हर साल 15 जनवरी को ‘थल सेना दिवस’ यानी कि ‘आर्मी डे’ मनाया जाता है। इसी दिन, साल 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने।
हर साल आर्मी डे पर जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजिमेंट की परेड होती है और झांकियाँ निकाली जाती हैं।
इस साल भारतीय सेना अपना 71वां ‘थल सेना दिवस’ माना रही है। इस मौके पर ‘आर्मी सर्विस कोर’ पूरे 23 साल बाद फिर से आर्मी डे की परेड में शामिल होने जा रहा है। साथ ही पहली बार इस मौके पर आर्मी परेड का नेतृत्व एक महिला अफ़सर करेंगी। यह महिला अफ़सर हैं लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी।
लेफ्टिनेंट कस्तूरी ‘आर्मी सर्विस कोर’ के 144 जवानों का नेतृत्व करेंगी।
लेफ्टिनेंट कस्तूरी ने बताया, “पहली बार एक महिला अफ़सर किसी सैन्य दल को परेड के लिए लीड कर रही है। एक लेडी अफ़सर कमांड दे रही है और 144 जवान उस कमांड पर आगे बढ़ रहे हैं तो यह बहुत गर्व की बात है।”
यह साल सिर्फ़ लेफ्टिनेंट कस्तूरी के लिए ही नहीं बल्कि और भी दो महिला अफ़सरों के लिए ख़ास होने वाला है। दरअसल, पहली बार आर्मी की डेयरडेविल्स टीम (बाइकर्स टीम) में भी एक लेडी अफ़सर ने जगह बनाई है। कैप्टेन शिखा सुरभि पहली महिला अफ़सर हैं, जो गणतंत्र दिवस की परेड में मशहूर डेयरडेविल्स टीम के पुरुष अफ़सरों के साथ बाइक पर स्टंट करते दिखेंगी।
आर्मी की इस डेयरडेविल्स टीम ने अब तक 24 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। इस टीम का हिस्सा बनने पर कैप्टेन शिखा का हौंसला बुलंदी पर है।
कैप्टेन भावना स्याल के लिए भी आर्मी डे महत्वपूर्ण होगा। कैप्टन स्याल आर्मी की सिगनल्स कोर से हैं और वह ट्रांसपोर्टेबल सैटलाइट टर्मिनल के साथ परेड पर भारतीय सेना की ताकत दिखाएंगी। कैप्टन भावना कहती हैं कि यह मशीन डिफेंस कम्युनिकेशन नेटवर्क का हिस्सा है। यह आर्मी को ही नहीं बल्कि तीनों सर्विस (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) को जोड़ने का भी काम करता है और वॉइस डेटा और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग फैसिलिटी देता है।
लेफ्टिनेंट कस्तूरी कहती हैं कि जब उन्हें परेड कमांड करने के लिए चुना गया, तो इंस्ट्रक्टर से लेकर सभी अफ़सर और जवान भी बेहद गर्व महसूस कर रहे थे।
( संपादन – मानबी कटोच )