आजकल उत्तर-प्रदेश के बहराइच जिले के बेगमपुर सरकारी प्राथमिक स्कूल में आप जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) माला श्रीवास्तव को बच्चों को पढ़ाते हुए पायेंगें। इतना ही नहीं, यह आइएएस अफ़सर इन बच्चों के साथ बैठकर मिड-डे मील भी खाती हैं।
दरअसल, जिला अधिकारी स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य कामों को जांचने के लिए दौरे पर थीं। इसी दौरान उन्होंने कुछ वक़्त बच्चों के साथ बिताने का भी फैसला किया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इन्होंने किसी सरकारी स्कूल में वक़्त बिताया है।
उन्होंने जिले में ‘विद्या दान, एक आदर्श दान’ जैसी पहल भी की है। इसके अंतर्गत अलग-अलग विभागों, जगहों से अधिकारियों को हफ्ते में कम से कम एक घंटा जाकर सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का काम सौंपा गया है। यह अभियान सितम्बर के महीने में शुरू हुआ था। आउटलुक इंडिया के साथ एक साक्षात्कार में इस अभियान के बारे में बताते हुए, डीएम ने कहा,
“समाज के बुद्धिजीवी, चाहे वह सरकारी अधिकारी हों, सेवानिवृत्त कर्मचारी, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक हों, शिक्षित गृहिणियों या युवाओं से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया गया है।”
इस पहल का प्रभाव जिले के 400 सरकारी स्कूलों में देखा जा सकता है, जहाँ ये स्वयंसेवक वक़्त निकालकर बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य जिले के प्रत्येक विकास खंड में कम से कम 10 ‘आदर्श विद्यालयों’ (मॉडल स्कूल) का निर्माण करना है। ये सभी स्कूल अपनी अच्छी शिक्षा, सरंचना, शिक्षकों के रचनात्मक शोध, बच्चों के पार्लियामेंट और कैबिनेट आदि के लिए अलग से जाने जायेंगे।
हालांकि, उनका उद्देश्य सिर्फ़ अच्छी शिक्षा देना ही नहीं बल्कि जिले के अन्य 3400 सरकारी प्राथमिक स्कूलों को प्रेरित करना है ताकि और भी बच्चों के जीवन को संवारा जा सके।
उत्तर प्रदेश की राज्य शिक्षा मंत्री अनुपमा जयस्वाल ने कहा कि वे ऐसा सिस्टम बनाना चाहते हैं, जिसमें हर एक क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोग बच्चों को पढ़ायें। हालांकि, यह पहल किसी पर भी थोपी नहीं जाएगी बल्कि यह स्वयंसेवा सिद्धांत पर लागू होगी। जो भी इससे जुड़ना चाहता है वह जुड़ सकता है।
पिछले महीने, नीति आयोग ने भी अपने एक ट्वीट में इस अभियान की प्रशंसा करते हुए लिखा था कि पिछले एक महीने में बहराइच में इस अभियान के लिए लगभग 700 लोगों ने स्वयंसेवा दी है जिनमें युवा, डॉक्टर, रिटायर्ड शिक्षक और सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
#EducationForChange: In the #AspirationalDistrict Bahraich, over 700 youth, doctors, retired teachers & government officials volunteered for the ‘Vidyadaan Campaign’ last month. @DMBahraich Mala Srivastava is looking forward to developing 200 demonstration schools in the district pic.twitter.com/aBo0Rdxw9p
— NITI Aayog (@NITIAayog) November 6, 2018
जिला अधिकारी माला श्रीवास्तव को इस नेक पहल के लिए बधाई!