Site icon The Better India – Hindi

किसी ने ग्राहकों से जोड़ा, तो किसी ने तैयार की रेसिपीज़ और एक दिन में बिक गए 10 टन अनानास!

कोविड-19 के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण किसानों की परेशानियां किसीसे छिपी नहीं हैं। देश के हर एक कोने से किसानों की तैयार फसलों को बाज़ार न मिलने की खबरें लगातार आती रही हैं। जिन सब्ज़ियों और फलों के दाम शहरों में आसमान छू रहे हैं उन्हीं सब्जियों को किसानों से बहुत ही कम भाव में खरीदा जा रहा है।

इस मुश्किल भरे माहौल में अच्छी खबर यह है कि हमारे समाज के बहुत से लोग और संगठन किसानों के साथ खड़े हो रहे हैं। बहुत से संगठनों ने किसानों को ग्राहकों से सीधा जोड़ने में अहम् भूमिका निभाई है। बेंगलुरु के वन्दे भारतम संगठन का नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल होता है। पिछले कई सालों से शहर में विभिन्न मुद्दों पर काम करने वाले इस संगठन ने लॉकडाउन के दौरान एक अनोखी पहल की है।

संगठन के एक सदस्य, मोहन ने बताया कि उन्होंने किसानों को अपने साथ जोड़ा है। उनसे सभी ताजा सब्जियां खरीदकर वे ट्रक आदि के माध्यम से सीधा ग्राहकों की सोसाइटी और अपार्टमेंट्स में पहुँचा रहे हैं।

वह आगे बताते हैं कि हॉर्टिकल्चर विभाग ने उनसे संपर्क किया और उन्हें अनानास उगाने वाले किसानों की परेशानियों के बारे में बताया। अनानास की मीठी किस्मों को लोग फल के रूप में खा लेते हैं। लेकिन नाटी किस्म के अनानास खट्टे होते हैं और ज़्यादातर इन्हें होटल इंडस्ट्री में अलग-अलग तरह के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है।

Vande Bharatam along with HOPCOMS, helping farmers

किसानों की मदद के लिए आगे आएं आम नागरिक

“लॉकडाउन की वजह से किसानों का माल कहीं नहीं जा पाया। उनकी परेशानी कम करने के लिए वन्दे भारतम संगठन ने हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूसर्स कॉपरेटिव मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग सोसाइटी से टाईअप किया। उन्होंने अन्य फल और सब्ज़ियों के साथ अनानास की बिक्री भी शुरू की। हमने भी इन किसानों की परेशानी के बारे में खबरों में पढ़ा तो अपने स्तर पर कुछ करने की ठानी,”   बंगलुरु निवासी स्नेहा नंदिहाल ने द बेटर इंडिया को बताया।

स्नेहा, बंगलुरु के इंदिरानगर इलाके की रेसीडेंशियल वेलफेयर असोसिएशन्स की फेडरेशन, आई चेंज इंदिरानगर की सदस्य हैं। उन्हें लगा कि एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते किसानों की मदद करना उनका फ़र्ज़ है। वह आगे बतातीं हैं कि उन्होंने HOPCOMS से संपर्क किया और उन्हें इंदिरानगर में भी अनानास की बिक्री करने के लिए कहा। उन्होंने और उनकी टीम ने मिलकर इंदिरानगर में रहने वाले लोगों को इस मुहिम से जोड़ा और सबको किसानों की मदद के लिए आगे आने को कहा।

Citizens of Indiranagar (Photo by Lakshmi of I Change Indiranagar)

अलग-अलग व्हाट्सअप समूह और सोशल मीडिया ग्रुप्स के माध्यम से लोगों को जानकारी दी गई। साथ ही, जब वैन उनके इलाके में बिक्री के लिए पहुंची तो उनके वॉलंटियर्स ने माइक पर घोषणाएं भी कीं। स्नेहा आगे कहतीं हैं कि उनकी इस एक पहल की वजह से इंदिरानगर में मात्र एक दिन में लगभग 10 टन अनानास की बिक्री हुई।

इंदिरानगर के अलावा, वन्दे भारतम अब तक लगभग 350 टन अनानास बेच चुका है और इससे 35 किसानों को फायदा हुआ है।

