एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2 सितंबर की रात को दो चोर हैदराबाद के पुराने क्वार्टर में पुरानी हवेली के निज़ाम संग्रहालय में एक वेंटिलेटर शाफ्ट के जरिये घुसे।
अगले दिन जब संग्राहलय खोला गया तो चौकीदारों को सभी बक्से खुले हुए व टूटे ताले मिले और साथ ही, अमूल्य कलाकृतियां गायब थीं। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, मीरचौक पुलिस स्टेशन के एसएचओ एस बालू चौहान ने कहा कि इन चोरों ने आर्टीफेक्ट्स से दूर सीसीटीवी कैमरों के लेंस को भी बदल दिया था।
चोरों ने 4 किलो के हीरे, रूबी और पन्ना से जड़ित सोने के एक टिफिन बॉक्स के साथ रूबी और पन्ना से लैस एक सोने का कप, एक तश्तरी, चम्मच और ट्रे चुराया था।
हैदराबाद पुलिस के आयुक्त अंजनी कुमार के मुताबिक, इस चोरी के सामान की कीमत 1 करोड़ से ऊपर की होगी और आर्टीफेक्ट्स की कीमत उससे भी कहीं ज्यादा। और दुबई बाजार में इन कलाकृतियों को 30 से 40 करोड़ रुपये के लिए बेचा जा सकता था।
उन्होंने बताया कि चोर शायद एक गोल्ड कवर के साथ क़ुरान भी ले जाते। अब इसे डर कहें या फिर विश्वास लेकिन उन्होंने कुरान को वहीं छोड़ दिया।
लेकिन सवाल है कि ये चोर आखिर पकड़े कैसे गए?
संग्रहालय में 32 सुरक्षा कैमरे हैं और लगभग 18 बाहर जाने के रास्ते हैं। एक कैमरे ने बाइक पर सवार दो लोगों की वीडियो फुटेज कैद की है लेकिन उनका चेहरा साफ़ नहीं दिख रहा है।
अंजनी कुमार ने बताया कि बाइक पर पीछे बैठा हुआ व्यक्ति फ़ोन पर बात कर रहा था लेकिन जब हमरी 22 टीमों ने लगभग 300 टावरों के सिग्नल ट्रेस किये तो हमें कुछ नहीं मिला। बाद में पता चला कि वह केवल दिखावा कर रहा था ताकि हमें गुमराह किया जा सके।
इसके बाद पुलिस ने ज्ञात अपराधियों की जानकारी निकालनी शुरू की जिन्होंने पहले भी इस तरह से चोरी को अंजाम दिया हो या फिर इतने पतले हैं कि वेंटीलेटर से अंदर घुस सकें। पर यह खोज भी असफल रही।
पुलिस को कोई सुराग नहीं मिलता अगर शहर की वीडियो सुरक्षा ने उन्हें एक मौका नहीं दिया होता। चारमीनार क्षेत्र में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दो बाइक सवार अचानक रुके जब रेडिएटर एक पत्थर पर लगा। साथ ही, जहीराबाद जिले में रेडिएटर की समस्या वाली एक लावारिस बाइक भी मिली।
दोनों वाहनों को जब मिलाया गया तो पुलिस को सुराग हाथ लगा। वे चोरों को ट्रैक करने में कामयाब रहे, जो मुंबई में थे और अपने पकड़े जाने तक एक पांच-सितारा होटल में ऐश की ज़िन्दगी गुजार रहे थे। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर हैदराबाद वापिस लायी।
खैर, अब इस घटना के बाद, हैदराबाद पुलिस की आँखे अपनी सुरक्षा निगरानी को लेकर खुल गयी हैं। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए संस्थान के सुरक्षा अधिकारी ने माना कि मौजूदा सुरक्षा विवरण पर्याप्त नहीं हैं।
उम्मीद है कि न केवल यहीं बल्कि देश में हर एक मूलयवान संग्राहलय की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जायेगी। ताकि कोई भी चोर ऐसा करने के बारे में सोचे भी नहीं।
( संपादन – मानबी कटोच )