एक हैं। लोग ट्रैफिक के नियमों का पालन करे, इसके लिए अक्सर इन्हें व्यस्त सडको पर ‘मून वाक’ करते हुए देखा जा सकता है। यह अपने आप में इतना रोचक है कि ड्राईवर उनके एक इशारे पर रुकने पर मजबूर हो जाता है और अगले इशारे पर चल भी पड़ता है। इनके डांस की सराहना करने के साथ ही लोग काम के प्रति इनके समर्पण की भी तारीफ़ करते नहीं थकते।

२. कांस्टेबल कमल दास

source – Facebook

तिलजला पुलिस स्टेशन में नियुक्त कोलकाता के कांस्टेबल कमल दास पिछले दिनों अपने दैनिक कार्य से थोडा हट कर रात के ३ बजे कुछ लोगो की मदद की। यह घटना ई एम् बाई पास की है, जब एक कार रास्ते में बंद पड़ गयी। रात के ऐसे पहर में जब लोग किसी की मदद करने से हिचकिचाते है, इस कांस्टेबल ने मानवता का परिचय देते हुए, उस कार में सवार ३ व्यक्तियों में से एक को अपनी बाइक पर बिठा, न सिर्फ मैकेनिक ढूँढने निकल पड़े, बल्कि जब उन लोगों के पास रिपेयरिंग के पैसे कम पड़े तो अपनी जेब से पैसे निकाल उनकी मदद भी की।

३. अस्सिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सजीश कुमार

Source – Facebook

तिरुवनंतपुरम, केरल के पुलिस सजीश कुमार ने खुद नदी में कूद कर एक किशोरी की जान बचाई। जब उस लड़की के अभिभावकों ने लड़की के घर न पहुँचने पर, पुलिस मे शिकायत दर्ज करवाई, तो पुलिस की एक टीम उसे खोजने रवाना हो गई। जल्द ही उसे करमना इलाके में खोज लिया गया। पर पुलिस को आता देख उस लड़की ने वहीँ नदी में छलांग लगा दी। बिना समय गँवाए सजीश कुमार, जो उस टीम में थे, उसे बचाने के लिए नदी में कूद पड़े जिस से उस लड़की की जान बचा ली गयी।

४. मनोज बरहते

24 वर्षीय मनोज महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हैं। जिस वक्त वे नाशिक के कुम्भ मेले में ड्यूटी पर थे, तभी उन्होंने अमर्धाम पुल पर एक व्यक्ति को खड़ा देखा जो अचानक से उस पुल से नीचे कूद पड़ा। तुरंत ही मनोज ने भी 20 फुट ऊँचे पुल से छलांग लगा दी। उनके इस कदम से उस व्यक्ति की जान बचा ली गयी।

ये तो कुछ उदाहरण है। हर दिन, हर मोड़ पर ऐसे कई पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, सुरक्षाकर्मी, कांस्टेबल है जो बड़ी प्रतिकूल स्थिति में भी अपने काम को पूरी लगन से पूरा करते हैं। हम ऐसे कर्मचारीयों के जज्बे को सलाम करते हैं।

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