अनानास की रेसिपी बुक

Lata Amashi

वंदे भारतम के मुताबिक अनानास को फल की तरह बहुत ही कम खाया जाता है, फिर भी लोगों ने किसानों की मदद के लिए इन्हें खरीदा। लेकिन इनके सामने सवाल फिर भी यही था कि कैसे इन अनानासों का सही उपयोग हो। ऐसे में, इंदिरानगर में ही रहने वालीं लता अमाशी को एक आईडिया सूझा।

लता ने बताया, “हमें पता है कि अनानास की यह वैरायटी सीधा खाने की बजाय अलग-अलग खाने में इस्तेमाल होती है। मुझे लगा कि अगर लोगों को रेसिपी मिल जाए तो बिक्री ज्यादा होगी क्योंकि फिर उनके पास अनानास खरीदने और उपयोग करने की वजह होगी।”

लता रोटरी बेंगलुरु,  इंदिरानगर की चेयरमैन हैं। ब्लड डोनेशन और डायबिटीज पर जागरूकता के लिए उनका नाम दो बार गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल हो चुका है। हमेशा से ही सामाजिक कार्यों से जुड़ी, लता लॉकडाउन के दौरान भी लोगों की मदद करने से पीछे नहीं रहीं।
वह बतातीं है कि उन्होंने अपने संगठन के माध्यम से अब तक लगभग एक लाख राशन की किट ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाई हैं। आई चेंज इंदिरानगर की पहल के बारे में जब उन्हें पता चला तो उन्होंने इस अनोखे अंदाज़ में उनकी मदद करने की ठानी।

Photo by Lakshmi of I Change Indiranagar

लता ने कुछ इंटरनेट के माध्यम से और कुछ खाना बनाने में माहिर अपने जान-पहचान के लोगों से संपर्क किया। इन लोगों में ऐसे चाची-मासियाँ शामिल थीं जिन्हें पारम्परिक व्यंजन बनाने आते हैं। उनसे बात करके और कुछ ब्लॉग फॉलो करके लता ने 30 रेसिपी तैयार कीं। उन्होंने सभी रेसिपीज़ को खुद लिखा और फिर इसे स्कैन करके एक इ-बुक तैयार की। इस इ-बुक को उन्होंने अपने सभी व्हाट्सअप ग्रुप्स में शेयर किया। बस फिर इसके बाद शुरू हुआ कुकिंग का सिलसिला, हर दिन ग्रुप्स में लोग शेयर करते कि उन्होंने अनानास की कौनसी रेसेपी बनाई है।

इस तरह से इंदिरानगर के ये नागरिक किसानों की मदद करने में कामयाब रहे। लता कहतीं हैं कि लोग उन्हें और रेसिपीज़ लिखने के लिए कह रहे हैं और हो सकता है कि वह दूसरी इ-बुक भी रिलीज़ करें!

लता ने हमारे पाठको के लिए भी एक चटपटी रेसिपी साझा की है, जिसे आप आसानी से बना सकते हैं –

अनानास की तीखी चटनी

Representative Picture

सामग्री: दो कप अनानास (कटे हुए), एक चम्मच तेल, एक इलायची, एक इंच दालचीनी, दो-चार करी पत्ते, आधा चम्मच हल्दी, एक चम्मच चिली फ्लेक्स, एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर, दो चम्मच चीनी, एक चौथाई कप पानी, और नमक स्वादानुसार।

विधि: एक पैन में तेल गर्म करें और गर्म होने के बाद इसमें इलायची, दालचीनी और करी पत्ता डालें। इन्हें भूनें और हल्दी, मिर्च, चिली फ्लेक्स , चीनी और पानी मिलाएं। अब नमक मिलाएं और कुछ देर तक पकने दें। अब अनानास डालें और धीमी आंच पर 8 से 10 मिनट पकाएं। गैस को बंद करके इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद डिब्बे में स्टोर करें!

अनानास से बनने वाली ऐसी और भी बहुत-सी रेसिपीज़ के लिए आप यह इ-बुक देख सकते हैं।

वंदे भारतम से संपर्क करने के लिए उन्हें info@vandebharatam.org पर ईमेल करें!

संपादन – मानबी कटोच 

यह भी पढ़ें: रंग लाई वैज्ञानिकों की मेहनत, अब जल्द मिलेंगे कटहल के जूस, कुकीज़ और चॉकलेट!


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

Exit mobile version