क्या आपने कभी ऐसी शादी देखी है, जिसमें किसी न किसी ने शराब न पी हो या हर्ष फायरिंग न हुई हो या फिर सभी लोगों ने मास्क लगाया हो और शादी बिल्कुल दहेज मुक्त हो? जी हां, यह संभव है। बिहार का गया 16 फरवरी को एक ऐसी ही शादी का गवाह बना। मेजबान ने मेहमानों को जो निमंत्रण पत्र (Wedding Card) भेजा है, उसमें साफ-साफ लिखा है, “शराब पीकर आना सख्त मना है।” यहां तक कि हथियार लेकर आने को भी वर्जित किया गया है।
एक Wedding Card क्यों बन गया मिसाल?
इन दिनों एक अनोखा निमंत्रण पत्र चर्चा में है। इस शादी के मेजबान भोला यादव हैं। बिहार में गया के गेवालबिगहा के रहने वाले भोला यादव की बेटी आयुषी की शादी, यहीं के रहनेवाले राजेश से हुई। विवाह समारोह 16 फरवरी, 2022 को था। भोला इस शादी में लोगों को बुलाने के लिए यादव ने जो निमंत्रण पत्र (Wedding Card) भेजा, उसमें शादी में शिरकत करने वाले मेहमानों के लिए चार हिदायत भी दी है।
इनमें पहली है-शराब पीकर आना सख्त मना है। दूसरी सलाह है कि मास्क लगाकर ही पंडाल के अंदर आएं। तीसरी नसीहत है-शस्त्र लेकर आना वर्जित है। चौथी है-दहेज मुक्त विवाह में सभी का स्वागत है।
यह निमंत्रण पत्र जिसके भी हाथ में जाता है, वह इसी पर चर्चा करने लगता है। युवा जनता दल के पूर्व उपाध्यक्ष और वर्तमान में बतौर सामाजिक कार्यकर्ता क्षेत्र में सक्रिय भोला यादव ने बताया, “हमारा घर स्लम एरिया में पड़ता है। यहां अक्सर लोगों को शराब में धुत होकर गिरते पड़ते देखा है। बहुत लोगों के परिवार शराब की वजह से बर्बाद हो गए। बिहार में सरकार ने शराबबंदी लागू की है, लेकिन उसका पूरी तरह से पालन तभी हो सकेगा, जब लोग स्वयं जागरूक हों। हम इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं। आयुषी उनकी पहली बेटी हैं, वह उसकी शादी को इस बुराई से दूर रखना चाहते हैं।”
मोबाइल निमंत्रण पर भी दी हिदायत
इस शादी में आमंत्रित करने के लिए जिन अतिथियों को मोबाइल फोन के माध्यम से न्योता दिया जा रहा है, उन्हें भी निमंत्रण पत्र (Wedding Card) पर लिखी बातें बताई जा रही हैं। भोला यादव कहते हैं, “शादी में शराब पीना कतई उचित नहीं है। इससे माहौल भी खराब होता है। लड़ाई-झगड़ा भी होता है।”
शराब की ही तरह हर्ष फायरिंग भी एक सामाजिक दोष है। भोला यादव के अनुसार, “कई बार हर्ष फायरिंग के नाम पर लोगों की जान चली जाती है। हथियार लेकर आने वाले खुशी में फायर दाग देते हैं। जरा सा निशाना चूका नहीं कि इससे कब किसकी जान चली जाए, किसी को नहीं पता। ऐसा किया ही क्यों जाए कि ऐसी नौबत आए और खुशी का माहौल मातम में बदल जाए।”
दरअसल, लोग दिखावे के चक्कर में शादियों में हथियार लेकर पहुंचते हैं। हम ऐसा नहीं चाहते कि लोग इस तरह की रीत को बढ़ावा दें। किसी भी अच्छे बदलाव की शुरूआत स्वयं से होनी चाहिए और इसी सोच के साथ भोला यादव ने शादी में किसी के भी शस्त्र लेकर आने पर रोक लगाई है।
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“दहेज को जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी”
