केरला , kभारकेरल त में हर साल महिलाओं पर शारीरिक तथा मानसिक प्रताड़ना की घटनाओ की संख्या बढती जा रही है। माना जाता है कि इन अपराधो का शिकार ज़्यादातर अनपढ़ और कमज़ोर महिलायें होती है लेकिन वास्तव में किसी भी स्तर की महिलायें इन अपराधो से अछूती नहीं है। पर समाज में बदनामी के डर से अक्सर पढ़ी लिखी और स्वावलंबी महिलायें भी इन अपाधो के खिलाफ चुप्पी साध लेती है।
ऐसा ही कुछ हुआ केरल की रहने वाली श्रीलक्ष्मी सतीश के साथ जब उनके एक जानने वाले ने उनका फ़ोन नंबर कुछ अश्लील संदेशो के साथ व्हाट्स अप पर भेजना शुरू किया। पर चुप रहने की बजाय श्रीलक्ष्मी ने इस आदमी को सबक सिखाने की ठानी।
श्रीलक्ष्मी के इस जानने वाले ने उनका फ़ोन नंबर व्हाट्स अप पर साझा करते हुए साथ में लिखा था कि ‘ये उपलब्ध है’ और उन्हें ‘सुपर आइटम’ लिखकर संबोधित किया था। इसके बाद श्रीलक्ष्मी को अनजान लोगो के कॉल आने शुरू हो गए। वे उनसे भद्दे सवाल पूछने लगे जैसे कि,
“मैं तुमसे कहाँ मिल सकता हूँ? तुम्हारा रेट क्या है?”
“क्या 3000 रूपये काफी होंगे? क्या मैं होटल में कमरा बुक करवा लूँ?”
धीरे धीरे कॉल की संख्या इतनी बढ़ गयी कि श्रीलक्ष्मी ने परेशान होकर कॉल उठाने बंद कर दिए। पर इसके बाद उन्हें अनगिनत मेसेज आने शुरू हो गए। कुछ ने उनकी कीमत 25000 तक लगा दी। श्रीलक्ष्मी सदमे में थी। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है। हार कर उन्होंने अपना फ़ोन बंद कर दिया।
पर केरल के एक शिक्षा संस्थान की सीइओ (CEO) और एक जानी मानी प्रेरणात्मक प्रवक्ता (मोटिवेशनल स्पीकर) , श्रीलक्ष्मी सतीश इतनी जल्दी हार मानने वालो में से नहीं थी।
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बस घंटे भर के लिए हताश होने के बाद उन्होंने इस बेहूदगी के खिलाफ कुछ करने की ठानी। उन्होंने अपना फ़ोन शुरू किया और जिन अनजान नंबरो से उन्हें कॉल आया था उनमे से एक नंबर पर कॉल किया। फ़ोन उठानेवाला खासा उत्साहित हो उठा था पर जल्द ही उसका सारा उत्साह हवा हो गया जब श्रीलक्ष्मी ने अपने रुतबे के बारे में उसे बताया। डर के मारे वो श्रीलक्ष्मी से माफ़ी मांगने लगा। और इसके बाद श्रीलक्ष्मी के लिए ये जानना कोई मुश्किल काम नहीं था कि उनके बारे में ऐसी गलत अफवाह किसने फैलाई है। उस व्यक्ति ने उस व्हाट्स अप चैट का स्क्रीन शॉट भेजा जिससे ये साबित हो गया कि इस अफवाह को फैलाने वाला श्रीलक्ष्मी का एक जानकार था जो उनके सामने बेहद अदब से पेश आता था।
चौकाने वाली बात ये भी थी कि अफवाह फैलाने वाला व्यक्ति एक राष्ट्रिय पार्टी के युवा विंग का सचिव था। जब इसकी भनक इस पार्टी के अन्य सदस्यों को पड़ी तो वे श्रीलक्ष्मी के सामने पुलिस में न जाने की मिन्नतें करने लगे। इस पर श्रीलक्ष्मी ने शर्त रखी कि वो तभी पुलिस के पास नहीं जाएँगी यदि इस व्यक्ति को तुरंत पार्टी से निकाल दिया जाए। पर जब शाम 8 बजे तक भी उन्हें ऐसी कोई खबर नहीं मिली तो उन्होंने एफआइआर दर्ज कराने का मन बना लिया।
इसके बाद इस व्यक्ति के पिता श्रीलक्ष्मी के पास पहुँच गए और अपने बेटे को माफ़ कर देने की दरख्वास्त करने लगे। इस बूढ़े आदमी पर तरस खाकर श्रीलक्ष्मी ने उनके बेटे को सज़ा देने का एक और तरीका ढूंढ निकला। श्रीलक्ष्मी ने कहा कि वो उसे तभी माफ़ करेंगी जब वो एक अनाथ-आश्रम को 25000 रूपये दान करेंगे।
कोई और रास्ता न होने पर इस व्यक्ति ने श्रीलक्ष्मी की बात मान ली और सबूत के तौर पर उन्हें अनाथ आश्रम को दिए दान की रसीद भिजवाई। इस पुरे मामले को श्रीलक्ष्मी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा जो कि तुरंत वायरल हो गया और इसे 5000 से भी ज्यादा लोगो ने पढ़ा।
हालाँकि ज़्यादातर लोगो ने श्रीलक्ष्मी के इस साहसी कदम पर उनकी जमकर तारीफ की पर कुछ ऐसे भी थे जो इस पुरे मामले को शक की नज़र से देख रहे थे।
इस पर श्रीलक्ष्मी ने मलयाला मनोरमा को बताया कि उन्हें इस बात का बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि ये पोस्ट वायरल हो जायेगा। उन्हें लगा कि राजनीति से जुड़े होने के नाते वो शख्स उनपर कानूनी दांव पेंच का इस्तमाल करके उन्हें परेशान कर सकता है। ऐसे में उसकी असलियत लोगो के सामने लाने का उन्हें फेसबुक से अच्छा जरिया नहीं नज़र आया।
हमे आशा है कि श्रीलक्ष्मी की इस कहानी से प्रेरित होकर अन्य महिलायें भी अन्याय के खिलाफ आवाज़ ज़रूर उठाएंगी!