देहरादून का प्रेम नगर पुलिस स्टेशन भले ही बाकी सभी थानों जैसा ही हो, लेकिन फिर भी सब से ख़ास है। इसकी खासियत यह है कि सुबह के 9:30 बजे से लेकर दिन के 3:30 बजे तक यह स्टेशन स्कूल में तब्दील हो जाता है।
दरअसल, प्रेम नगर के पास नंदा की चौक झोपड़पट्टी के बहुत से गरीब बच्चे यहां पढ़ने के लिए आते हैं। ये सभी बच्चे 4 से 12 साल की उम्र के बीच के हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इन बच्चों की कभी भी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हुई है। देहरादून के एक एनजीओ, आसरा ट्रस्ट द्वारा इन बच्चों को पुलिस स्टेशन के सामने ही एक फुटपाथ पर पढ़ाया जाता था। ऐसे में पुलिस स्टेशन के अफ़सर मुकेश त्यागी ने चिंता जताई क्योंकि बच्चे ट्रैफिक के बहुत पास बैठते थे।
जिसके बाद इन बच्चों को त्यागी की निगरानी में पुलिस स्टेशन में ही पढ़ाया जाने लगा। इन बच्चों को हिंदी, इंग्लिश, अरिथमैटिक के साथ-साथ इतिहास, विज्ञान जैसे विषय भी पढ़ाये जाते हैं। पुलिस का समर्थन और सुरक्षा होने के कारण अब बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को यहां भेजने लगे हैं।
लगभग 51 बच्चे यहां आते हैं। बच्चों के लिए न केवल यह पुलिस स्टेशन बल्कि बहुत से अनजाने लोग भी मददगार साबित हो रहे हैं। किसी ने बच्चों को लाने-ले जाने के लिए 5000 रूपये के किराये पर एक वैन लगवाई है तो किसी ने बच्चों के लिए स्कूल बैग दिए हैं। एक सज्जन पुरुष की मदद से बच्चों को हर रोज खाने के लिए भी कुछ न कुछ दिया जाता है।
इतना ही नहीं, पुलिस स्टेशन का स्टाफ खासकर महिला पुलिस अफ़सर अपने खाली समय में बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चों को तीन सेशन में पढ़ाया जाता है। हर एक सेशन दो घंटे का होता है।
हम देहरादून पुलिस के इस कदम की सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि और भी बहुत से लोग इनसे प्रेरणा लेंगें।
संपादन – मानबी कटोच