कार्ड (Wedding Card) पर लिखे निशुल्क मास्क की बात पर भोला ने कहा, “जहां तक बात मास्क की है, तो इसे शादी में आने वाले लोगों को निशुल्क दिया जाएगा, ताकि कोरोना महामारी पर रोक लग सके और लोग सुरक्षित रह सकें।
भोला यादव ने दहेज ना लेने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा, “मैं इस अभिशाप की छाया भी अपने परिवार पर नहीं पड़ने दूंगा।” वह समाज को इस विवाह के माध्यम से संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि इस सामाजिक बुराई से दूर रहें। इस समस्या के सबसे बड़े शिकार वे होते हैं, जिनके पास विवाह में देने को कुछ नहीं होता। वे कर्ज के चक्कर में पड़ जाते हैं, जो रास्ता केवल बर्बादी की ओर जाता है।
ससुराल पक्ष भी है इस सोच का पक्षधर
भोला यादव की पत्नी सुनीता यादव भी अपने पति के इस कदम से पूरी तरह सहमत हैं। वह कहती हैं, “बिहार में शराबबंदी के बाद सबसे अधिक राहत महिलाओं को मिली है। पहले घर का मुखिया अपनी कमाई शराब में उड़ा देता था और उसके बच्चे अपनी मामूली जरूरतों के लिए भी दूसरों का मुंह देखा करते थे। कई हंसते-खेलते परिवार शराब की भेंट चढ़ गए। सरकार के शराबबंदी के कदम से कई परिवार बर्बादी से बचे हैं। शादी में शराब, दहेज आदि का विरोध कर, हम अपने परिवार से ही बदलाव की शुरूआत कर रहे हैं।”
आयुषी, जिनके विवाह के लिए यह विशेष निमंत्रण पत्र (Wedding Card) छपवाया गया है, वे इस वर्ष 12वीं की परीक्षा देंगी। करीब 22 वर्ष की आयुषी भी अपने पिता के इस कदम से इत्तेफाक जताती हैं। आयुषी के अनुसार, “शराब समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है। इसके दंश से सैकड़ों परिवार बर्बाद हुए हैं। हम न तो शराब परोसेंगे और न ही जो शराब पीकर आएगा, उसे समारोह में प्रवेश करने दिया जाएगा। इस बात पर पूरी सख्ती बरती जाएगी।”
आयुषी की शादी उनके घर से ही महज पांच-छह किलोमीटर की दूरी पर हो रही है। उनके ससुराल में भी लोग इन्हीं विचारों के पक्षधर हैं। उनका कहना है कि विवाह दहेज रहित हो रहा है, इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है?
घर में आगे होने वाली शादियों के Wedding Card पर भी रहेगा यही नियम
शराब और दहेज के लेन-देन को सबसे बड़ी सामाजिक बुराई मानने वाले भोला यादव पहले भी इस आधार पर सरकार के शराबबंदी अभियान का समर्थन करते रहे हैं। उनकी दो बेटियां और और एक बेटे के पिता भोला, घर में होने वाली हर शादी को शराब की बुराई से दूर रखना चाहते हैं, अपने बनाए नियमों का पालन करना चाहते हैं और लोगों से भी अपील करते हैं कि वे उन्हें इन नियमों पर कायम रखने में सहायक बनें।
शराब से तौबा करके ही बदलेगी जिंदगी
बिहार में एक अप्रैल, 2016 से शराबबंदी लागू है। इसके बावजूद, कुछ ही समय पहले बिहार में जहरीली शराब पीने से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है। भोला यादव मानते हैं कि केवल जागरूकता ही इस तरह के आंकड़ों को बदल सकती है। 12 करोड़ से भी अधिक की जनसंख्या वाले राज्य बिहार में लोगों की जिंदगी बदलने के लिए सबसे ज़रूरी है कि लोग शराब के सेवन से तौबा कर लें।
भोला यादव से 8709701068 पर संपर्क किया जा सकता है।
संपादनः अर्चना दुबे
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